केरल: कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया

Written by sabrang india | Published on: February 4, 2025
पतंजलि आयुर्वेद पर अपने उत्पादों को लेकर असत्यापित चिकित्सीय दावे करने का आरोप लगाया गया है, जिसके चलते कई स्थानों पर कानूनी कार्रवाई की गई है।


फोटो साभार : जनसत्ता (फाइल फोटो)

योग गुरु बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ केरल की एक अदालत ने शनिवार एक फरवरी को गैर-जमानती वारंट जारी किया। दोनों कथित भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों को लेकर दिव्य फार्मेसी के खिलाफ केरल ड्रग्स इंस्पेक्टर द्वारा दायर आपराधिक मामले की सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हुए।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार 15 फरवरी को उपस्थित होने के लिए वारंट जारी किए गए हैं।

इससे पहले पलक्कड़ के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट-द्वितीय की अदालत ने रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर उन्हें एक फरवरी को अदालत में पेश होने को कहा था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए।

द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, कन्नूर के नेत्र रोग विशेषज्ञ केवी बाबू द्वारा कई शिकायतें दर्ज कराए जाने के बाद, नवंबर 2023 में केरल के औषधि नियंत्रण विभाग ने राज्य भर में अपने कार्यालयों को ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, (डीएमआर अधिनियम) 1954 का उल्लंघन करने के लिए पतंजलि के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया था।

ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, (डीएमआर अधिनियम) 1954 की धारा 3, 3 (बी) और 3 (डी) के तहत केरल औषधि निरीक्षक ने शिकायत दर्ज की है, जिसमें अधिनियम की धारा 3 कुछ निर्दिष्ट बीमारियों और विकारों के इलाज के लिए कुछ दवाओं के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाती है।

इस मामले में प्रथम आरोपी दिव्य फार्मेसी है, वहीं बालकृष्ण दूसरे और रामदेव तीसरे आरोपी हैं।

ज्ञात हो कि विज्ञापनों में यह दावा किया गया था कि उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों का इलाज पतंजलि आयुर्वेद के कुछ प्रोडक्ट कर सकते हैं। वहीं डीएमआर अधिनियम के तहत ऐसे विज्ञापनों पर प्रतिबंध है।

रिपोर्ट के अनुसार, केरल के डॉक्टर केवी बाबू ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कई बार केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। फरवरी 2024 में लिखे पत्र में केंद्र से शिकायत करते हुए उत्तराखंड के अधिकारियों पर केंद्र के कई निर्देशों और प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बावजूद पतंजलि के हर्बल उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने शुरू में रामदेव और अन्य को 16 जनवरी को पेश होने के लिए समन जारी किया था। जब वे पेश नहीं हुए तो एक जमानती वारंट जारी किया गया, जिसमें उन्हें 1 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया गया।

हालांकि, उनकी लगातार अनुपस्थिति के कारण अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को होनी है।

पतंजलि आयुर्वेद पर अपने उत्पादों के बारे में असत्यापित चिकित्सा दावे करने का आरोप है, जिसके कारण कई स्थानों पर कानूनी कार्रवाई की गई है।

कोझिकोड और हरिद्वार में भी इसी तरह के मामले लंबित हैं, जहां कई समन जारी किए गए हैं। औषधि विभाग के सूत्रों ने बताया कि केवल केरल में बाबा रामदेव और दो अन्य पक्षों के खिलाफ 12 मामले दर्ज किए गए हैं।

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