राहुल गांधी ने हरियाणा चुनाव में ‘बड़े पैमाने पर वोट चोरी’ का आरोप लगाया, चुनाव आयोग-भाजपा की मिलीभगत से 25 लाख फर्जी मतदाता जोड़ने का दावा

Written by sabrang india | Published on: November 6, 2025
बिहार में पहले चरण के मतदान से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, कांग्रेस नेता ने “द एच फाइल्स” का खुलासा किया, जिसमें हरियाणा की मतदाता सूची में व्यवस्थित हेरफेर, 22 मतदाता पहचान पत्रों में एक ब्राजीलियन मॉडल की तस्वीर का इस्तेमाल और चुनाव आयोग की निगरानी में “औद्योगिक धांधली” का आरोप लगाया गया।



चुनाव आयोग (ईसीआई) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आक्रामक हमला करते हुए कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार, 5 नवंबर, 2025 को 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर चुनावी धोखाधड़ी का आरोप लगाया, जिसमें दावा किया गया कि “कांग्रेस की भारी जीत को भाजपा की जीत में बदलने” के लिए 25 लाख फर्जी या डुप्लिकेट मतदाताओं को धोखाधड़ी से राज्य की मतदाता सूची में डाला गया।

"द एच फाइल्स" नामक अपनी फाइल का खुलासा करते हुए गांधी ने कहा कि उनकी टीम द्वारा महीनों में इकट्ठा किए गए डेटा से मतदाता सूचियों में हेरफेर करने और लोकतंत्र को ही तहस-नहस करने के लिए एक केंद्रीय रूप से समन्वित अभियान का पता चलता है। बिहार विधानसभा चुनाव शुरू होने से एक दिन पहले, दिल्ली स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में उन्होंने घोषणा की कि, "यह कोई दुर्घटना नहीं है। यह किसी एक बूथ या किसी एक निर्वाचन क्षेत्र की बात नहीं है। यह चुनावों में सेंध लगाने का एक केंद्रीकृत अभियान है।"

“आठ में से एक मतदाता फर्जी”: राहुल गांधी

गांधी के अनुसार, लगभग दो करोड़ पंजीकृत मतदाताओं वाले हरियाणा में लगभग 25.4 लाख फर्जी इंट्रीज हैं जिसका मतलब है कि “हर आठ में से एक मतदाता फर्जी है।”

उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने फर्जी मतदाताओं को पांच श्रेणियों में बांटा है:

● 5.2 लाख डुप्लिकेट मतदाता,

● 93,174 अवैध पते,

● 19.2 लाख बल्क वोटर्स (एक ही पते पर पंजीकृत 20 या अधिक मतदाता) और

● कई अन्य फॉर्म 6 (जोड़ना) और फॉर्म 7 (हटाना) के दुरुपयोग से जुड़े हैं।

गांधी ने आरोप लगाया, "डुप्लिकेट का पता लगाने की स्पष्ट तकनीकी क्षमता के बावजूद, चुनाव आयोग ने जानबूझकर एक बुनियादी फोटो-पहचान मिलान क्वेरी भी चलाने से इनकार कर दिया।" "क्यों? क्योंकि वे भाजपा की मदद कर रहे हैं।"

'ब्राज़ीलियन मॉडल' मामला और रिसाइकिल्ड तस्वीरें

आधिकारिक मतदाता डेटाबेस के स्क्रीनशॉट के साथ एक प्रजेंटेशन डिस्प्ले करते हुए, गांधी ने एक महिला की तस्वीर दिखाई, जिसे उन्होंने ब्राज़ीलियन मॉडल बताया और आरोप लगाया कि हरियाणा के 10 मतदान केंद्रों पर 22 अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए उसकी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने पूछा, "हरियाणा की मतदाता सूची में एक ब्राज़ीलियन महिला क्या कर रही है?"

उन्होंने आगे दावा किया कि कुछ मामलों में, एक ही तस्वीर अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में 223 बार दिखाई दी। उन्होंने जोर देकर कहा, "यह सिर्फ एक उदाहरण है। हजारों और भी हैं। यह मतदाता त्रुटि नहीं है बल्कि यह संगठित धोखाधड़ी है।"

कांग्रेस नेता ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के इस स्पष्टीकरण का मजाक उड़ाया कि "मकान नंबर 0" वाले मतदाता पहचान पत्र बेघर नागरिकों के लिए आरक्षित हैं। गांधी ने 'मकान नंबर 0' के रूप में सूचीबद्ध एक दो मंजिला घर दिखाते हुए कहा, "हम उन पतों पर गए थे। यह बेघर होना नहीं है। यह छिपाना है। मुख्य चुनाव आयुक्त भारत की जनता से झूठ बोल रहे हैं।"

एक मामले में, गांधी ने कहा कि एक ही पते पर 501 मतदाता पंजीकृत थे और इसे "व्यवस्थित धांधली का सांख्यिकीय प्रमाण" बताया।

"ऑपरेशन सरकार चोरी": राहुल गांधी

कथित ऑपरेशन को "सरकार चोरी" बताते हुए, गांधी ने कहा कि एग्ज़िट पोल और आंतरिक आकलन में उनकी पार्टी की भारी जीत का अनुमान लगाने के बावजूद, कांग्रेस की जीत को रोकने के लिए यह धांधली की गई थी।

उन्होंने कहा, "कांग्रेस आसानी से जीत की ओर बढ़ थी, लेकिन उन्होंने आंकड़ों में हेराफेरी करके जीत को हार में बदल दिया।" उन्होंने यह भी बताया कि कम से कम आठ प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा की जीत का अंतर 23,000 वोटों से कम था, जबकि राज्य भर में 25 लाख से ज्यादा फर्जी इंट्री दर्ज थीं।

गांधी ने कहा, "ये आठ सीटें - उचाना कलां, दादरी, राई और अन्य - कांग्रेस की सरकार बनाने और भाजपा द्वारा उसे चुराने के बीच का अंतर थीं।"

चुनाव आयोग पर आरोप

गांधी ने चुनाव आयोग पर "भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करने" में "प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ साझेदारी" करने का आरोप लगाया।

उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने न केवल फर्जी और नकली मतदाताओं के सबूतों को नजरअंदाज किया, बल्कि सबूत मिटाने के लिए मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज भी नष्ट कर दिए।

"चुनाव आयोग कुछ ही सेकंड में डुप्लिकेट इंट्रीज हटा सकता है। उन्हें बस एक जैसी तस्वीरों या पते की पहचान करने के लिए एक क्वेरी चलानी होती है। वे ऐसा नहीं करते, क्योंकि वे इसमें शामिल हैं," उन्होंने आयोग को "वोट चोरी में सहयोगी" करार दिया।

चुनाव आयोग के पहले के बचाव में कि "किसी भी मतदाता का नाम ऑनलाइन नहीं हटाया जा सकता", गांधी ने पलटवार करते हुए कहा कि उनकी टीम ने इन अनियमितताओं का पता लगाने के लिए आयोग के अपने डेटा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा, "हम कुछ भी गढ़ नहीं रहे हैं। हम वही उजागर कर रहे हैं जो चुनाव आयोग के अपने आंकड़े बताते हैं।"

"बड़े पैमाने पर वोट चोरी": राहुल गांधी

इस हेराफेरी को "बड़े पैमाने पर" बताते हुए, गांधी ने कहा कि यही केंद्रीकृत पैटर्न कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी दिखाई दिया। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने सबसे पहले कर्नाटक के महादेवपुरा और आलंद विधानसभा क्षेत्रों में इस घोटाले का पता लगाया था।

गांधी ने कहा, "आलंद में, फर्जी लॉगिन आईडी और मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल दूर से ही मतदाताओं के नाम हटाने के लिए किया गया। महादेवपुरा में, एक लाख से ज्यादा नाम या तो हटाए गए या फिर उनके नाम दोहराए गए। हमने हरियाणा में भी यही पैटर्न देखा - तभी हमें एहसास हुआ कि यह राष्ट्रीय स्तर की हेराफेरी है।"

उन्होंने आगे कहा कि यही रणनीति अब बिहार में भी अपनाई जा रही है, जहां हाल ही में मतदाता सूची संशोधन के दौरान 47 लाख नाम हटा दिए गए थे। बिहार के जमुई जिले के कई प्रभावित मतदाता मंच पर गांधी के साथ शामिल हुए और दावा किया कि उनके नाम बिना किसी सूचना के हटा दिए गए।

“दो राज्यों में हजारों भाजपा मतदाता”

गांधी ने यह भी दावा किया कि हजारों भाजपा नेता और कार्यकर्ता कई राज्यों में पंजीकृत हैं। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों के दोहरे नामांकन का उदाहरण देते हुए कहा, “वे उत्तर प्रदेश और हरियाणा दोनों में मतदान कर रहे हैं।”

इस बात पर जोर देने के लिए, उन्होंने केरल भाजपा के उपाध्यक्ष बी. गोपालकृष्णन का एक वीडियो चलाया, जिन्होंने अगस्त में खुलेआम कहा था कि उनकी पार्टी "दूसरे राज्यों से मतदाताओं को लाएगी और जीत सुनिश्चित करने के लिए उन्हें एक साल तक बसाएगी।"

भाजपा का जवाब और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

भाजपा ने गांधी के आरोपों को बिहार चुनावों को प्रभावित करने के लिए रची गई एक "मनगढ़ंत साजिश" करार दिया। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "यह योजनाबद्ध तरीके से ध्यान भटकाने की कोशिश है। विपक्ष के पास बिहार में कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वे संस्थाओं पर हमला कर रहे हैं। चुनाव आयोग और हमारे लोकतंत्र पर सवाल उठाने का मतलब है देश पर ही सवाल उठाना।"

इस बीच, चुनाव आयोग के अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जवाब देते हुए कहा कि हरियाणा में मतदाता सूची के खिलाफ "कोई अपील" नहीं हुई है और कांग्रेस के पोलिंग एजेंटों से मतदान केंद्रों पर आपत्ति न करने पर सवाल उठाया। चुनाव आयोग के एक सूत्र ने पूछा, "अगर कोई दो बार वोट देता है, तो एजेंट तुरंत आपत्ति कर सकते हैं। उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया?"

आयोग ने दोहराया कि कर्नाटक में मतदाताओं के नाम हटाए जाने के बारे में गांधी के पहले के दावे "गलत और निराधार" थे।

चौतरफा प्रतिक्रियाएं

इन भयानक आरोपों को विपक्षी नेताओं का समर्थन मिला। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह मुद्दा "दलीय राजनीति से परे" है और "हर भारतीय के वोट की कीमत" से जुड़ा है।

ठाकरे ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, "एक बार फिर, राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है जो वोट चोरी के जरिए भाजपा को राज्यों में कब्जा करने में मदद करती है।" उन्होंने आगे कहा, "दुनिया देख रही है कि कैसे हमारे चुनाव अब स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं रह गए हैं। यह पार्टियों का मामला नहीं है - यह लोकतंत्र का मामला है।"

उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी ने महाराष्ट्र में भी वर्ली और अन्य निर्वाचन क्षेत्रों सहित मतदाता सूची में इसी तरह की हेराफेरी की शिकायत की थी, लेकिन "चुनाव आयोग ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।"

ठाकरे ने कहा, "यह लड़ाई सिर्फ कांग्रेस के लिए नहीं है बल्कि यह पूरे भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए है। यह हमारे संविधान और लोकतंत्र के लिए। वोट चोर, गद्दी छोड़ो।"



"हम लोकतंत्र की रक्षा कर रहे हैं": राहुल गांधी

अपने भाषण के आखिर में, गांधी ने युवाओं से भारत के लोकतांत्रिक भविष्य की जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि Gen Z इसे गंभीरता से ले। आपका वोट, आपका भविष्य, आपका लोकतंत्र - सब कुछ खुलेआम चुराया जा रहा है।"

उन्होंने पत्रकारों और नागरिकों को स्वतंत्र रूप से अपने निष्कर्षों की पुष्टि करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा, "हमें डर नहीं है। हम सुप्रीम कोर्ट के सामने, जनता के सामने सच्चाई उजागर कर रहे हैं, बंद दरवाजों के पीछे नहीं।"

"वोट चोरी" को अधिकारों, रोजगार, शिक्षा और संविधान की चोरी बताते हुए, गांधी ने कहा, "यह लोकतंत्र आपका है, चुनाव आयोग या नरेंद्र मोदी का नहीं। हम इससे सत्य और अहिंसा से लड़ेंगे।"

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