जयपुर। उन्नाव की रेप पीड़िता को परिवार सहित खत्म करने की साजिश के चलते बीजेपी देशभर में विरोध प्रदर्शन का सामना कर रही है। बुधवार को उन्नाव पीडि़ता के जीवन व न्याय के संघर्ष में एक जुटता देने व जयपुर में रेप पीडि़ता को राजस्थान पुलिस द्वारा आत्म हत्या के लिए मजबूर करने के विरूद्ध प्रदर्शन अम्बेडकर सर्किल जयपुर पर प्रदर्शन किया गया। उन्नाव पीडि़ता के नाम एक पत्र पढ़ा गया जिसमें उसकी बहादूरी और संघर्ष को सलाम किया गया साथ ही वैशाली नगर थाने की मृतका को इंसाफ दिलवाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन पढ़ा गया।
प्रदर्शन में पूर्व महिला आयोग की अध्यक्षा डॉ. पवन सुराणा ने कहा कि उन्नाव पीडि़ता के विरूद्ध जिस तरह उत्तर प्रदेश की सरकार खुलकर आरोपी बलात्कारी के साथ खडी हैं व हैरान करने वाला है। उन्होंने अपील की राजस्थान में सभी आंदोलन व संगठनों को उन्नाव की पीडि़ता के लिए एकसाथ आना चाहिए। अखिल भारतीय जनवादी समिति की सुमित्रा चौपड़ा ने कहा कि जिस तरह वैशाली नगर थाने में बलात्कार पीडि़ता को पुलिसकर्मियों ने मजबूर किया आत्महत्या करने के लिए वह असहनीय हैं और अशोक गहलोत सरकार को उसे हिरासत में हिंसा मानते हुये पूरे थाने को निलम्बित करना चाहिए और एस.एच.ओ. संजय गोदारा के खिलाफ एफ.आई.आर. 308 में दर्ज करनी चाहिए।
इसी क्रम में एन.एफ.आई.डब्ल्यू. की निशा सिद्धू का मानना था कि थाने की पुलिस की जांच की आलोचना करने के बजाए इतनी बौखलाहट में थे कि बलात्कारी के ही बचाव में सभी उतर आये और पीडि़ता का नाम भी उजागर कर दिया। जिसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।
पूर्व महिला आयोग की अध्यक्षा व रूवा से डॉ. लाड़ कुमारी जैन ने कहा कि उन्नाव पीड़िता एक नाबालिग लड़की होने के बावजूद 3 साल से लगातार संघर्ष कर रही है और उसकी संवैधानिक रक्षा करने के बजाए उत्तर प्रदेश सरकार व पुलिस ने बलात्कारी को ही सहयोग दिया। इस मामले में अगर अलाहाबाद हाई कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करता तो न ही एफ.आई.आर. दर्ज होती ना ही बलात्कार आरोपी कुलदीप सैंगर की गिरफ्तारी होती।
अपनी बात रखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता समर्त संधू ने कहा बलात्कार की संस्कृति को भाजपा सबसे ज्यादा बढ़ावा दे रही है। इस समय सबसे ज्यादा अपराधी भाजपा से ही आये हैं। यू.पी. विधान सभा में भी बलात्कार आरोपी व अपराधी इसी पार्टी से सबसे ज्यादा हैं। इसी तरह ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता हरकेश बुगालिया, राष्ट्रीय मुस्लिम वूमन की निशात हुसैन, महिला कार्यकर्ता डॉ. प्रीतम पाल, दलित महिला आंदोलन की सुमन देवठिया व युवा साथी भरत, रिदिमा, अनिकेत, रितांश व अन्य ने नारेबाजी कर संकल्प लिया कि वैशाली नगर थाने की मृतका को न्याय दिलाकर ही छोड़ेंगे।
प्रदर्शन में पूर्व महिला आयोग की अध्यक्षा डॉ. पवन सुराणा ने कहा कि उन्नाव पीडि़ता के विरूद्ध जिस तरह उत्तर प्रदेश की सरकार खुलकर आरोपी बलात्कारी के साथ खडी हैं व हैरान करने वाला है। उन्होंने अपील की राजस्थान में सभी आंदोलन व संगठनों को उन्नाव की पीडि़ता के लिए एकसाथ आना चाहिए। अखिल भारतीय जनवादी समिति की सुमित्रा चौपड़ा ने कहा कि जिस तरह वैशाली नगर थाने में बलात्कार पीडि़ता को पुलिसकर्मियों ने मजबूर किया आत्महत्या करने के लिए वह असहनीय हैं और अशोक गहलोत सरकार को उसे हिरासत में हिंसा मानते हुये पूरे थाने को निलम्बित करना चाहिए और एस.एच.ओ. संजय गोदारा के खिलाफ एफ.आई.आर. 308 में दर्ज करनी चाहिए।
इसी क्रम में एन.एफ.आई.डब्ल्यू. की निशा सिद्धू का मानना था कि थाने की पुलिस की जांच की आलोचना करने के बजाए इतनी बौखलाहट में थे कि बलात्कारी के ही बचाव में सभी उतर आये और पीडि़ता का नाम भी उजागर कर दिया। जिसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।
पूर्व महिला आयोग की अध्यक्षा व रूवा से डॉ. लाड़ कुमारी जैन ने कहा कि उन्नाव पीड़िता एक नाबालिग लड़की होने के बावजूद 3 साल से लगातार संघर्ष कर रही है और उसकी संवैधानिक रक्षा करने के बजाए उत्तर प्रदेश सरकार व पुलिस ने बलात्कारी को ही सहयोग दिया। इस मामले में अगर अलाहाबाद हाई कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करता तो न ही एफ.आई.आर. दर्ज होती ना ही बलात्कार आरोपी कुलदीप सैंगर की गिरफ्तारी होती।
अपनी बात रखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता समर्त संधू ने कहा बलात्कार की संस्कृति को भाजपा सबसे ज्यादा बढ़ावा दे रही है। इस समय सबसे ज्यादा अपराधी भाजपा से ही आये हैं। यू.पी. विधान सभा में भी बलात्कार आरोपी व अपराधी इसी पार्टी से सबसे ज्यादा हैं। इसी तरह ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता हरकेश बुगालिया, राष्ट्रीय मुस्लिम वूमन की निशात हुसैन, महिला कार्यकर्ता डॉ. प्रीतम पाल, दलित महिला आंदोलन की सुमन देवठिया व युवा साथी भरत, रिदिमा, अनिकेत, रितांश व अन्य ने नारेबाजी कर संकल्प लिया कि वैशाली नगर थाने की मृतका को न्याय दिलाकर ही छोड़ेंगे।