पहलू खान की हत्या मामले में अलवर जिला न्यायालय ने बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। राजस्थान के अलवर में 1 अप्रैल 2017 को गोतस्करी के शक में कथित गोरक्षकों की भीड़ द्वारा पहलू खान की जमकर पिटाई की गई थी, डेयरी कारोबार करने वाले पहलू की 2 दिन बाद मौत हो गई थी। पहलू खान की हत्या की वारदात में नौ आरोपी पकड़े गए थे, जिनमें दो नाबालिग हैं।
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गौरतलब है कि जिस वक्त पहलू खान पर हमला हुआ था, उस वक्त वह राजस्थान में गाय खरीदने के बाद हरियाणा जा रहे थे। पहलू खान की हमले के 2 दिनों बाद मौत हो गई थी। भीड़ ने उन्हें पशु तस्कर समझकर हमला किया था। इस केस की खास बात यह है कि पीट-पीटकर हत्या की वारदात में 6 आरोपियों को क्लीन चिट दी जा चुकी थी। पुलिस के मुताबिक, सबूतों के आधार पर 6 आरोपियों को क्लीन चिट दी गई।
उधर, पहलू खान के बेटे ने इसे धोखा बताया और कहा कि उनका परिवार फिर से जांच की मांग करेगा। एडीजी (सीआईडी-सीबी) पंकज कुमार सिंह ने बताया था, 'पहलू खान केस की जांच में 6 लोगों को क्लीन चिट दिया गया है। 9 दूसरे आरोपियों को आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ेगा।' इस मामले में सीबीसीआईडी ने नामजद 6 व्यक्तियों को (सुधीर यादव, हुकमचंद यादव, ओम यादव, नवीन शर्मा, राहुल सैनी और जगमाल सिंह) आरोपी नहीं माना था। उनकी जगह वीडियो फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर 9 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। पुलिस ने विपिन, रवींद्र, कालूराम, दयानंद, योगेश कुमार, दीपक गोलियां और भीमराठी ओर दो नाबालिग को आरोपी बनाया था। फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं।
बता दें कि एक अप्रैल, 2017 को हरियाणा के नूह मेवात जिले के जयसिंहपुरा गांव निवासी पहलू खान अपने दो बेटों उमर और ताहिर के साथ जयपुर के पशु हटवाड़ा से दुधारू पशु खरीदकर अपने घर जा रहे थे। इस बीच अलवर के बहरोड़ पुलिया के पास भीड़ ने गाड़ी को रुकवा कर पहलू और उनके बेटों से मारपीट की थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पहलू खान को बहरोड़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान 4 अप्रैल 2017 को उनकी मौत हो गई थी। यह मामला राजस्थान से लेकर दिल्ली तक उठा था। इस मामले में वसुंधरा सरकार को देशभर में आलोचना झेलनी पड़ी थी। पिछले दिनों सरकरा ने विधानसभा में मॉब लिंचिंग कानून पारित कराया है।
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गौरतलब है कि जिस वक्त पहलू खान पर हमला हुआ था, उस वक्त वह राजस्थान में गाय खरीदने के बाद हरियाणा जा रहे थे। पहलू खान की हमले के 2 दिनों बाद मौत हो गई थी। भीड़ ने उन्हें पशु तस्कर समझकर हमला किया था। इस केस की खास बात यह है कि पीट-पीटकर हत्या की वारदात में 6 आरोपियों को क्लीन चिट दी जा चुकी थी। पुलिस के मुताबिक, सबूतों के आधार पर 6 आरोपियों को क्लीन चिट दी गई।
उधर, पहलू खान के बेटे ने इसे धोखा बताया और कहा कि उनका परिवार फिर से जांच की मांग करेगा। एडीजी (सीआईडी-सीबी) पंकज कुमार सिंह ने बताया था, 'पहलू खान केस की जांच में 6 लोगों को क्लीन चिट दिया गया है। 9 दूसरे आरोपियों को आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ेगा।' इस मामले में सीबीसीआईडी ने नामजद 6 व्यक्तियों को (सुधीर यादव, हुकमचंद यादव, ओम यादव, नवीन शर्मा, राहुल सैनी और जगमाल सिंह) आरोपी नहीं माना था। उनकी जगह वीडियो फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर 9 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। पुलिस ने विपिन, रवींद्र, कालूराम, दयानंद, योगेश कुमार, दीपक गोलियां और भीमराठी ओर दो नाबालिग को आरोपी बनाया था। फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं।
बता दें कि एक अप्रैल, 2017 को हरियाणा के नूह मेवात जिले के जयसिंहपुरा गांव निवासी पहलू खान अपने दो बेटों उमर और ताहिर के साथ जयपुर के पशु हटवाड़ा से दुधारू पशु खरीदकर अपने घर जा रहे थे। इस बीच अलवर के बहरोड़ पुलिया के पास भीड़ ने गाड़ी को रुकवा कर पहलू और उनके बेटों से मारपीट की थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पहलू खान को बहरोड़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान 4 अप्रैल 2017 को उनकी मौत हो गई थी। यह मामला राजस्थान से लेकर दिल्ली तक उठा था। इस मामले में वसुंधरा सरकार को देशभर में आलोचना झेलनी पड़ी थी। पिछले दिनों सरकरा ने विधानसभा में मॉब लिंचिंग कानून पारित कराया है।