मध्य प्रदेश : कांग्रेस नेता प्रदीप अहिरवार का आरोप “दलित पहचानने के बाद तलवार से हमला किया”

Written by sabrang india | Published on: June 17, 2025
सैकड़ों की संख्या में अज्ञात हमलावरों ने उनकी स्कॉर्पियो गाड़ी को रोक लिया, और पहले उनका नाम पूछा, फिर जाति जानने के बाद तलवारों से हमला कर दिया।



मध्य प्रदेश में विदिशा में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसमें जाति पूछने के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व अनुसूचित जाति आयोग सदस्य प्रदीप अहिरवार पर जानलेवा हमला किया गया। यह हमला रविवार की रात लगभग 11:30 बजे हुआ, जब वे गंजबासौदा से भोपाल लौट रहे थे। 

द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, सैकड़ों की संख्या में अज्ञात हमलावरों ने उनकी स्कॉर्पियो गाड़ी को रोक लिया, और पहले उनका नाम पूछा, फिर जाति जानने के बाद तलवारों से हमला कर दिया। प्रदीप अहिरवार ने समझदारी दिखाते हुए किसी तरह गाड़ी को मौके से निकालकर पुलिस को सूचना दी, और रात में ही गंजबासौदा थाने पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराई। हालांकि इस घटना में उन्हें कोई चोट नहीं आई है।

प्रदीप अहिरवार ने द मूकनायक से बातचीत में कहा, “हमलावरों ने पहले मेरा नाम पूछा। जब मैंने नाम बताया और उन्हें मेरी जाति (दलित) के बारे में पता चला, तो वह लोग तुरंत तलवार से हमला करने लगे।”

उन्होंने आगे कहा, “प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के राज में आम आदमी सुरक्षित नहीं है। यह सीधा जातिगत हमला है। आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।”

गुटों में झगड़ा लेकिन हमला प्रदीप अहिरवार पर हुआ

विदिशा पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने वेबसाइट को बताया, “यह दो गुटों के बीच का झगड़ा था। प्रदीप अहिरवार टारगेट नहीं थे, लेकिन उनकी गाड़ी को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी है और जांच जारी है। आरोपियों की पहचान के प्रयास हो रहे हैं।” हालांकि प्रदीप अहिरवार के आरोप इससे अलग हैं। उनका कहना है कि यह कोई सामान्य गुटीय झगड़ा नहीं बल्कि सोची-समझी जातिगत हिंसा है।

इस मामले में पुलिस ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या के प्रयास), और धाराएं 147, 148, 149 (दंगा, घातक हथियारों से लैस होकर हमला और समूह में हिंसा) के तहत मामला दर्ज किया है। 

घटना के बाद कांग्रेस नेताओं और दलित संगठनों में तीव्र आक्रोश व्याप्त है। एससी कांग्रेस ने इस हमले को सत्ता के संरक्षण में पनप रहे जातिवाद का प्रत्यक्ष उदाहरण बताया है। 

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रवि राहुल ने द मूकनायक से बातचीत में कहा, “यदि एक दलित नेता पर इस तरह से हमला हो सकता है, तो आम दलितों की सुरक्षा की क्या गारंटी है?”

उन्होंने आगे कहा कि "यह घटना मध्य प्रदेश में जातिगत हिंसा की चिंताजनक स्थिति को उजागर करती है। यह सिर्फ एक राजनीतिक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि दलित समुदाय की सामाजिक सुरक्षा और राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। हम इस निंदनीय घटना की कठोर शब्दों में निंदा करते हैं।" 

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