मध्यप्रदेश में कभी भारतीय जनता पार्टी बिजली, पानी और सड़क के मुद्दों पर सत्ता में आई थी, लेकिन अब ये तीनों ही मुद्दे उसके सत्ता से बाहर होने के कारण बनते दिख रहे हैं।
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कई इलाके ऐसे हैं जहां के लोग इन मुद्दों को लेकर चुनावों तक का बहिष्कार करने लगे हैं। खंडवा का खड़की गांव भी इन्हीं में से एक है, जहां सड़क न बनने से नाराज गांव वालों ने विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है।
लोगों ने गली और चौराहों पर ‘सड़क नहीं तो वोट नहीं’ के पोस्टर लगा दिए हैं। कई लोगों ने अपने मकानों पर भी इसी तरह के बैनर लगा रखे हैं।
नईदुनिया के अनुसार, खड़की से लोहारी को जोड़ने वाली करीब 3 किलोमीटर की सड़क का न बन पाना ग्रामीणों की नाराजगी का कारण है। लोगों की दिक्कत इसलिए भी है क्योंकि नदी पर बनी पुलिया भी बारिश में बह चुकी है। लोहारी और खड़की के बीच सड़क के नाम पर केवल पत्थर और मुरम पड़ी है, जिस कारण उस पर पैदल चलना तक मुश्किल हो रहा है।
कहने को तो खड़की शहर से केवल 10 किलोमीटर दूर है, लेकिन विकास इससे कोसों दूर है। करीब 6 सौ लोगों की आबादी वाले इस गांव में राजनीतिक जागरूकता काफी है, लेकिन इस बार वे किसी दल को वोट नहीं देना चाहते।
गांव के लोग सड़क नहीं तो वोट नहीं के नारे लगा रहे हैं और राजनीतिक दलों का बहिष्कार कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि गांव वालों ने सड़क के लिए प्रयास नहीं किया। ग्रामीण जनसुनवाई से लेकर नेताओं और अफसरों तक कई बार गुहार लगाते रहे हैं, लेकिन शिवराज की सरकार में जैसे नेता संवेदनहीन हैं, वैसे ही अधिकारी भी संवेदना खो चुके हैं।