नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राफेल विमान सौदे के मुद्दे ने सुर्खियां बटोरीं. इसके अलावा एक मुद्दा ऐसा भी है जिस पर विपक्ष ही नहीं बल्कि सहयोगी पार्टियां भी भारतीय जनता पार्टी का विरोध कर रही हैं. नागरिकता संशोधन बिल (2016) को लेकर एनडीए में बीजेपी की सहयोगी असम गण परिषद और शिवसेना सरकार का विरोध कर रही है.
अब इस मुद्दे पर असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा का बड़ा बयान आया है. उनका कहना है कि अगर ये बिल नहीं लाया गया, तो असम के करीब 17 जिले ‘जिन्ना के रास्ते’ पर निकल पड़ेंगे. हेमंत बिस्वा ने कहा कि असम में NRC को इसलिए लागू किया जा रहा है ताकि जिन्ना जैसी सोच रखने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सके.
उन्होंने कहा कि अब ये लड़ाई जिन्ना बनाम इंडिया की बन गई है. बीजेपी नेता ने कहा कि अगर हम असम अकॉर्ड का क्लॉज़ 6 लागू नहीं करते हैं तो बदरुद्दीन अजमल असम के मुख्यमंत्री बन जाएंगे और सिटिजनशिप बिल नहीं आता है तो 17 जिले जिन्ना के रास्ते पर होंगे.
सोमवार को भी इस मुद्दे पर असम गण परिषद के नेता संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी बयान दिया है कि हम लोग सिटिजनशिप संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं. असम गण परिषद के लोगों ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी, ये मसला हिंदू-मुस्लिम का नहीं है. असम का एक अलग कल्चर है, अगर हम उसे बदलते हैं तो गृह युद्ध जैसी परिस्थिति पैदा होगी.
क्या है ये बिल?
गौरतलब है कि केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 ला रही है. इसके तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म के अल्पसंख्य अगर भारत में आते हैं तो 6 साल यहां बिताने के बाद उन्हें नागरिकता दी जा सकती है.
साभार- आजतक
अब इस मुद्दे पर असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा का बड़ा बयान आया है. उनका कहना है कि अगर ये बिल नहीं लाया गया, तो असम के करीब 17 जिले ‘जिन्ना के रास्ते’ पर निकल पड़ेंगे. हेमंत बिस्वा ने कहा कि असम में NRC को इसलिए लागू किया जा रहा है ताकि जिन्ना जैसी सोच रखने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सके.
उन्होंने कहा कि अब ये लड़ाई जिन्ना बनाम इंडिया की बन गई है. बीजेपी नेता ने कहा कि अगर हम असम अकॉर्ड का क्लॉज़ 6 लागू नहीं करते हैं तो बदरुद्दीन अजमल असम के मुख्यमंत्री बन जाएंगे और सिटिजनशिप बिल नहीं आता है तो 17 जिले जिन्ना के रास्ते पर होंगे.
सोमवार को भी इस मुद्दे पर असम गण परिषद के नेता संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी बयान दिया है कि हम लोग सिटिजनशिप संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं. असम गण परिषद के लोगों ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी, ये मसला हिंदू-मुस्लिम का नहीं है. असम का एक अलग कल्चर है, अगर हम उसे बदलते हैं तो गृह युद्ध जैसी परिस्थिति पैदा होगी.
क्या है ये बिल?
गौरतलब है कि केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 ला रही है. इसके तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म के अल्पसंख्य अगर भारत में आते हैं तो 6 साल यहां बिताने के बाद उन्हें नागरिकता दी जा सकती है.
साभार- आजतक