
सहारनपुर। यूपी के सहारनपुर जनपद में सुलग रही जातीय दंगे की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार शाम बसपा सुप्रीमो मायावती की सभा से वापस लौट रहे दलितों पर एक उच्च जाति के लोगों ने धारदार हथियारों से हमला बोल दिया, जिससे एक दलित युवक की मौत हो गई। एक मुस्लिम व्यक्ति समेत सात दलित गंभीर रुप से घायल हो गए। गांव में भारी मात्रा में पुलिस फोर्स और अर्द्धसैनिक बल के जवानों को तैनात कर दिया गया हैै। इस वारदात से पूरे जनपद में तनाव का माहौल बना है। मुजफ्फरनगर में तैनात एसएसपी बबलू कुमार को शासन ने सहारनपुर भेज दिया है। उधर, इस बाबत जिला प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
विगत पांच मई को सहारनपुर जनपद के गांव शब्बीरपुर में ठाकुर और दलितों में हुए जातीय दंगे के बाद मंगलवार की शाम मायावती गांव शब्बीरपुर में पीड़ित दलितों का हाल जानने के लिए आई थी। मायावती ने गांव में एक सभा को भी संबोधित किया और पीड़ित दलितों को 25 से 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता बसपा के पार्टी फंड से देने की घोषणा की थी। मायावती शाम करीब साढे छह बजे गांव शब्बीरपुर से अपने दिल्ली आवास के लिए रवाना हो गई थी। मायावती के गांव शब्बीरपुर गांव से वापस लौटने के बाद सभा में आए आसपास के गांवों के दलित भी अपने अपने घर को वापस लौट रहे थे।
यह दलित जैसे ही बड़गांव थाना क्षेत्र के गांव चंदपुर में पहुंचे तो पहले से घात लगाए बैठे ऊंची जाति के लोगों ने तलवार, चाकू और तमंचों से लैस होकर दलितों के काफिले पर हमला बोल दिया। बताया जाता है कि हमलावर चुन चुन कर दलितों के साथ मारकाट कर रहे थे। दलितों पर हुए हमले के बाद चारों ओर चीख पुकार मच गई। आनन फानन में मौके पर जमा हुई भीड़ को देखकर हमलावर तलवार और तमंचे लहराते हुए फरार हो गए।

मौके पर पहुंची पुलिस घायलों को लेकर जिला अस्पताल पहुंची जहां पर डाक्टरों ने दलित युवक आशीष निवासी गांव सुआखेड़ी को मृत घोषित कर दिया। गंभीर रुप से घायल हैदर और छह अन्य दलितों की हालत नाजुक होने के चलते हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। गांव में अर्द्धसैनिक बल और पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। डीएम एनपी सिंह और एसएसपी सुभाष चंद दुबे इस बाबत जवाब देने की स्थिति में नहीं कि हमला किस जाति के लोगों ने किया।
