भोपाल के एक जिम में बजरंग दल के सदस्य पहुंचे और जिम संचालक से मुस्लिम जिम ट्रेनरों के बारे में जानकारी मांगी।

भोपाल के अयोध्या नगर क्षेत्र में पुलिस ने बजरंग दल के नेताओं के साथ मिलकर जिम पर छापेमारी की और खास तौर पर मुस्लिम ट्रेनरों के बारे में पूछताछ की। वायरल वीडियो में उप-निरीक्षक दिनेश शर्मा को जिम मालिकों को यह निर्देश देते हुए देखा जा सकता है कि वे किसी भी मुस्लिम को ट्रेनर के रूप में काम करने या प्रशिक्षण प्राप्त करने की अनुमति न दें।
इन छापों का समर्थन करते हुए बीजेपी सांसद आलोक कुमार ने मीडिया को बताया कि उन्होंने भोपाल के कई जिमों की सूची दी है और 'लव जिहाद' का आरोप लगाया है। एक अन्य वीडियो, जो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है, उसमें बजरंग दल के नेता जिम में मौजूद सभी ट्रेनियों और ट्रेनरों के नाम पूछते हुए दिखाई देते हैं। बाद में, उप-निरीक्षक वहां पहुंचे और जिम मालिक को साफ चेतावनी दी कि किसी भी मुस्लिम को प्रशिक्षण देने या लेने की अनुमति न दी जाए।
न्यूज24 की रिपोर्ट के अनुसार, दिनेश शर्मा ने कहा, “मैं आपको साफ-साफ बता रहा हूं, यहां कोई मुस्लिम नहीं आएगा, न प्रशिक्षण देने के लिए, न ही प्रशिक्षण लेने के लिए।”

यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिससे लोगों में नाराजगी है और इस बात को लेकर सवाल उठने लगे कि पुलिस के साथ छापेमारी के दौरान बजरंग दल के नेता और कार्यकर्ता क्यों मौजूद थे। भाजपा सांसद आलोक शर्मा ने मीडिया से कहा कि उन्होंने उन जिमों की सूची सौंपी है जहां या तो ट्रेनर या ट्रेनी मुस्लिम हैं।
उन्होंने कहा, "हम यह सूची आने वाले समय में पुलिस को देंगे। अब किसी को भी लव जिहाद करने की अनुमति नहीं दी जाएग। यहां तक कि लैंड जिहाद भी चल रहा है। यह सब अब नहीं चलेगा। कानून अपना काम करेगा और ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाएगी…।" उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि महिला प्रशिक्षकों के रूप में केवल महिलाओं की ही नियुक्ति होनी चाहिए।
यह घटना 28 मई को तब हुई जब बजरंग दल के सदस्यों ने अयोध्या नगर स्थित कई जिमों का दौरा किया और जिम मालिकों से मांग की कि किसी भी मुस्लिम को जिम में आने की अनुमति न दी जाए। मध्य प्रदेश के अन्य क्षेत्रों से भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई हैं। इंदौर में भी मुस्लिमों को जिम से प्रतिबंधित करने की मांग उस समय उठी जब मोहसिन खान पर एक अवैध शूटिंग ट्रेनिंग सेंटर चलाने और बलात्कार व छेड़छाड़ के आरोप लगाए गए।
आलोक शर्मा ने मीडिया से कहा, “मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार है, जो राज्य में कहीं भी लव जिहाद या लैंड जिहाद होने नहीं देगी।”
इससे पहले भी सांसद आलोक शर्मा ने राज्य में लव जिहाद को लेकर बयान दिया था जिसमें उन्होंने इसे “हिंदू समाज को तोड़ने की एक सुनियोजित साजिश” बताया था और केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि इसे रोकने के लिए एक सख्त और प्रभावी कानून लाया जाए।
आलोक शर्मा ने कहा, “देश के कुछ शहरों में कुछ संगठन एक विशेष अल्पसंख्यक समुदाय के लड़कों को इस तरह से प्रशिक्षण दे रहे हैं कि वे हिंदू लड़कियों को धोखे से बहलाकर, खुद को हिंदू बताकर शादी करें और बाद में उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करें। मैं इस पर आंकड़े इकट्ठा कर रहा हूं।” यह बयान उन्होंने उन प्रदर्शनों के दौरान दिया, जो मुस्लिम लड़कों द्वारा हिंदू लड़कियों के कथित शोषण के विरोध में आयोजित किए गए थे।
जिम में जाने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए आलोक शर्मा ने कहा कि “भोपाल सिर्फ नवाबों की जमीन नहीं है, बल्कि अशोक और चंद्रगुप्त मौर्य की भी धरती है।” उन्होंने यह भी मांग की कि ओबैदिया स्कूल, राशिदिया स्कूल, सुलतानिया जनाना अस्पताल और हमीदिया अस्पताल जैसे मुस्लिम नामों वाले संस्थानों का नाम बदलकर भारतीय ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के नाम पर रखा जाए। उनका कहना था कि इन संस्थानों के मौजूदा नाम राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित हैं और इनका फिर से नामाकरण जरूरी है।
भोपाल सेंट्रल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने आलोक शर्मा के बयानों को ‘राजनीतिक नौटंकी’ करार दिया और कहा कि उन्हें जिम्मेदारी से बर्ताव करना चाहिए, न कि अपनी ‘टीआरपी बढ़ाने’ की कोशिश करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “जिम खोलना या प्रशिक्षण देना कोई अपराध नहीं है। अगर कोई प्रशिक्षित है, तो वह प्रशिक्षण देगा। अगर किसी पर शक है तो जांच कीजिए। लोग अपने जिम और ट्रेनर खुद चुनते हैं, न कि सांसद या विधायक।”
संस्थानों के नाम बदलने को लेकर आरिफ मसूद ने कहा कि कांग्रेस को नामों से नहीं, बल्कि काम से मतलब है। मुस्लिम दुकानदारों द्वारा देर रात दुकानें खोलने पर आलोक शर्मा की टिप्पणी का जवाब देते हुए मसूद ने तीखी प्रतिक्रिया दी और पूछा, “क्या ये पाकिस्तान है?” उन्होंने कहा, “अगर कानून दुकानों को रात 11 बजे तक खोलने की अनुमति देता है, तो मुस्लिम भी अपनी दुकानें खोलेंगे।”
मसूद के इस बयान ने न केवल धार्मिक आधार पर भेदभाव की आलोचना की, बल्कि यह भी संकेत दिया कि व्यापार और आजीविका के अधिकार धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में समान रूप से सभी नागरिकों को प्राप्त हैं।
संस्थानों के नाम बदलने को लेकर आरिफ मसूद ने कहा कि कांग्रेस का ध्यान नामों पर नहीं, बल्कि काम पर है। मसूद ने आलोक शर्मा की उस टिप्पणी पर भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने मुस्लिम दुकानदारों द्वारा देर रात दुकानें खोलने को लेकर सवाल उठाया था और पूछा था, "क्या यह पाकिस्तान है?" मसूद ने कहा, "अगर कानून दुकानों को रात 11 बजे तक खुले रहने की अनुमति देता है, तो मुसलमान भी अपनी दुकानें उसी समय तक खुली रखेंगे।"
एडिशनल डीसीपी महावीर सिंह ने इस घटना को लेकर एक आंतरिक जांच शुरू की है। मामले में शामिल उप-निरीक्षक, जो अयोध्या नगर पुलिस स्टेशन में तैनात थे, उन्हें अब पुलिस लाइन में स्थानांतरित कर दिया गया है।
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इन छापों का समर्थन करते हुए बीजेपी सांसद आलोक कुमार ने मीडिया को बताया कि उन्होंने भोपाल के कई जिमों की सूची दी है और 'लव जिहाद' का आरोप लगाया है। एक अन्य वीडियो, जो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है, उसमें बजरंग दल के नेता जिम में मौजूद सभी ट्रेनियों और ट्रेनरों के नाम पूछते हुए दिखाई देते हैं। बाद में, उप-निरीक्षक वहां पहुंचे और जिम मालिक को साफ चेतावनी दी कि किसी भी मुस्लिम को प्रशिक्षण देने या लेने की अनुमति न दी जाए।
न्यूज24 की रिपोर्ट के अनुसार, दिनेश शर्मा ने कहा, “मैं आपको साफ-साफ बता रहा हूं, यहां कोई मुस्लिम नहीं आएगा, न प्रशिक्षण देने के लिए, न ही प्रशिक्षण लेने के लिए।”

यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिससे लोगों में नाराजगी है और इस बात को लेकर सवाल उठने लगे कि पुलिस के साथ छापेमारी के दौरान बजरंग दल के नेता और कार्यकर्ता क्यों मौजूद थे। भाजपा सांसद आलोक शर्मा ने मीडिया से कहा कि उन्होंने उन जिमों की सूची सौंपी है जहां या तो ट्रेनर या ट्रेनी मुस्लिम हैं।
उन्होंने कहा, "हम यह सूची आने वाले समय में पुलिस को देंगे। अब किसी को भी लव जिहाद करने की अनुमति नहीं दी जाएग। यहां तक कि लैंड जिहाद भी चल रहा है। यह सब अब नहीं चलेगा। कानून अपना काम करेगा और ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाएगी…।" उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि महिला प्रशिक्षकों के रूप में केवल महिलाओं की ही नियुक्ति होनी चाहिए।
यह घटना 28 मई को तब हुई जब बजरंग दल के सदस्यों ने अयोध्या नगर स्थित कई जिमों का दौरा किया और जिम मालिकों से मांग की कि किसी भी मुस्लिम को जिम में आने की अनुमति न दी जाए। मध्य प्रदेश के अन्य क्षेत्रों से भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई हैं। इंदौर में भी मुस्लिमों को जिम से प्रतिबंधित करने की मांग उस समय उठी जब मोहसिन खान पर एक अवैध शूटिंग ट्रेनिंग सेंटर चलाने और बलात्कार व छेड़छाड़ के आरोप लगाए गए।
आलोक शर्मा ने मीडिया से कहा, “मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार है, जो राज्य में कहीं भी लव जिहाद या लैंड जिहाद होने नहीं देगी।”
इससे पहले भी सांसद आलोक शर्मा ने राज्य में लव जिहाद को लेकर बयान दिया था जिसमें उन्होंने इसे “हिंदू समाज को तोड़ने की एक सुनियोजित साजिश” बताया था और केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि इसे रोकने के लिए एक सख्त और प्रभावी कानून लाया जाए।
आलोक शर्मा ने कहा, “देश के कुछ शहरों में कुछ संगठन एक विशेष अल्पसंख्यक समुदाय के लड़कों को इस तरह से प्रशिक्षण दे रहे हैं कि वे हिंदू लड़कियों को धोखे से बहलाकर, खुद को हिंदू बताकर शादी करें और बाद में उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करें। मैं इस पर आंकड़े इकट्ठा कर रहा हूं।” यह बयान उन्होंने उन प्रदर्शनों के दौरान दिया, जो मुस्लिम लड़कों द्वारा हिंदू लड़कियों के कथित शोषण के विरोध में आयोजित किए गए थे।
जिम में जाने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए आलोक शर्मा ने कहा कि “भोपाल सिर्फ नवाबों की जमीन नहीं है, बल्कि अशोक और चंद्रगुप्त मौर्य की भी धरती है।” उन्होंने यह भी मांग की कि ओबैदिया स्कूल, राशिदिया स्कूल, सुलतानिया जनाना अस्पताल और हमीदिया अस्पताल जैसे मुस्लिम नामों वाले संस्थानों का नाम बदलकर भारतीय ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के नाम पर रखा जाए। उनका कहना था कि इन संस्थानों के मौजूदा नाम राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित हैं और इनका फिर से नामाकरण जरूरी है।
भोपाल सेंट्रल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने आलोक शर्मा के बयानों को ‘राजनीतिक नौटंकी’ करार दिया और कहा कि उन्हें जिम्मेदारी से बर्ताव करना चाहिए, न कि अपनी ‘टीआरपी बढ़ाने’ की कोशिश करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “जिम खोलना या प्रशिक्षण देना कोई अपराध नहीं है। अगर कोई प्रशिक्षित है, तो वह प्रशिक्षण देगा। अगर किसी पर शक है तो जांच कीजिए। लोग अपने जिम और ट्रेनर खुद चुनते हैं, न कि सांसद या विधायक।”
संस्थानों के नाम बदलने को लेकर आरिफ मसूद ने कहा कि कांग्रेस को नामों से नहीं, बल्कि काम से मतलब है। मुस्लिम दुकानदारों द्वारा देर रात दुकानें खोलने पर आलोक शर्मा की टिप्पणी का जवाब देते हुए मसूद ने तीखी प्रतिक्रिया दी और पूछा, “क्या ये पाकिस्तान है?” उन्होंने कहा, “अगर कानून दुकानों को रात 11 बजे तक खोलने की अनुमति देता है, तो मुस्लिम भी अपनी दुकानें खोलेंगे।”
मसूद के इस बयान ने न केवल धार्मिक आधार पर भेदभाव की आलोचना की, बल्कि यह भी संकेत दिया कि व्यापार और आजीविका के अधिकार धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में समान रूप से सभी नागरिकों को प्राप्त हैं।
संस्थानों के नाम बदलने को लेकर आरिफ मसूद ने कहा कि कांग्रेस का ध्यान नामों पर नहीं, बल्कि काम पर है। मसूद ने आलोक शर्मा की उस टिप्पणी पर भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने मुस्लिम दुकानदारों द्वारा देर रात दुकानें खोलने को लेकर सवाल उठाया था और पूछा था, "क्या यह पाकिस्तान है?" मसूद ने कहा, "अगर कानून दुकानों को रात 11 बजे तक खुले रहने की अनुमति देता है, तो मुसलमान भी अपनी दुकानें उसी समय तक खुली रखेंगे।"
एडिशनल डीसीपी महावीर सिंह ने इस घटना को लेकर एक आंतरिक जांच शुरू की है। मामले में शामिल उप-निरीक्षक, जो अयोध्या नगर पुलिस स्टेशन में तैनात थे, उन्हें अब पुलिस लाइन में स्थानांतरित कर दिया गया है।
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