मध्य प्रदेश के नीमच में, 2008 में मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत बरकत बाई को दी गई जमीन मंगलवार सुबह खाली करवा दी गई।
'बुलडोजर कार्रवाई' को रोकने के सुप्रीम कोर्ट के 17 सितंबर के आदेश के बावजूद, मध्य प्रदेश सरकार ने 24 सितंबर को 70 वर्षीय विधवा बरकत बाई के घर को "अतिक्रमण" घोषित करते हुए गिरा दिया।
मध्य प्रदेश के नीमच में, 2008 में मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत बरकत बाई को दी गई जमीन मंगलवार सुबह खाली करवा दी गई।
परिवार का आरोप है कि जब बरकत बाई अपना इलाज कराने के लिए पास के जिले में गई थीं, तब नगर निगम ने उनका घर ढहा दिया।
उनके रिश्तेदार मोहम्मद रईस ने आरोप लगाया कि घर को बिना किसी सूचना के गिराया गया। उन्होंने कहा, "उन्होंने जाने से पहले घर की देखरेख करने के लिए कहा था।"
रईस ने सवाल उठाया, "योजना के तहत सरकार द्वारा दी गई जमीन का एक टुकड़ा अवैध या अतिक्रमण कैसे हो सकता है?" उन्होंने यह भी कहा, "ज़मीन के कागज़ात बताते हैं कि जब तक सरकार उनके रहने के लिए कोई दूसरी व्यवस्था नहीं करती, तब तक उन्हें उस ज़मीन से नहीं हटाया जा सकता।"
तोड़फोड़ के कुछ घंटों बाद, स्थानीय लोगों ने नीमच के डीएम को एक लिखित शिकायत दी, जिसमें आरोप लगाया गया कि नगर निगम के अधिकारी लंबे समय से उन्हें उस ज़मीन से हटाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके पीएम आवास योजना के तहत स्वीकृत 2.5 लाख रुपये की राशि रोक दी गई।
शिकायत में लिखा गया, "उन्हें घर छोड़ने के लिए मजबूर करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने उनके घर के बाहर नाला खोद दिया, जिससे उनकी आवाजाही रुक गई। जब वे इलाज के लिए गईं, तब चुपचाप घर को ढहा दिया गया। जब स्थानीय लोगों ने तोड़फोड़ पर सवाल उठाया और कागज़ात मांगे, तो अधिकारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।"
हालांकि, सीएमओ महेंद्र वशिष्ठ ने कहा, "ज़मीन को अग्निशमन कार्यालय के निर्माण के लिए खाली करवाया गया था। इसलिए, उस ज़मीन से सभी अतिक्रमण हटा दिए गए।"
एमपी में सबसे ज्यादा कार्रवाई मुस्लिम आरोपियों पर हुई
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में पिछले ढाई साल में 259 आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई हुई है, जिनमें से 160 आरोपी मुस्लिम और 99 हिंदू थे। यह जानकारी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक सुनवाई के दौरान दी गई।
वहीं, यूपी में 2017 में बुलडोजर कार्रवाई की शुरुआत 13 बाहुबली हिस्ट्रीशीटरों के मकानों को ढहाकर की गई थी। 2020 में बिकरू कांड में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे की 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों पर भी बुलडोजर कार्रवाई की गई। सभी मामलों में अवैध निर्माण और अतिक्रमण को कार्रवाई का कारण बताया गया।
भास्कर की पड़ताल में पता चला कि पिछले 7 साल में 7 राज्यों में 1,935 आरोपियों की संपत्तियों को बुलडोजर से जमींदोज किया गया, जिनमें से 1,535 कार्रवाई सिर्फ यूपी में हुईं। बुलडोजर कार्रवाई में दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश और तीसरे पर हरियाणा है।
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सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोज़र कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाई, कहा- कोर्ट की इजाज़त के बिना नहीं होगी तोड़फोड़
'बुलडोजर कार्रवाई' को रोकने के सुप्रीम कोर्ट के 17 सितंबर के आदेश के बावजूद, मध्य प्रदेश सरकार ने 24 सितंबर को 70 वर्षीय विधवा बरकत बाई के घर को "अतिक्रमण" घोषित करते हुए गिरा दिया।
मध्य प्रदेश के नीमच में, 2008 में मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत बरकत बाई को दी गई जमीन मंगलवार सुबह खाली करवा दी गई।
परिवार का आरोप है कि जब बरकत बाई अपना इलाज कराने के लिए पास के जिले में गई थीं, तब नगर निगम ने उनका घर ढहा दिया।
उनके रिश्तेदार मोहम्मद रईस ने आरोप लगाया कि घर को बिना किसी सूचना के गिराया गया। उन्होंने कहा, "उन्होंने जाने से पहले घर की देखरेख करने के लिए कहा था।"
रईस ने सवाल उठाया, "योजना के तहत सरकार द्वारा दी गई जमीन का एक टुकड़ा अवैध या अतिक्रमण कैसे हो सकता है?" उन्होंने यह भी कहा, "ज़मीन के कागज़ात बताते हैं कि जब तक सरकार उनके रहने के लिए कोई दूसरी व्यवस्था नहीं करती, तब तक उन्हें उस ज़मीन से नहीं हटाया जा सकता।"
तोड़फोड़ के कुछ घंटों बाद, स्थानीय लोगों ने नीमच के डीएम को एक लिखित शिकायत दी, जिसमें आरोप लगाया गया कि नगर निगम के अधिकारी लंबे समय से उन्हें उस ज़मीन से हटाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके पीएम आवास योजना के तहत स्वीकृत 2.5 लाख रुपये की राशि रोक दी गई।
शिकायत में लिखा गया, "उन्हें घर छोड़ने के लिए मजबूर करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने उनके घर के बाहर नाला खोद दिया, जिससे उनकी आवाजाही रुक गई। जब वे इलाज के लिए गईं, तब चुपचाप घर को ढहा दिया गया। जब स्थानीय लोगों ने तोड़फोड़ पर सवाल उठाया और कागज़ात मांगे, तो अधिकारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।"
हालांकि, सीएमओ महेंद्र वशिष्ठ ने कहा, "ज़मीन को अग्निशमन कार्यालय के निर्माण के लिए खाली करवाया गया था। इसलिए, उस ज़मीन से सभी अतिक्रमण हटा दिए गए।"
एमपी में सबसे ज्यादा कार्रवाई मुस्लिम आरोपियों पर हुई
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में पिछले ढाई साल में 259 आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई हुई है, जिनमें से 160 आरोपी मुस्लिम और 99 हिंदू थे। यह जानकारी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक सुनवाई के दौरान दी गई।
वहीं, यूपी में 2017 में बुलडोजर कार्रवाई की शुरुआत 13 बाहुबली हिस्ट्रीशीटरों के मकानों को ढहाकर की गई थी। 2020 में बिकरू कांड में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे की 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों पर भी बुलडोजर कार्रवाई की गई। सभी मामलों में अवैध निर्माण और अतिक्रमण को कार्रवाई का कारण बताया गया।
भास्कर की पड़ताल में पता चला कि पिछले 7 साल में 7 राज्यों में 1,935 आरोपियों की संपत्तियों को बुलडोजर से जमींदोज किया गया, जिनमें से 1,535 कार्रवाई सिर्फ यूपी में हुईं। बुलडोजर कार्रवाई में दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश और तीसरे पर हरियाणा है।
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