नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने वाले अधिकारी के निलंबन का मामला बढ़ता दिखाई दे रहा है। अब पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ। एसवाई कुरैशी ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने वाले अफसर का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही, साथ ही पीएम और चुनाव आयोग ने अपनी छवि को सुधारने का एक मौका भी गंवा दिया'।

कुरैशी ने आगे कहा, 'इन दोनों संस्थाओं की जनता के प्रति जवाबदेही है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लगातार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं और चुनाव आयोग इसे बार-बार नजर अंदाज कर रहा है। पीएम के हेलीकॉप्टर की जांच को इस तरीके से लिया जाना चाहिए था कि कानून सबके लिए बराबर है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ'।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ। एसवाई कुरैशी ने आगे ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के हेलीकॉप्टर की तलाशी का जिक्र करते हुए कहा कि, 'उन्होंने जिस धैर्य और सज्जनता परिचय दिया, वह काबिलेतारीफ है। हर नेता को वैसा ही व्यवहार करना चाहिए'।
दूसरी तरफ, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी डॉ। एसवाई कुरैशी की बातों के समर्थन में ट्वीट कर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया। मायावती ने आयोग पर सवाल खड़े करते हुए कहा, 'चुनाव आयोग के पास ऐसा कौनसा अधिकार है जिससे पीएम के विमान की तलाशी पर रोक है व ऐसा करने पर आईएएस पर्यवेक्षक को निलम्बित कर दिया गया। बीएसपी पूर्व सीईसी कुरैशी की बातों से सहमत है कि ऐसी कार्रवाई अनुचित है। आयोग को निष्पक्ष काम करना चाहिए ना कि पीएम मोदी को हर प्रकार की खुली छूट मिले'।
आपको बता दें कि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हेलीकॉप्टर की कथित रूप से जांच करने के लिए निर्वाचन आयोग ने ओडिशा के जनरल पर्यवेक्षक को बुधवार को निलंबित कर दिया था। आयोग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, कर्नाटक कैडर के 1996 बैच के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने एसपीजी सुरक्षा से जुड़े निर्वाचन आयोग के निर्देश का पालन नहीं किया।
ओडिशा के सम्बलपुर में कथित तौर पर उन्होंने पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर की चेकिंग की थी। जिला कलेक्टर और पुलिस महानिदेशक की रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने सम्बलपुर के जनरल पर्यवेक्षक को घटना के एक दिन बाद निलंबित कर दिया गया। घटना मंगलवार को हुई।एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सम्बलपुर में प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर की जांच करना निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत नहीं था। एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को ऐसी जांच से छूट प्राप्त होती है।

कुरैशी ने आगे कहा, 'इन दोनों संस्थाओं की जनता के प्रति जवाबदेही है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लगातार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं और चुनाव आयोग इसे बार-बार नजर अंदाज कर रहा है। पीएम के हेलीकॉप्टर की जांच को इस तरीके से लिया जाना चाहिए था कि कानून सबके लिए बराबर है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ'।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ। एसवाई कुरैशी ने आगे ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के हेलीकॉप्टर की तलाशी का जिक्र करते हुए कहा कि, 'उन्होंने जिस धैर्य और सज्जनता परिचय दिया, वह काबिलेतारीफ है। हर नेता को वैसा ही व्यवहार करना चाहिए'।
दूसरी तरफ, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी डॉ। एसवाई कुरैशी की बातों के समर्थन में ट्वीट कर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया। मायावती ने आयोग पर सवाल खड़े करते हुए कहा, 'चुनाव आयोग के पास ऐसा कौनसा अधिकार है जिससे पीएम के विमान की तलाशी पर रोक है व ऐसा करने पर आईएएस पर्यवेक्षक को निलम्बित कर दिया गया। बीएसपी पूर्व सीईसी कुरैशी की बातों से सहमत है कि ऐसी कार्रवाई अनुचित है। आयोग को निष्पक्ष काम करना चाहिए ना कि पीएम मोदी को हर प्रकार की खुली छूट मिले'।
आपको बता दें कि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हेलीकॉप्टर की कथित रूप से जांच करने के लिए निर्वाचन आयोग ने ओडिशा के जनरल पर्यवेक्षक को बुधवार को निलंबित कर दिया था। आयोग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, कर्नाटक कैडर के 1996 बैच के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने एसपीजी सुरक्षा से जुड़े निर्वाचन आयोग के निर्देश का पालन नहीं किया।
ओडिशा के सम्बलपुर में कथित तौर पर उन्होंने पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर की चेकिंग की थी। जिला कलेक्टर और पुलिस महानिदेशक की रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने सम्बलपुर के जनरल पर्यवेक्षक को घटना के एक दिन बाद निलंबित कर दिया गया। घटना मंगलवार को हुई।एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सम्बलपुर में प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर की जांच करना निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत नहीं था। एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को ऐसी जांच से छूट प्राप्त होती है।