मध्यप्रदेश में भाजपा की लगातार चौथी बार सरकार बनाने की कोशिश में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर की चुनावी सभा में इंदौर के बारे में जो कुछ कहा, उससे इंदौरवासियों में भारी नाराजगी छाई है।
प्रधानमंत्री ने हमेशा की तरह तथ्यों को तोड़ते-मरोड़ते हुए यह साबित करने की कोशिश की कि देश में जो भी विकास हुआ है, वह पिछले साढ़े 4 सालों में हुआ है। यही बात वे इंदौर के संदर्भ में भी बोल गए।
मोदी ने कहा कि पहले इंदौर एक छोटा-सा ट्रेडिंग सेंटर हुआ करता था, लेकिन शिवराज ने ही पिछले 15 सालों में इंदौर को प्रदेश की आर्थिक राजधानी बनाया है।
सोशल मीडिया पर मुखर हुए पत्रकारों ने प्रधानमंत्री के इस बयान की जमकर आलोचना भी की और उनकी खिल्ली भी उड़ाई। लोगों ने बताया कि इंदौर आज या कल से नहीं बल्कि देश की आजादी के बाद से ही मध्य भारत और मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी रहा है और आज भी है।
दो दशक पहले तक इंदौर में छह कपडा मिलें चलती थीं जिनसे 60 हजार से ज्यादा परिवार पलते थे। देश के कपड़ा उद्योग में इंदौर का तीसरा नंबर हुआ करता था। इंदौर में पिछले 60 साल से जितना बड़ा और व्यवस्थित कपड़ा मार्केट बसा हुआ है, वैसा आज भी देश में और कहीं नहीं है।
पत्रकार अनिल जैन ने लिखा है कि चांदी-सोने के आभूषण और बर्तनों के कारोबार में भी पूरे राज्य में इंदौर शुरू से ही अव्वल रहा है। प्रदेश में कपडों की रंगाई का भी सबसे बडा केंद्र इंदौर ही था जो अब नहीं है। 2006 तक राज्य सरकार को मिलने वाले राजस्व का 48 फीसद हिस्सा इंदौर का था, जो बाद के सालों में घटते-घटते अब 29 फीसद हो गया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अहिल्याबाई इंदौर की महारानी थीं, जबकि यह सामान्य जानकारी रखने वाला विद्यार्थी भी जानता है कि अहिल्याबाई ने इंदौर से कभी अपना शासन चलाया ही नहीं। अहिल्याबाई के समय होल्कर स्टेट की राजधानी इंदौर नहीं बल्कि महेश्वर हुआ करती थी, और इंदौर तो उनकी रियासत का एक नगर मात्र हुआ करता था।
शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्रित्व के 12 सालों में हुए भ्रष्टाचार लगातार चर्चा में हैं, जिनमें व्यापम घोटाला, डंपर घोटाला, अवैध रेत खनन जैसे कारनामें शामिल हैं। अब स्वाभाविक रूप से इनकी चर्चा तो प्रधानमंत्री करने से रहे, लेकिन तथ्यों को तोड़-मरोड़कर गलत तरीके से पेश करने की कोशिश में वो इतना नीचे उतर आएंगे, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी।
प्रधानमंत्री ने हमेशा की तरह तथ्यों को तोड़ते-मरोड़ते हुए यह साबित करने की कोशिश की कि देश में जो भी विकास हुआ है, वह पिछले साढ़े 4 सालों में हुआ है। यही बात वे इंदौर के संदर्भ में भी बोल गए।
मोदी ने कहा कि पहले इंदौर एक छोटा-सा ट्रेडिंग सेंटर हुआ करता था, लेकिन शिवराज ने ही पिछले 15 सालों में इंदौर को प्रदेश की आर्थिक राजधानी बनाया है।
सोशल मीडिया पर मुखर हुए पत्रकारों ने प्रधानमंत्री के इस बयान की जमकर आलोचना भी की और उनकी खिल्ली भी उड़ाई। लोगों ने बताया कि इंदौर आज या कल से नहीं बल्कि देश की आजादी के बाद से ही मध्य भारत और मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी रहा है और आज भी है।
दो दशक पहले तक इंदौर में छह कपडा मिलें चलती थीं जिनसे 60 हजार से ज्यादा परिवार पलते थे। देश के कपड़ा उद्योग में इंदौर का तीसरा नंबर हुआ करता था। इंदौर में पिछले 60 साल से जितना बड़ा और व्यवस्थित कपड़ा मार्केट बसा हुआ है, वैसा आज भी देश में और कहीं नहीं है।
पत्रकार अनिल जैन ने लिखा है कि चांदी-सोने के आभूषण और बर्तनों के कारोबार में भी पूरे राज्य में इंदौर शुरू से ही अव्वल रहा है। प्रदेश में कपडों की रंगाई का भी सबसे बडा केंद्र इंदौर ही था जो अब नहीं है। 2006 तक राज्य सरकार को मिलने वाले राजस्व का 48 फीसद हिस्सा इंदौर का था, जो बाद के सालों में घटते-घटते अब 29 फीसद हो गया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अहिल्याबाई इंदौर की महारानी थीं, जबकि यह सामान्य जानकारी रखने वाला विद्यार्थी भी जानता है कि अहिल्याबाई ने इंदौर से कभी अपना शासन चलाया ही नहीं। अहिल्याबाई के समय होल्कर स्टेट की राजधानी इंदौर नहीं बल्कि महेश्वर हुआ करती थी, और इंदौर तो उनकी रियासत का एक नगर मात्र हुआ करता था।
शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्रित्व के 12 सालों में हुए भ्रष्टाचार लगातार चर्चा में हैं, जिनमें व्यापम घोटाला, डंपर घोटाला, अवैध रेत खनन जैसे कारनामें शामिल हैं। अब स्वाभाविक रूप से इनकी चर्चा तो प्रधानमंत्री करने से रहे, लेकिन तथ्यों को तोड़-मरोड़कर गलत तरीके से पेश करने की कोशिश में वो इतना नीचे उतर आएंगे, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी।