अविश्वसनीय: अस्पताल की आईसीयू से लेकर गांवों तक बलात्कार की बढ़ती घटनाएं, राजस्थान में फैलते लैंगिक अपराधों की भयावह तस्वीर पेश करती हैं

Written by AMAN KHAN | Published on: June 19, 2025
राजस्थान में हाल ही में एक के बाद एक कई लैंगिक अपराध सामने आए हैं जो अलवर में आईसीयू में भर्ती महिला मरीज से लेकर बीकानेर और टोंक में नाबालिग लड़कियों तक, बाड़मेर में एक महिला द्वारा रेप की धमकी और अश्लील वीडियो के जरिए ब्लैकमेल किए जाने के बाद आत्महत्या करना, और राजधानी जयपुर में गैंगरेप की घटना शामिल हैं। इन सभी घटनाओं से समाज की गहरी विफलता सामने आती है और इससे स्पष्ट होता है कि महिलाओं की सुरक्षा अब एक बेहद जरूरी और गंभीर मुद्दा बन चुकी है।


प्रतीकात्मक तस्वीर | इंडियन एक्सप्रेस

2025 का आधा साल अब गुजरने ही वाला है, ऐसे में भारत पर एक बड़ी चिंता का साया गहराता जा रहा है। महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा देशभर में उनकी सुरक्षा और आजादी को एक बेहद अहम मुद्दा बना रही है। जहां सिटिज़न्स फॉर जस्टिस एंड पीस (CJP) जैसी रिपोर्टें खासकर उत्तर प्रदेश में दलित महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की चिंता को सही तरीके से उजागर करती हैं, वहीं इसके पड़ोसी राज्य राजस्थान में भी उतनी ही गंभीर और चिंताजनक स्थिति तेजी से सामने आ रही है।

पिछले कुछ महीनों में राजस्थान में रेप और हमलों की दिल दहला देने वाली घटनाओं की एक खौफनाक कड़ी सामने आई है। हर घटना ये स्पष्ट करती है कि समाज के भीतर गहराई तक कुछ बहुत गलत जरूर है।

अलवर में आईसीयू में एक महिला मरीज के साथ बेहद चौंकाने वाला दुर्व्यवहार, इलाज के दौरान अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा रेप की घटना से लेकर बीकानेर, बाड़मेर और टोंक तथा यहां तक कि राज्य की राजधानी जयपुर में भी इसी तरह की भयावह घटनाएं सामने आई हैं।

अलवर: महिला मरीज के साथ अस्पताल की आईसीयू में रेप, नौकरी जाने के डर से स्टाफ ने मांगी माफी

4 जून, 2025 को एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई। अलवर के एमआईए इलाके में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में एक महिला मरीज के साथ कथित तौर पर एक नर्सिंग स्टाफ सदस्य ने रेप किया। यह घटना 4 जून, 2025 को रात करीब 1:30 बजे हुई। 32 वर्षीय पीड़िता, जिसे 2 जून को ट्यूबल ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया गया था और 4 जून को आईसीयू में ले जाया गया था, ने अगले दिन होश में आने के बाद अपने पति को इस भयावह घटना के बारे में बताया।

पुलिस के अनुसार, पीड़िता के पति ने दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया कि 4 जून की रात करीब 11 बजे एक गार्ड ने उन्हें कमरे से बाहर जाने को कहा, जिसके बाद नर्सिंग स्टाफ का एक सदस्य वहां आया। पीड़िता के पति ने आगे बताया कि उस समय उनकी पत्नी पूरी तरह से होश में नहीं थीं और न ही वह कुछ मूवमेंट करने की स्थिति में थीं, जिससे वह उस नर्सिंग स्टाफ के कुकृत्य का विरोध नहीं कर सकीं। आरोपी ने मरीज के चारों ओर परदा खींच दिया था और खुद को डॉक्टर बताकर कहा कि वह कोई ऑपरेशन कर रहा है।

आरोपी ने डॉक्टर के सामने अपराध कबूल किया

6 जून को आरोपी नर्सिंग स्टाफ की पहचान सीकर का रहने वाला सुभाष गाठाला के रूप में हुई, जिसने डॉ. दीपिका के सामने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के डीन असीम दास ने पुष्टि की कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और एक प्रशासनिक जांच समिति का गठन किया गया है। पीड़िता के परिवार ने एमआईए थाना में शिकायत दर्ज करवाई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

चौंकाने वाली बात यह है कि अस्पताल के स्टाफ पर इस घटना को दबाने का प्रयास करने का आरोप भी लगाया गया है। पीड़िता के पति ने बताया कि स्टाफ ने उन्हें यह कहकर समझाने की कोशिश की कि “उसे माफ कर दो, नहीं तो बाकी लोगों की नौकरियां चली जाएंगी।” हालांकि, पीड़िता के पति ने सीधे पुलिस के पास जाने का फैसला किया। साथ ही एक गंभीर सुरक्षा चूक भी सामने आई, वह यह कि आईसीयू जैसे बेहद संवेदनशील क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे मौजूद नहीं थे। इस रिपोर्ट को हिंदी न्यूज पेपर दैनिक भास्कर ने प्रकाशित किया।

अस्पताल के गार्ड ने स्वीकार किया कि शिफ्ट बदलने और स्टाफ की मौजूदगी के बावजूद वहां किसी भी जगह पर सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि गाठाला को किसी अन्य स्थान पर तैनात किया गया था, लेकिन फिलहाल वह "डाइवर्जन" के तहत अस्थायी रूप से अलवर में नियुक्त था। अस्पताल प्रशासन और पीड़िता का बयान लेकर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।

प्रदेश कांग्रेस इकाई के नेता और विपक्ष के नेता ने भाजपा सरकार की आलोचना की

चौंकाने वाली इन घटनाओं के बाद, पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने भाजपा शासित राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की।

उन्होंने अपनी सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल, एक्स पर गहरा दुःख और निराशा व्यक्त करते हुए लिखा, “कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राजस्थान का स्वास्थ्य मॉडल देश और दुनिया में चर्चा का विषय बन गया था, लेकिन भाजपा सरकार ने उसे बर्बाद कर दिया है। अलवर के अस्पताल की आईसीयू में महिला मरीज के साथ हुए बलात्कार की घटनाएं और पाली के एक सरकारी अस्पताल में दलित कांग्रेस नेता के साथ डॉक्टर द्वारा की गई बदसलूकी और हमले की घटनाएं इसका उदाहरण हैं। प्रदेश के लोग इस बात पर अफसोस कर रहे हैं कि इतनी अक्षम सरकार का आधा कार्यकाल अभी भी बाकी है। इस समय में प्रदेश की स्थिति और कितनी खराब होगी।”



राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “अलवर के मेडिकल कॉलेज की आईसीयू में भर्ती महिला के साथ नर्सिंग स्टाफ द्वारा किए गए कुकृत्य से पूरा राजस्थान शर्मसार है। बर्बरता की सारी हदें पार करने वाली ये मानवता पर कलंक है।”

उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि “गहरी नींद से जागिए और देखिए कि राज्य में हर दिन मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म हो रहा है और महिलाओं की अस्मिता तार-तार हो रही है। आपके कुशासन में 2023 से अब तक नाबालिगों के साथ होने वाले अत्याचारों के मामलों में 18% से ज्यादा वृद्धि हुई है। यह शर्मनाक है कि मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक, सब सत्ता के नशे में चूर हैं। महिला सुरक्षा, संवेदनशीलता और सुशासन जैसी कोई चीज अब राज्य में बची ही नहीं है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, लेकिन देखने-सुनने वाला कोई नहीं है।”



नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी घटना की निंदा करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा, “अलवर स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज की आईसीयू में नर्सिंग स्टाफ द्वारा एक पीड़िता महिला के साथ हुए जघन्य दुष्कर्म की घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है।”



सरकार की विफलता: संरक्षित स्थलों में भी सुरक्षा खतरे में

टीकाराम जूली ने आगे कहा कि यह घटना “राज्य की शासन व्यवस्था की विफलता को दर्शाती है, जहां पीड़िता उस स्थान पर भी सुरक्षित नहीं है जिसे सबसे सुरक्षित माना जाता है।” उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि “अस्पताल की आईसीयू में किसी महिला के साथ इस तरह की अमानवीय घटना होना केवल एक महिला पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे समाज की आत्मा पर हमला है।”



बीकानेर: खुद को मंदिर पुजारी बताने वाले ने दो नाबालिग लड़कियों से किया बलात्कार, सरकार ने आरोपी के अवैध अतिक्रमण को ढहाया

3 जून, 2025 को बीकानेर जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसमें आठ और नौ साल की दो नाबालिग लड़कियों के साथ खुद को मंदिर के पुजारी बताने वाले व्यक्ति ने यौन उत्पीड़न किया। लड़कियां अपने दादा-दादी के घर के पास एक मंदिर गई थीं, श्री भगवान के रूप में पहचाने गये आरोपी ने उन्हें प्रसाद और नई चप्पलें देने का लालच दिया और फिर इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया। वापस लौटने पर डरी हुई लड़कियों ने अपने परिवार को इस घटना के बारे में बताया। पीड़िता ने बताया कि कैसे अपराधी ने उन्हें चारा काटने वाली दरांती से धमकाया था और मुंह खोलने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।

आरोपी का आपराधिक इतिहास और अवैध अतिक्रमण गिराना

जांच के दौरान 50 वर्षीय आरोपी श्री भगवान का चौंकाने वाला आपराधिक इतिहास सामने आया। पता चला कि वह एक सजायाफ्ता हत्यारा है जिसने 1993 में बीदासर में डकैती के दौरान पांच लोगों की हत्या के मामले में 20 साल की सजा काटी है। निचली अदालतों ने उसे पहले मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने उसकी सजा को घटाकर 20 साल कर दिया, जिसके चलते उसे 2013 में रिहा कर दिया गया था। दैनिक भास्कर ने इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया।

हाल ही में दुष्कर्म के मामले में हुई गिरफ्तारी के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सुरजनसर गांव में स्थित आरोपी के अवैध आश्रम को ढहा दिया। यह संरचना सरकारी जमीन पर बनाई गई थी, जिसमें एक मंदिर भी था, जहां वह कथित रूप से तंत्र-मंत्र किया करता था।

अवैध गतिविधियां और जमीन पर फिर से कब्जा

इलाके के उपखंड अधिकारी और तहसीलदार के नेतृत्व में चली ध्वस्तीकरण अभियान में और भी कई अवैध गतिविधियां सामने आईं। आश्रम परिसर में अफीम और भांग के पौधे पाए गए, जो मादक पदार्थों की खेती का संकेत देते हैं। इसके अलावा, श्री भगवान पर अवैध जल चोरी और बिजली चोरी में भी शामिल होने का आरोप है। इस कार्रवाई के तहत लगभग 50 बीघा अतिक्रमण किए गए चारागाह वाली जमीन को मुक्त कराकर ग्राम पंचायत को वापस किया गया। ये जानकारी मीडिया रिपोर्ट में सामने आई है।

गांव वालों को आध्यात्मिक इलाज के बहाने भ्रमित करने वाले आरोपी के पास हथियार भी पाए गए जो उसके आपराधिक कृत्यों की गंभीरता को दर्शाते हैं।

टोंक: नाबालिग दलित लड़की यौन उत्पीड़न के बाद बेहोश मिली

राजस्थान के टोंक जिले के पचेवर थाना क्षेत्र के एक गांव से सामूहिक बलात्कार का एक और मामला सामने आया है। कथित तौर पर दरिंदों ने बर्बरतापूर्ण हमले के बाद नाबालिग दलित लड़की के हाथ-पैर बांध दिए और उसे सड़क किनारे छोड़ दिया। एनडीटीवी राजस्थान की रिपोर्ट के अनुसार, 28 फरवरी की रात को पीड़िता बेहोशी की हालत में मिली, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की।

अधिकारियों ने चार युवकों के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। आरोप है कि एक पड़ोसी महिला ने आरोपियों को इस जघन्य अपराध में मदद की। पुलिस सूत्रों से पता चला है कि संदिग्धों में से एक पीड़िता के गांव का है, जबकि बाकी तीन कुराड़ गांव के रहने वाले हैं।

चार आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

मालपुरा डीएसपी आशीष प्रजापत ने पुष्टि की कि पीड़िता ने चार लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज कराई है, साथ ही एक पड़ोसी महिला पर भी उनकी मदद करने का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की सक्रियता से जांच कर रही है। पीड़िता द्वारा पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार, 28 फरवरी की आधी रात के आसपास, जब वह कुछ देर के लिए अपने घर से बाहर निकली, तो तीन-चार लोगों ने उसका मुंह बंद करके अपहरण कर लिया।

इसके बाद आरोपी उसे पड़ोसी के घर के पीछे बने शेड में ले गए, जहां सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया। जब नाबालिग ने मदद के लिए शोर किया, तो पड़ोसी महिला कथित तौर पर बाहर आई, लेकिन उसकी गुहार को अनसुना कर वापस अंदर चली गई, जिससे हमलावरों का हौसला बढ़ गया।

इसके बाद उन्होंने लड़की के हाथ, पैर और मुंह बांध दिए और उसे उसके घर के पास छोड़ दिया। पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच शुरू कर दी है।

बाड़मेर: बलात्कार की धमकियों और अश्लील वीडियो के जरिए ब्लैकमेल किए जाने के बाद 31 वर्षीय महिला ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली

बाड़मेर के गिराब थाना क्षेत्र में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां तीन बच्चों की मां 31 वर्षीय महिला ने 10 जून 2025 को आत्महत्या कर ली। महिला अपने घर में फांसी पर लटकी पाई गई और प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि कथित तौर पर बलात्कार की धमकियों और अश्लील वीडियो वायरल करने के साथ ब्लैकमेल किए जाने के बाद उसे यह घातक कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। 

पुलिस के अनुसार, महिला को उसके गांव के ही सुमार खान (बदला हुआ नाम) नाम के एक व्यक्ति ने बहला-फुसलाकर उसके साथ बलात्कार किया और उसका वीडियो भी बनाया। उसने कथित तौर पर उसका शोषण और धमकी देना जारी रखा। मंगलवार को महिला पर डाले गए दबाव ने उसे बहुत परेशान कर दिया। महिला के चाचा ने आरोपी के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। जबकि परिवार का दावा है कि पति ने सितंबर 2024 में पुलिस को मामले की सूचना दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनके पास ऐसी किसी रिपोर्ट का कोई रिकॉर्ड नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, मामले की गहन जांच चल रही है और महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

एनसीडब्ल्यू ने तत्काल कार्रवाई की मांग की, स्वतः संज्ञान लिया

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने बाड़मेर में हुई इस गंभीर आत्महत्या मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। सोमवार को, एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया राहतकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर घोषणा की कि उन्होंने राजस्थान के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर महिला की मौत के त्वरित जांच का आग्रह किया है।



जयपुर: सांगानेर में 21 साल की युवती से सामूहिक दुष्कर्म

मार्च में हुई यह घटना ऐसे अपराधों के भयावह पैटर्न को और भी बढ़ा देती है। होली की शाम (14 मार्च) जयपुर के सांगानेर इलाके में एक 21 वर्षीय विवाहित महिला के साथ सुनसान खेत में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया। पीड़िता, जो हाल ही में जयपुर आई थी, कथित तौर पर घरेलू विवाद के बाद अपना घर छोड़कर चली गई थी। उसे मोटरसाइकिल पर सवार दो युवकों ने घेर लिया और जबरन उसे एक खेत में खींच लिया और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। रिपोर्ट के अनुसार, बाद में मौके पर पहुंचा तीसरा व्यक्ति मौके से फरार हो गया।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, पीड़िता ने तुरंत सांगानेर सदर थाने में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 70 (गैंगरेप) और 126 (गलत तरीके से रोकने) के तहत एफआईआर दर्ज करवाई। मेडिकल जांच में चोटों की पुष्टि हुई है। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 22 वर्षीय पूरण यादव और 19 वर्षीय हिमांशु चौधरी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि 17 वर्षीय एक किशोर को भी हिरासत में लिया गया है। मामले की जांच जारी है। 

इसके अलावा, राजस्थान इस समय तेजी से बढ़ते लैंगिक हिंसा के संकट का सामना कर रहा है, जिससे महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। हाल के दिनों में राज्यभर में सामने आई घटनाओं ने बलात्कार की एक भयावह और लगातार दोहराई जा रही घटनाओं को उजागर किया है, जिस पर यकीन करना मुश्किल है। अलवर की आईसीयू में एक महिला मरीज के साथ हुए चौंकाने वाले अपराध से लेकर बीकानेर और टोंक में नाबालिग बच्चियों को निशाना बनाए जाने तक और बाड़मेर में ब्लैकमेलिंग से जुड़ी आत्महत्या जैसी घटनाएं इस समस्या की भयावहता को दर्शाती हैं। यहां तक कि राजधानी जयपुर भी इससे अछूती नहीं रही है जहां गैंगरेप सहित कई मामलों ने सनसनी फैलाई है।

ये घटनाएं जो अस्पताल और घर जैसे सुरक्षित माने जाने वाले जगहों पर हो रही हैं, ये साफ दिखाती हैं कि समाज और सरकार दोनों ही बुरी तरह फेल हो गए हैं। अब वक्त आ गया है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाए जाएं और हर जगह, चाहे वो सड़क हो, स्कूल हो या अस्पताल, सबके लिए सुरक्षित बनाया जाए।

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