जब जुलूस सिरसा बाजार से होकर गुजरा, तो दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और बड़ी संख्या में वहां इकट्ठा हो गए। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई, लेकिन मेजा थाने की पुलिस टीम समय पर पहुंच गई और हालात को काबू में किया।

फोटो साभार : इंडियन एक्सप्रेस
प्रयागराज ज़िले के सिरसा बाजार से जब मुहर्रम का जुलूस गुज़रा, तो स्थानीय लोगों ने परंपरागत मार्ग से हटकर नए रास्ते से जुलूस निकाले जाने पर आपत्ति जताई। इसके बाद गुरुवार रात दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया, जिसके चलते पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में 22 लोगों को गिरफ्तार किया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह जुलूस हिंदू बहुल क्षेत्र सिरसा बाजार से निकालकर एक नई परंपरा शुरू करने की कोशिश थी, जो पारंपरिक मार्ग से हटकर था।
पुलिस के अनुसार, जब जुलूस सिरसा बाजार से होकर गुज़रा, तो दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और बड़ी संख्या में वहां इकट्ठा हो गए। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई, लेकिन मेजा थाने की पुलिस टीम समय पर पहुंच गई और हालात को काबू में किया।
पुलिस ने इस मामले में पांच नामजद और 50 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है।
प्रयागराज के सहायक पुलिस आयुक्त एस. पी. उपाध्याय ने कहा, “किसी भी नए मार्ग से जुलूस निकालने के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक होती है। इस मामले में प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी।”
उन्होंने बताया कि पुलिस यह जांच करेगी कि जुलूस को नए मार्ग से क्यों और किसके कहने पर ले जाया गया।
इधर, गाज़ीपुर के थाना क्षेत्र के सादात नगर में मुहर्रम के जुलूस के दौरान रविवार रात अराजक तत्वों ने पत्थर फेंककर माहौल खराब करने की कोशिश की। हालांकि हिंदू और मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्धजनों की सराहनीय पहल से यह प्रयास विफल रहा।
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, पत्थर लगने से घायल वार्ड संख्या चार के निवासी, 26 वर्षीय अरमान पुत्र निज़ामुद्दीन का इलाज एक निजी चिकित्सक के यहां कराया गया। पत्थरबाज़ी के चलते जुलूस में थोड़ी देर के लिए अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाज़ी भी की, लेकिन शिया समुदाय के वरिष्ठ लोगों और पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद जुलूस कर्बला तक पहुंचा।
वहीं, उत्तर प्रदेश के देवरिया ज़िले में मुहर्रम जुलूस के दौरान कथित रूप से देशविरोधी नारे लगाने की अफवाह फैलाने वालों की पहचान में पुलिस जुटी हुई है।
सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा था कि देवरिया में मुहर्रम के जुलूस के दौरान "पाकिस्तान ज़िंदाबाद" जैसे देशविरोधी नारे लगाए गए। लेकिन पुलिस ने इन खबरों को पूरी तरह से झूठा और बेबुनियाद बताया है।
सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में पुलिस ने कहा कि 6-7 जुलाई की रात एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें यह दावा किया गया कि जुलूस के दौरान देशविरोधी नारे लगे।
पुलिस के अनुसार, यह वीडियो भ्रामक तरीके से प्रस्तुत किया गया है और इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है।
पुलिस अब उन लोगों की पहचान कर रही है जिन्होंने यह भ्रामक सूचना फैलाई, और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

फोटो साभार : इंडियन एक्सप्रेस
प्रयागराज ज़िले के सिरसा बाजार से जब मुहर्रम का जुलूस गुज़रा, तो स्थानीय लोगों ने परंपरागत मार्ग से हटकर नए रास्ते से जुलूस निकाले जाने पर आपत्ति जताई। इसके बाद गुरुवार रात दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया, जिसके चलते पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में 22 लोगों को गिरफ्तार किया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह जुलूस हिंदू बहुल क्षेत्र सिरसा बाजार से निकालकर एक नई परंपरा शुरू करने की कोशिश थी, जो पारंपरिक मार्ग से हटकर था।
पुलिस के अनुसार, जब जुलूस सिरसा बाजार से होकर गुज़रा, तो दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और बड़ी संख्या में वहां इकट्ठा हो गए। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई, लेकिन मेजा थाने की पुलिस टीम समय पर पहुंच गई और हालात को काबू में किया।
पुलिस ने इस मामले में पांच नामजद और 50 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है।
प्रयागराज के सहायक पुलिस आयुक्त एस. पी. उपाध्याय ने कहा, “किसी भी नए मार्ग से जुलूस निकालने के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक होती है। इस मामले में प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी।”
उन्होंने बताया कि पुलिस यह जांच करेगी कि जुलूस को नए मार्ग से क्यों और किसके कहने पर ले जाया गया।
इधर, गाज़ीपुर के थाना क्षेत्र के सादात नगर में मुहर्रम के जुलूस के दौरान रविवार रात अराजक तत्वों ने पत्थर फेंककर माहौल खराब करने की कोशिश की। हालांकि हिंदू और मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्धजनों की सराहनीय पहल से यह प्रयास विफल रहा।
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, पत्थर लगने से घायल वार्ड संख्या चार के निवासी, 26 वर्षीय अरमान पुत्र निज़ामुद्दीन का इलाज एक निजी चिकित्सक के यहां कराया गया। पत्थरबाज़ी के चलते जुलूस में थोड़ी देर के लिए अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाज़ी भी की, लेकिन शिया समुदाय के वरिष्ठ लोगों और पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद जुलूस कर्बला तक पहुंचा।
वहीं, उत्तर प्रदेश के देवरिया ज़िले में मुहर्रम जुलूस के दौरान कथित रूप से देशविरोधी नारे लगाने की अफवाह फैलाने वालों की पहचान में पुलिस जुटी हुई है।
सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा था कि देवरिया में मुहर्रम के जुलूस के दौरान "पाकिस्तान ज़िंदाबाद" जैसे देशविरोधी नारे लगाए गए। लेकिन पुलिस ने इन खबरों को पूरी तरह से झूठा और बेबुनियाद बताया है।
सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में पुलिस ने कहा कि 6-7 जुलाई की रात एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें यह दावा किया गया कि जुलूस के दौरान देशविरोधी नारे लगे।
पुलिस के अनुसार, यह वीडियो भ्रामक तरीके से प्रस्तुत किया गया है और इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है।
पुलिस अब उन लोगों की पहचान कर रही है जिन्होंने यह भ्रामक सूचना फैलाई, और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।