मध्यप्रदेश में सरकारी विभागों और विश्वविद्यालयों के भाजपा के पक्ष में काम करने की एक और मिसाल तब मिली जब उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भाजपा प्रत्याशियों की फोटो दिखाई देने लगी।
इस मामले की निर्वाचन आयोग से शिकायत की गई और उसकी जांच भी शुरू हुई लेकिन पुलिस की तरफ से अधिकारियों से अजीब तरह से जवाब मांगा गया और लगता नहीं कि किसी पर कोई कार्रवाई होनी है।
पुलिस प्रशासन की तरफ से जांच कर रहे अधिकारियों ने पहले कुलपति प्रो. एसएस पांडेय को पत्र भेजकर इस मामले पर उनका जवाब मांगा लेकिन कुछ ही घंटे बाद अधिकारियों ने कुलसचिव के नाम से ऐसा ही पत्र भेज दिया और सबूत के साथ जवाब मांगा।
विक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भाजपा प्रत्याशियों की फोटो दिखाई देने के मामले में पुलिस शिकायतकर्ता बबलू खिंची के बयान दर्ज कर चुकी है। अपने बयान में बबलू खिंची ने कुलपति पर दलगत राजनीति से प्रभावित होकर काम करने के आरोप लगाया।
विक्रम विश्वविद्यालय के दर्जनों कॉलेजों के परीक्षा फॉर्म की लिंक न खुलने के मामले में भी अशासकीय महाविद्यालय संघ ने निर्वाचन आयोग से शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि यह मुद्दा कार्यपरिषद में जाना था, पर आचार संहिता के चलते कार्यपरिषद की बैठक नहीं हुई, लेकिन बिना बैठक के निर्णय हो गया।
उधर, वेबसाइट पर भाजपा प्रत्याशियों की फोटो दिखाए जाने के मामले में कुलसचिव डीके बग्गा का कहना है कि जानकारी भेजने का पत्र आया था, और उन्होंने जवाब भेज दिया है। पत्रिका के अनुसार, जवाब में विश्वविद्यालय ने लिखा है कि जानकारी लगते ही फोटो बेवसाइट से हटा दी गई।
इस मामले की निर्वाचन आयोग से शिकायत की गई और उसकी जांच भी शुरू हुई लेकिन पुलिस की तरफ से अधिकारियों से अजीब तरह से जवाब मांगा गया और लगता नहीं कि किसी पर कोई कार्रवाई होनी है।
पुलिस प्रशासन की तरफ से जांच कर रहे अधिकारियों ने पहले कुलपति प्रो. एसएस पांडेय को पत्र भेजकर इस मामले पर उनका जवाब मांगा लेकिन कुछ ही घंटे बाद अधिकारियों ने कुलसचिव के नाम से ऐसा ही पत्र भेज दिया और सबूत के साथ जवाब मांगा।
विक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भाजपा प्रत्याशियों की फोटो दिखाई देने के मामले में पुलिस शिकायतकर्ता बबलू खिंची के बयान दर्ज कर चुकी है। अपने बयान में बबलू खिंची ने कुलपति पर दलगत राजनीति से प्रभावित होकर काम करने के आरोप लगाया।
विक्रम विश्वविद्यालय के दर्जनों कॉलेजों के परीक्षा फॉर्म की लिंक न खुलने के मामले में भी अशासकीय महाविद्यालय संघ ने निर्वाचन आयोग से शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि यह मुद्दा कार्यपरिषद में जाना था, पर आचार संहिता के चलते कार्यपरिषद की बैठक नहीं हुई, लेकिन बिना बैठक के निर्णय हो गया।
उधर, वेबसाइट पर भाजपा प्रत्याशियों की फोटो दिखाए जाने के मामले में कुलसचिव डीके बग्गा का कहना है कि जानकारी भेजने का पत्र आया था, और उन्होंने जवाब भेज दिया है। पत्रिका के अनुसार, जवाब में विश्वविद्यालय ने लिखा है कि जानकारी लगते ही फोटो बेवसाइट से हटा दी गई।