जहां मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राज्य भर में चुनाव प्रचार करती घूम रही हैं, अपनी सरकार को अब तक की सबसे बेहतर सरकार बता रही हैं, वहीं उनके शासन में मलेरिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू और जीका वायरस जैसी बीमारियां जानलेवा बन चुकी हैं और सैकड़ों लोगों की जान ले चुकी हैं। ये हालत भाजपा के शासन वाले अन्य राज्यों में भी है।
इस बार स्वाइन फ्लू से नौ अक्टूबर तक 182 लोगों की मौत हो चुकी है। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के अनुसार राजस्थान में 30 सितंबर तक स्वाइन फ्लू के 1652 मामले सामने आ चुके थे।
रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में स्वाइन फ्लू के 4484 मामले सामने आए थे जिनमें से 353 की मौत हो गई थी। राजस्थान के बाद सबसे ज्यादा 1167 मामले एक और भाजपा शासित राज्य महाराष्ट्र में सामने आए हैं। महाराष्ट्र में 101 लोगों की मौत हुई है। भाजपा की प्रयोगशाला कहे जाने वाले गुजरात में 786 मामले सामने आए और 60 मौतें हुईं।
राजस्थान में तीस सितंबर के बाद 9 अक्टूबर तक स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मामलों की संख्या 1652 से बढ़कर 1818 हो गई और कुल मौतों की संख्या 182 हो चुकी हैं। इनमें सबसे ज्यादा 822 मामले जयपुर में सामने आए जहां मौतें भी 36 हो चुकी हैं।
इस तरह से, देश भर में स्वाइन फ्लू से सर्वाधिक 164 लोगों की मौत राजस्थान में हुई है। राजस्थान में 1652 दर्ज मामलों में से 164 लोगों की मौत हो चुकी है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के अनुसार देश भर में इस वर्ष जनवरी से 30 सितंबर तक स्वाइन फ्लू से पीडित मरीजों की संख्या 4484 थी जिनमें से 353 लोगों की मौत हो चुकी है।
देश भर में एच1 एन1 बीमारी से सबसे ज्यादा मौतें राजस्थान में दर्ज की गई हैं। राजस्थान में स्वाइन फ्लू के 1652 दर्ज मामलों में से 164 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में स्वाइन फ्लू के 1167 मामले दर्ज हुए उनमें से 101 लोगों की मौत 30 सितंबरर तक हो चुकी है।
गुजरात में 786 मामले दर्ज हुए और 30 लोगों की मौत हो चुकी है। राजस्थान के चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रदेश में जनवरी से नौ अक्टूबर तक स्वाइन फ्लू के 18, 636 मरीजों के नमूनों की जांच हुई जिनमें 1818 सकारात्मक और 16818 नकारात्मक नतीजे आए, जबकि 182 लोगों की मौत हो गई।
राजधानी जयपुर में स्वाइन फ्लू के 822 सकारात्मक मामलों में से 36 लोगों की मौत हो गई। कोटा में 291 सकारात्मक मामलों में 23 लोगों की मौत हो गई।
इस बार स्वाइन फ्लू से नौ अक्टूबर तक 182 लोगों की मौत हो चुकी है। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के अनुसार राजस्थान में 30 सितंबर तक स्वाइन फ्लू के 1652 मामले सामने आ चुके थे।
रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में स्वाइन फ्लू के 4484 मामले सामने आए थे जिनमें से 353 की मौत हो गई थी। राजस्थान के बाद सबसे ज्यादा 1167 मामले एक और भाजपा शासित राज्य महाराष्ट्र में सामने आए हैं। महाराष्ट्र में 101 लोगों की मौत हुई है। भाजपा की प्रयोगशाला कहे जाने वाले गुजरात में 786 मामले सामने आए और 60 मौतें हुईं।
राजस्थान में तीस सितंबर के बाद 9 अक्टूबर तक स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मामलों की संख्या 1652 से बढ़कर 1818 हो गई और कुल मौतों की संख्या 182 हो चुकी हैं। इनमें सबसे ज्यादा 822 मामले जयपुर में सामने आए जहां मौतें भी 36 हो चुकी हैं।
इस तरह से, देश भर में स्वाइन फ्लू से सर्वाधिक 164 लोगों की मौत राजस्थान में हुई है। राजस्थान में 1652 दर्ज मामलों में से 164 लोगों की मौत हो चुकी है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के अनुसार देश भर में इस वर्ष जनवरी से 30 सितंबर तक स्वाइन फ्लू से पीडित मरीजों की संख्या 4484 थी जिनमें से 353 लोगों की मौत हो चुकी है।
देश भर में एच1 एन1 बीमारी से सबसे ज्यादा मौतें राजस्थान में दर्ज की गई हैं। राजस्थान में स्वाइन फ्लू के 1652 दर्ज मामलों में से 164 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में स्वाइन फ्लू के 1167 मामले दर्ज हुए उनमें से 101 लोगों की मौत 30 सितंबरर तक हो चुकी है।
गुजरात में 786 मामले दर्ज हुए और 30 लोगों की मौत हो चुकी है। राजस्थान के चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रदेश में जनवरी से नौ अक्टूबर तक स्वाइन फ्लू के 18, 636 मरीजों के नमूनों की जांच हुई जिनमें 1818 सकारात्मक और 16818 नकारात्मक नतीजे आए, जबकि 182 लोगों की मौत हो गई।
राजधानी जयपुर में स्वाइन फ्लू के 822 सकारात्मक मामलों में से 36 लोगों की मौत हो गई। कोटा में 291 सकारात्मक मामलों में 23 लोगों की मौत हो गई।