उत्तराखंड में कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं। अब खबर है कि योगगुरु बाबा रामदेव के हरिद्वार स्थित विभिन्न संस्थानों में भी कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी है। योगगुरु बाबा रामदेव के पतंजलि में 46, योगग्राम में 28 और आचार्यकुलम में 9 कोरोना संक्रमित मिले हैं। कोरोना संक्रमित मिलने के बाद तीनों संस्थानों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर बाबा रामदेव की भी कोरोना जांच हो सकती है। अब तक विभिन्न संस्थानों में कोरोना संक्रमण के 83 केस मिल चुके हैं। हालांकि, रामदेव के प्रवक्ता की ओर से दावा किया गया है कि बाबा रामदेव के संस्थानों में कोई भी पॉजिटिव केस नहीं है, क्योंकि बाहर ही सबकी टेस्टिंग की जाती है और संक्रमित लोगों को अंदर एंट्री ही नहीं दी जाती है।
उत्तराखंड के हरिद्वार में कोरोना संक्रमण तेज होता जा रहा है। हरिद्वार में कुंभ मेला भी चल रहा है, जिसकी वजह से शहर में भारी भीड़ जमा है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में संक्रमितों के मिलने के बाद प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है और पतंजलि पीठ में मौजूद अन्य लोगों की भी कोरोना जांच की जा रही है। जानकारी के अनुसार पतंजलि योगपीठ के कई संस्थानों में हर दिन कोरोना के मरीज मिल रहे हैं।
हरिद्वार के सीएमओ डॉ. शंभू झा ने बताया कि 10 अप्रैल से अब तक पतंजलि योगपीठ आचार्यकुलम और योग ग्राम में 83 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। इन कोरोना मरीजों को पतंजलि परिसर में आइसोलेट किया गया है। यही नहीं, संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने 3 टीमें तैयार की हैं, जो उनको ट्रेस कर रही हैं। इनका डेटा तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को दिया जाएगा।
उधर, तिजारावाला (@tijarawala) ट्विटर हैंडल के जरिए दावा किया गया कि मीडिया में चल रही बाबा रामदेव के संस्थानों में कोरोना संक्रमण फैलने की खबरें असत्य हैं। इन संस्थानों में मरीजों की आवश्यक कोरोना टेस्टिंग के लिए सेंटर है। जो लोग कोविड पॉजिटिव पाए जाते हैं, उन्हें संस्थान में प्रवेश नहीं दिया जाता है।
उधर, कुंभ में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 150 साधु संतों के अलावा 100 के करीब पुलिसकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। हरिद्वार के चीफ मेडिकल अफसर (CMO) डॉ एसके झा के मुताबिक, एक अप्रैल को कुंभ मेले की शुरुआत से अब तक हरिद्वार में 150 से ज्यादा साधु कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। वही 100 के करीब पुलिसकर्मी भी संक्रमित हुए हैं।
पतंजलि के अलग-अलग केंद्रों में भी कोरोना वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है। अमर उजाला की खबर के मुताबिक, बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ में 10 अप्रैल को 5 कोरोना केस सामने आए थे और फिर 14 अप्रैल को 14 नए केस दर्ज हुए। 17 अप्रैल को दोबारा संक्रमण के मामले बढ़े और 10 लोगों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 18 अप्रैल को 39 व 19 अप्रैल को 5 केस आएं। प्रशासन का कहना है कि पतंजलि में संक्रमित मिले लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कराई जा रही है।
खास यह भी है कि बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद ने इस साल फरवरी में दावा किया था कि उसकी कोरोनिल किट को आयुष मंत्रालय के साथ-साथ WHO का सर्टिफिकेट मिला है। कोरोनिल किट के लॉन्च इवेंट पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी थे। हालांकि, WHO ने स्पष्ट किया था कि उसने किसी ‘पारंपरिक’ दवाई को मंजूरी नहीं दी है। इसके बाद पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने सफाई देते हुए कहा था कि 'कोरोनिल को वो सर्टिफिकेट DCGI यानि भारत के ड्रग कंट्रोलर ने जारी किया हैं।
उधर, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए सरकार ने पाबंदियों को और सख्त कर दिया है। इससे पहले ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में ओपीडी बंद कर दी गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि महामारी के बढ़ते मामलों के कारण ओपीडी को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोविड रोगियों के लिए 200 बिस्तर हैं जिन्हें जरूरत पड़ने पर बढ़ाकर 500 तक किया जा सकता है। इसके मद्देनजर तीरथ सिंह रावत सरकार ने पूरे प्रदेश में नाइट कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी है। कोरोना की रोकथाम के लिए जारी नई SOP के तहत, अब प्रदेश के सभी जिलों में रात 9 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा।
उत्तराखंड के हरिद्वार में कोरोना संक्रमण तेज होता जा रहा है। हरिद्वार में कुंभ मेला भी चल रहा है, जिसकी वजह से शहर में भारी भीड़ जमा है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में संक्रमितों के मिलने के बाद प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है और पतंजलि पीठ में मौजूद अन्य लोगों की भी कोरोना जांच की जा रही है। जानकारी के अनुसार पतंजलि योगपीठ के कई संस्थानों में हर दिन कोरोना के मरीज मिल रहे हैं।
हरिद्वार के सीएमओ डॉ. शंभू झा ने बताया कि 10 अप्रैल से अब तक पतंजलि योगपीठ आचार्यकुलम और योग ग्राम में 83 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। इन कोरोना मरीजों को पतंजलि परिसर में आइसोलेट किया गया है। यही नहीं, संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने 3 टीमें तैयार की हैं, जो उनको ट्रेस कर रही हैं। इनका डेटा तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को दिया जाएगा।
उधर, तिजारावाला (@tijarawala) ट्विटर हैंडल के जरिए दावा किया गया कि मीडिया में चल रही बाबा रामदेव के संस्थानों में कोरोना संक्रमण फैलने की खबरें असत्य हैं। इन संस्थानों में मरीजों की आवश्यक कोरोना टेस्टिंग के लिए सेंटर है। जो लोग कोविड पॉजिटिव पाए जाते हैं, उन्हें संस्थान में प्रवेश नहीं दिया जाता है।
उधर, कुंभ में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 150 साधु संतों के अलावा 100 के करीब पुलिसकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। हरिद्वार के चीफ मेडिकल अफसर (CMO) डॉ एसके झा के मुताबिक, एक अप्रैल को कुंभ मेले की शुरुआत से अब तक हरिद्वार में 150 से ज्यादा साधु कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। वही 100 के करीब पुलिसकर्मी भी संक्रमित हुए हैं।
पतंजलि के अलग-अलग केंद्रों में भी कोरोना वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है। अमर उजाला की खबर के मुताबिक, बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ में 10 अप्रैल को 5 कोरोना केस सामने आए थे और फिर 14 अप्रैल को 14 नए केस दर्ज हुए। 17 अप्रैल को दोबारा संक्रमण के मामले बढ़े और 10 लोगों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 18 अप्रैल को 39 व 19 अप्रैल को 5 केस आएं। प्रशासन का कहना है कि पतंजलि में संक्रमित मिले लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कराई जा रही है।
खास यह भी है कि बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद ने इस साल फरवरी में दावा किया था कि उसकी कोरोनिल किट को आयुष मंत्रालय के साथ-साथ WHO का सर्टिफिकेट मिला है। कोरोनिल किट के लॉन्च इवेंट पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी थे। हालांकि, WHO ने स्पष्ट किया था कि उसने किसी ‘पारंपरिक’ दवाई को मंजूरी नहीं दी है। इसके बाद पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने सफाई देते हुए कहा था कि 'कोरोनिल को वो सर्टिफिकेट DCGI यानि भारत के ड्रग कंट्रोलर ने जारी किया हैं।
उधर, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए सरकार ने पाबंदियों को और सख्त कर दिया है। इससे पहले ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में ओपीडी बंद कर दी गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि महामारी के बढ़ते मामलों के कारण ओपीडी को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोविड रोगियों के लिए 200 बिस्तर हैं जिन्हें जरूरत पड़ने पर बढ़ाकर 500 तक किया जा सकता है। इसके मद्देनजर तीरथ सिंह रावत सरकार ने पूरे प्रदेश में नाइट कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी है। कोरोना की रोकथाम के लिए जारी नई SOP के तहत, अब प्रदेश के सभी जिलों में रात 9 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा।