एमपी: दलित युवकों के साथ बर्बरता, मुंह पर कालिख लगाकर गांव में घुमाया

Written by sabrang india | Published on: May 24, 2025
पीड़ित लड़कों ने कुरावर थाने में शिकायत दी जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट और दूसरी धाराओं में केस दर्ज किया है।



मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के कुरावर थाना क्षेत्र के एक गांव में दलित समाज के दो युवकों के साथ जो बर्बरता हुई उसने पूरे प्रदेश को हिला दिया है। पहले तो उन्हें खेत में बुरी तरह पीटा गया, फिर उनका मुंह काला किया गया और गले में जूते-चप्पलों की माला डालकर पूरे गांव में घुमाया गया। ये सब 13 मई को हुआ था, लेकिन इसका वीडियो गुरुवार को सामने आया जिसके बाद मामला तेजी से फैल गया और चर्चा में आ गया।

द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित लड़कों ने कुरावर थाने में शिकायत दी जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट और दूसरी धाराओं में केस दर्ज किया है।

पीड़ित लड़के ने बताया कि उसके पापा ने गांव के कुछ लोगों से करीब 6 लाख रुपये उधार लिए थे, और वो लोग पैसा वापस करने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन पैसे लौटाने से पहले ही उन दबंगों ने उनकी पुश्तैनी 10 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया। पीड़ित ने कहा, 'हमने उनसे कहा था कि एक बीघा ज़मीन ले लो और बाकी पैसे एडजस्ट कर लो, लेकिन वो लोग भड़क गए और हमें सबक सिखाने के नाम पर हमारे साथ ये जुल्म किया।'

पीड़ित ने बताया कि 13 मई को आरोपी खेत में आए और उसे और उसके साथी को पकड़ लिया। 'हमारे कपड़े उतरवा दिए, मुंह पर कालिख पोती, हाथ बांध दिए और जूते-चप्पलों की माला पहनाई। फिर पूरे गांव में हमें घुमाकर सबके सामने बेइज्जत किया गया।' घटना के बाद उसके पापा ने गांव में समझौता करवाने की कोशिश की, क्योंकि उस वक्त गांव में यज्ञ-हवन चल रहा था। इसलिए तब थाने में रिपोर्ट नहीं लिखवाई। लेकिन जैसे ही ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पुलिस एक्शन में आ गई।

शुरुआत में कुरावर पुलिस यही कहती रही कि लड़के नशे में थे और गांव में जाकर खुद ही झगड़ा कर बैठे। लेकिन जब वीडियो सामने आया और मामला तूल पकड़ने लगा, तो गुरुवार रात को थाना प्रभारी संगीता शर्मा ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर अब कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने मारपीट, बेइज्जती और एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया है।

घटना सामने आने के बाद दलित संगठनों ने मांग की है कि आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और पीड़ित परिवार को सुरक्षा दी जाए। उनका कहना है कि ये सिर्फ जातीय बेइज्जती का मामला नहीं है, बल्कि संविधान की मूल बातों पर सीधा हमला है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। 'द मूकनायक' से बात करते हुए भीम आर्मी के नेता विनोद यादव अंबेडकर ने कहा कि मध्यप्रदेश में दलितों पर लगातार जुल्म हो रहे हैं और सरकार उन्हें रोकने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और पीड़ितों को ऐसा माहौल मिलना चाहिए जिसमें वो बिना डर के जी सकें।

द मूकनायक से बातचीत में एससी कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्य अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व सदस्य प्रदीप अहिरवार ने मुख्यमंत्री मोहन यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर सरकार की चुप्पी बेहद शर्मनाक है। प्रदीप अहिरवार ने कहा कि मुख्यमंत्री सिर्फ घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिख रही। उन्होंने मांग की कि सरकार दोषियों को सख्त सजा दिलाए और पीड़ित परिवार की तुरंत सहायता करे।

मामूली बातों पर दलितों के साथ बर्बरता का यह कोई नया मामला नहीं है। दलितों को अक्सर उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।

बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के मथुरा के नौझील थाने के अंतर्गत भूरेका गांव में एक दलित परिवार में शादी के समारोह में रूकावट डाली गई। जाट समुदाय के कुछ लोगों ने बारात के दौरान बज रहे डीजे पर आपत्ति जताई थी।

शिकायत के अनुसार, कृष्ण, मनीष कुमार और अंकुर के नेतृत्व में एक समूह ने लगभग 20-25 अज्ञात लोगों के साथ बारात को रोका, दूल्हे को सजे-धजे बग्गी से उतरने के लिए मजबूर किया और धमकी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे उसे गोली मार देंगे।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, दुल्हन के चाचा और शिकायतकर्ता पूरन सिंह ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस के पहुंचने के बाद बारात सुरक्षित विवाह स्थल पर पहुंच गई। हालांकि, बुधवार की सुबह आरोपी हथियार लेकर वापस लौटे, परिवार के सदस्यों के साथ गाली-गलौज की, घर की महिलाओं से बदसलूकी की और जातिवादी नारे लगाते हुए एक मोटरसाइकिल को नुकसान पहुंचाया। 

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