मध्य प्रदेश के अनूपुर ज़िले का मामला। पिचरवाही गांव के निवासी आदिवासी बरनू सिंह बीते 18 सितंबर को अपने दोस्त भोमा सिंह के साथ बाइक पर अनूपपुर जा रहे थे, तभी एक वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। आदिवासी व्यक्ति से मारपीट की इस घटना को लेकर विपक्षी कांग्रेस ने नाराज़गी जताई और सत्तारूढ़ भाजपा पर ‘आदिवासी विरोधी’ होने का आरोप लगाया।
मध्य प्रदेश में भाजपा की युवा शाखा के एक पदाधिकारी द्वारा कथित तौर पर एक सड़क दुर्घटना में मारे गए एक आदिवासी व्यक्ति के शव के बगल में एक बुजुर्ग आदिवासी व्यक्ति को चप्पलों से पीटने का वीडियो सामने आया है।
इस घटना को लेकर विपक्षी कांग्रेस ने नाराजगी जताई और सत्तारूढ़ भाजपा पर ‘आदिवासी विरोधी’ होने का आरोप लगाया।
पुलिस के अनुसार, यह घटना 18 सितंबर को हुई, जब भोमा सिंह (60 वर्ष) की मोटरसाइकिल और पिकअप ट्रक के बीच हुई टक्कर में मौत हो गई। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अनूपपुर (ग्रामीण) मंडल अध्यक्ष जय गणेश दीक्षित ने कथित तौर पर मोटरसाइकिल में पीछे बैठे बरनू सिंह मरावी (57 वर्ष) के साथ मारपीट की।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘घटना के बाद भीड़ जमा हो गई थी और उन्होंने पीछे बैठे घायल बरनू सिंह से पूछताछ शुरू कर दी, जो घबराए हुए थे। वह अभी भी सदमे में थे और उन्हें जवाब नहीं दे सके। जय गणेश सिंह और एक अन्य आरोपी जितेंद्र कुशवाह ने भी मरावी से पूछताछ की और जब वह जवाब देने में असमर्थ रहे, तो उन्होंने कथित तौर पर उनके साथ मारपीट की। आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है और उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।’
घटना का एक वीडियो वायरल होने बाद दीक्षित को उनके पद से हटा दिया गया।
जिला भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष रवींद्र राठौड़ ने आरोपी को लिखे पत्र में कहा, ‘आपके द्वारा किया गया कृत्य, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है, घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। अत: आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी के मंडल अध्यक्ष के दायित्व से मुक्त किया जाता है।’
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अनूपपुर के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) सुमित केरकेट्टा ने कहा, ‘अनूपपुर के पिचरवाही गांव के निवासी बरनू सिंह मरावी सोमवार (18 सितंबर) को अपने दोस्त भोमा सिंह के साथ मोटरसाइकिल पर राजेंद्रग्राम से अनूपपुर जा रहे थे, तभी जमुड़ी गांव के पास एक लोडिंग वाहन ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। सिर पर चोट लगने से भोमा सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।’
उन्होंने बताया कि स्थानीय निवासी भोमा सिंह के पते और परिवार के बारे में पूछताछ करने की कोशिश कर रहे थे, तभी भाजयुमो नेता जय गणेश दीक्षित मौके पर पहुंच गए और कोई भी जानकारी साझा न करने के लिए बरनू सिंह को चप्पलों से पीटना शुरू कर दिया। मारपीट का एक वीडियो वायरल हो गया है।
बाद में बरनू ने जय गणेश दीक्षित और उनके सहयोगी जितेंद्र कुशवाह, जो एक स्थानीय ग्रामीण हैं, के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। भाजपा मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने कहा, ‘जितेंद्र कुशवाह अनूपपुर से युवा कांग्रेस के नेता हैं।’
कांग्रेस ने आरोपों का खंडन किया है। कांग्रेस के युवा नेता गुड्डू चौहान ने कहा, ‘भाजपा नेता झूठ बोल रहे हैं। जितेंद्र कुशवाह न तो कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं और न ही नेता हैं।’
शिकायत के आधार पर पुलिस ने भाजयुमो के मंडल अध्यक्ष जय गणेश दीक्षित और जितेंद्र कुशवाह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 (जान-बूझकर चोट पहुंचाना) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
हालांकि भाजयुमो नेता दीक्षित ने कहा, ‘दुर्घटना के बाद भोमा सिंह जीवित थे। हमने बरनू से शांत रहने और उन्हें अस्पताल ले जाने में मदद करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इसके बजाय हमें गाली देनी शुरू कर दी। एक घंटे से अधिक समय तक जब तक हमने उनको शांत करने की कोशिश की, भोमा की मृत्यु हो गई। इसने मुझे उन्हें पीटने के लिए मजबूर किया।’
बहरहाल, कांग्रेस ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर इस बात को लेकर हमला बोला कि राज्य में आदिवासियों पर बार-बार हमले हो रहे हैं।
यह घटना इस साल जुलाई में सीधी में एक आदिवासी युवक पर भाजपा से जुड़े एक व्यक्ति द्वारा पेशाब करने के बाद आई है, जिससे राजनीतिक हंगामा खड़ा हो गया था जिसके बाद चौहान ने उस व्यक्ति के पैर धोए थे।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस नेता कमलनाथ ने लिखा, ‘शिवराज सिंह चौहान जी, आप इस वीभत्स वीडियो को नजरअंदाज नहीं कर सकते। अनूपपुर जिले में एक आदिवासी व्यक्ति के शव के बगल में एक बीजेपी नेता दूसरे आदिवासी व्यक्ति को चप्पल से पीटते नजर आ रहे हैं। जब आप आदिवासियों पर अत्याचार नहीं रोक सकते तो कम से कम मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दीजिए।’
उन्होंने आगे कहा, ‘पैर धोने का पाखंड आपके क्रूर शासन का प्रायश्चित नहीं कर सकता। आपने न केवल मध्य प्रदेश को आदिवासियों पर अत्याचार में नंबर वन बनाया है, बल्कि ऐसी घटनाओं में क्रूरता के स्तर पर भी प्रदेश को नंबर वन बनाया है।’
उन्होंने लिखा, ‘क्या आपने भाजपा कार्यकर्ताओं को आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार करने का लाइसेंस दिया है? नेमावर में एक आदिवासी बेटी और परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा दफना दिया गया। नीमच में एक आदिवासी युवक को गाड़ी से बांधकर घसीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई। सीधी में एक आदिवासी युवक पर पेशाब कर दिया गया। और हर बार आदिवासियों पर अत्याचार करने वाला व्यक्ति या तो भाजपा का नेता होता है या उससे जुड़ा कोई व्यक्ति होता है।’
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इस घटना को लेकर विपक्षी कांग्रेस ने नाराजगी जताई और सत्तारूढ़ भाजपा पर ‘आदिवासी विरोधी’ होने का आरोप लगाया।
पुलिस के अनुसार, यह घटना 18 सितंबर को हुई, जब भोमा सिंह (60 वर्ष) की मोटरसाइकिल और पिकअप ट्रक के बीच हुई टक्कर में मौत हो गई। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अनूपपुर (ग्रामीण) मंडल अध्यक्ष जय गणेश दीक्षित ने कथित तौर पर मोटरसाइकिल में पीछे बैठे बरनू सिंह मरावी (57 वर्ष) के साथ मारपीट की।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘घटना के बाद भीड़ जमा हो गई थी और उन्होंने पीछे बैठे घायल बरनू सिंह से पूछताछ शुरू कर दी, जो घबराए हुए थे। वह अभी भी सदमे में थे और उन्हें जवाब नहीं दे सके। जय गणेश सिंह और एक अन्य आरोपी जितेंद्र कुशवाह ने भी मरावी से पूछताछ की और जब वह जवाब देने में असमर्थ रहे, तो उन्होंने कथित तौर पर उनके साथ मारपीट की। आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है और उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।’
घटना का एक वीडियो वायरल होने बाद दीक्षित को उनके पद से हटा दिया गया।
जिला भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष रवींद्र राठौड़ ने आरोपी को लिखे पत्र में कहा, ‘आपके द्वारा किया गया कृत्य, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है, घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। अत: आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी के मंडल अध्यक्ष के दायित्व से मुक्त किया जाता है।’
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अनूपपुर के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) सुमित केरकेट्टा ने कहा, ‘अनूपपुर के पिचरवाही गांव के निवासी बरनू सिंह मरावी सोमवार (18 सितंबर) को अपने दोस्त भोमा सिंह के साथ मोटरसाइकिल पर राजेंद्रग्राम से अनूपपुर जा रहे थे, तभी जमुड़ी गांव के पास एक लोडिंग वाहन ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। सिर पर चोट लगने से भोमा सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।’
उन्होंने बताया कि स्थानीय निवासी भोमा सिंह के पते और परिवार के बारे में पूछताछ करने की कोशिश कर रहे थे, तभी भाजयुमो नेता जय गणेश दीक्षित मौके पर पहुंच गए और कोई भी जानकारी साझा न करने के लिए बरनू सिंह को चप्पलों से पीटना शुरू कर दिया। मारपीट का एक वीडियो वायरल हो गया है।
बाद में बरनू ने जय गणेश दीक्षित और उनके सहयोगी जितेंद्र कुशवाह, जो एक स्थानीय ग्रामीण हैं, के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। भाजपा मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने कहा, ‘जितेंद्र कुशवाह अनूपपुर से युवा कांग्रेस के नेता हैं।’
कांग्रेस ने आरोपों का खंडन किया है। कांग्रेस के युवा नेता गुड्डू चौहान ने कहा, ‘भाजपा नेता झूठ बोल रहे हैं। जितेंद्र कुशवाह न तो कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं और न ही नेता हैं।’
शिकायत के आधार पर पुलिस ने भाजयुमो के मंडल अध्यक्ष जय गणेश दीक्षित और जितेंद्र कुशवाह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 (जान-बूझकर चोट पहुंचाना) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
हालांकि भाजयुमो नेता दीक्षित ने कहा, ‘दुर्घटना के बाद भोमा सिंह जीवित थे। हमने बरनू से शांत रहने और उन्हें अस्पताल ले जाने में मदद करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इसके बजाय हमें गाली देनी शुरू कर दी। एक घंटे से अधिक समय तक जब तक हमने उनको शांत करने की कोशिश की, भोमा की मृत्यु हो गई। इसने मुझे उन्हें पीटने के लिए मजबूर किया।’
बहरहाल, कांग्रेस ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर इस बात को लेकर हमला बोला कि राज्य में आदिवासियों पर बार-बार हमले हो रहे हैं।
यह घटना इस साल जुलाई में सीधी में एक आदिवासी युवक पर भाजपा से जुड़े एक व्यक्ति द्वारा पेशाब करने के बाद आई है, जिससे राजनीतिक हंगामा खड़ा हो गया था जिसके बाद चौहान ने उस व्यक्ति के पैर धोए थे।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस नेता कमलनाथ ने लिखा, ‘शिवराज सिंह चौहान जी, आप इस वीभत्स वीडियो को नजरअंदाज नहीं कर सकते। अनूपपुर जिले में एक आदिवासी व्यक्ति के शव के बगल में एक बीजेपी नेता दूसरे आदिवासी व्यक्ति को चप्पल से पीटते नजर आ रहे हैं। जब आप आदिवासियों पर अत्याचार नहीं रोक सकते तो कम से कम मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दीजिए।’
उन्होंने आगे कहा, ‘पैर धोने का पाखंड आपके क्रूर शासन का प्रायश्चित नहीं कर सकता। आपने न केवल मध्य प्रदेश को आदिवासियों पर अत्याचार में नंबर वन बनाया है, बल्कि ऐसी घटनाओं में क्रूरता के स्तर पर भी प्रदेश को नंबर वन बनाया है।’
उन्होंने लिखा, ‘क्या आपने भाजपा कार्यकर्ताओं को आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार करने का लाइसेंस दिया है? नेमावर में एक आदिवासी बेटी और परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा दफना दिया गया। नीमच में एक आदिवासी युवक को गाड़ी से बांधकर घसीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई। सीधी में एक आदिवासी युवक पर पेशाब कर दिया गया। और हर बार आदिवासियों पर अत्याचार करने वाला व्यक्ति या तो भाजपा का नेता होता है या उससे जुड़ा कोई व्यक्ति होता है।’
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