नई दिल्ली। योगगुरु बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि आयुर्वेद पर कोरोना का साया मंडराने लगा है। संस्था के डेयरी कारोबार के CEO सुनील बंसल का कोरोना से निधन हो गया है। 57 साल के सुनील की मौत 19 मई को ही हो गई थी। इस खबर को द प्रिंट ने सुनील के सहयोगियों के हवाले से चलाया है।
रिपोर्ट्स की मानें तो इन्फेक्शन ज्यादा होने से सुनील के फेफड़े खराब हो गए थे। साथ ही उन्हें ब्रेन हेमरेज भी हुआ था। इसके बाद उन्होंने 19 मई को अस्पताल में आखिरी सांस ली।
रामदेव ने एलोपैथी पर दिया बयान वापस लिया
योग गुरु रामदेव ने रविवार को एलोपैथिक मेडिसिन पर अपने हालिया बयान को वापस ले लिया है। उनके बयान का डॉक्टरों की ओर से कड़ा विरोध किया जा रहा था। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को चिट्ठी लिखकर बाबा रामदेव से बयान वापस लेने के लिए कहा। देर शाम रामदेव ने कहा कि वे मेडिकल साइंस के सभी रूपों का सम्मान करते हैं। एलोपैथी ने कई जानें बचाई हैं।
स्वास्थ्य मंत्री के पत्र का जवाब देते हुए रामदेव ने कहा कि वह इस मामले को शांत करना चाहते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि आपका पत्र प्राप्त हुआ। उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्धतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापस लेता हूं।
हर्षवर्धन ने अपने पत्र में लिखा था कि एलोपैथी से जुड़े हेल्थ वर्कर्स और डॉक्टर बहुत मेहनत से कोरोना मरीजों की जान बचा रहे हैं। आपके बयान से कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई कमजोर पड़ सकती है। उम्मीद है कि आप अपने बयान को वापस लेंगे।
इससे पहले शनिवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने स्वास्थ्य मंत्री को चिट्ठी लिखकर एलोपैथी पर दिए बाबा रामदेव के बयान पर आपत्ति जताई थी। IMA ने रामदेव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग भी की थी।
रिपोर्ट्स की मानें तो इन्फेक्शन ज्यादा होने से सुनील के फेफड़े खराब हो गए थे। साथ ही उन्हें ब्रेन हेमरेज भी हुआ था। इसके बाद उन्होंने 19 मई को अस्पताल में आखिरी सांस ली।
रामदेव ने एलोपैथी पर दिया बयान वापस लिया
योग गुरु रामदेव ने रविवार को एलोपैथिक मेडिसिन पर अपने हालिया बयान को वापस ले लिया है। उनके बयान का डॉक्टरों की ओर से कड़ा विरोध किया जा रहा था। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को चिट्ठी लिखकर बाबा रामदेव से बयान वापस लेने के लिए कहा। देर शाम रामदेव ने कहा कि वे मेडिकल साइंस के सभी रूपों का सम्मान करते हैं। एलोपैथी ने कई जानें बचाई हैं।
स्वास्थ्य मंत्री के पत्र का जवाब देते हुए रामदेव ने कहा कि वह इस मामले को शांत करना चाहते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि आपका पत्र प्राप्त हुआ। उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्धतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापस लेता हूं।
हर्षवर्धन ने अपने पत्र में लिखा था कि एलोपैथी से जुड़े हेल्थ वर्कर्स और डॉक्टर बहुत मेहनत से कोरोना मरीजों की जान बचा रहे हैं। आपके बयान से कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई कमजोर पड़ सकती है। उम्मीद है कि आप अपने बयान को वापस लेंगे।
इससे पहले शनिवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने स्वास्थ्य मंत्री को चिट्ठी लिखकर एलोपैथी पर दिए बाबा रामदेव के बयान पर आपत्ति जताई थी। IMA ने रामदेव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग भी की थी।