नई दिल्ली। पांच राज्यों में हुए चुनाव के दौरान भाजपा ने सबसे ज्यादा बंगाल जीतने के लिए जोर लगा दिया। सारे नियम कायदों व विपक्ष के चार चरण के बाद चुनाव न कराने की विनती के बाद चुनाव आयोग ने आठ चरणों में वोटिंग कराई लेकिन ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपने सभी संसाधनों को दांव पर लगाने के बावजूद बीजेपी ममता बनर्जी सरकार को सत्ता से बेदखल करने में नाकामयाब रहेगी। टाइम्स नाऊ /एबीपी न्यूज-सीवोटर एग्जिट पोल के मुताबिक, ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को बीजेपी से कड़ी टक्कर मिलेगी, लेकिन अंतत: सत्ता तृणमूल कांग्रेस के पास ही रहेगी।
सर्वे के मुताबिक, बीजेपी को 115 सीटों पर जीत हासिल होगी, जो जादुई आंकड़े से 33 कम है। बीजेपी को पिछले विधानसभा चुनाव में केवल 3 सीट मिली थी, जिसमें इस बार 112 सीटों का इजाफा होने की उम्मीद है। एग्जिट पोल बताते हैं कि जमीनी स्तर पर पकड़ ढिली होने के बावजूद टीएमसी अभी भी 158 सीट जीतने में कामयाब हो सकती है, जो 148 के जादुई आंकड़े से 10 अधिक है। दो सीटों पर उम्मीदवारों की मौत के बाद बंगाल विधानसभा की 292 सीटों के लिए ही चुनाव परिणाम आएंगे।
एग्जिट पोल से पता चलता है कि लेफ्ट, जिसने तीन दशक से अधिक समय तक राज्य पर शासन किया था, कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन होने के बावजूद, एक मामूली खिलाड़ी साबित होगी। सर्वे के अनुसार कांग्रेस, वाम और आईएसएफ को पिछले चुनावों में 59 सीटें हासिल हुई थीं, वहीं इस बार केवल 19 सीटें जीतने का अनुमान है।
एग्जिट पोल में सत्तारूढ़ टीएमसी को 152 से 164 तक, बीजेपी के लिए 109 से 121 और वाम, कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगियों को 14 से 25 सीटों पर जीत का अनुमान लगाया गया है। एग्जिट पोल से पता चलता है कि टीएमसी को बंगाल में कुल वोटों में से 42.1 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है। 2016 के विधानसभा चुनावों में बनर्जी की पार्टी को 44.9 फीसदी वोट मिले थे, इस साल के चुनाव में उसके वोट शेयर में 2.8 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है।
वहीं, बीजेपी का वोट शेयर सत्तारूढ़ टीएमसी के लिए मुख्य चुनौती के रूप में उभरा है। बीजेपी को 2016 में 10.2 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार इसमें 29.0 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। बीजेपी को 39 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। एग्जिट पोल से पता चलता है कि लेफ्ट और कांग्रेस का वोट शेयर संयुक्त रूप से 2016 में 38.6 प्रतिशत था, जोकि अब घटकर 22.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
आंकड़ों से पता चलता है कि बीजेपी ने राज्यों के सभी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। डेल्टा क्षेत्र में 26 सीटों में से बीजेपी 12 और टीएमसी 14 सीटों पर जीत रही है। वहीं टीएमसी के गढ़, ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र में बीजेपी 56 में से 17 सीटें जीत सकती है। एग्जिट पोल के अनुसार टीएमसी यहां 38 सीट जीत सकती है। कांग्रेस और उसके गठबंधन के सहयोगी ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र में एक सीट जीतते दिख रहे हैं।
हाइलैंड क्षेत्र की 53 सीटों में से बीजेपी को 24, टीएमसी को 26 और कांग्रेस गठबंधन तीन सीट जीत सकती है। एग्जिट पोल से पता चलता है कि उत्तरी सीमा की 63 सीटों में सत्तारूढ़ टीएमसी के 30 सीट जीतने की संभावना है, जबकि बीजेपी के 21 सीटें जीतने का अनुमान है। कांग्रेस गठबंधन की 12 सीटों पर जीत की उम्मीद है।
इसी तरह उत्तरी पहाड़ियों में, 28 सीटों में से बीजेपी 15 सीट जीत सकती है। ममता बनर्जी की टीएमसी के यहां 12 सीटें जीतने की उम्मीद है। कांग्रेस और उसके गठबंधन के सहयोगियों को केवल एक सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, दक्षिणी मैदान की 66 सीटों में, टीएमसी के 38 सीटें जीतने की संभावना है, जबकि भाजपा को 26 सीटें जीतने का अनुमान है। क्षेत्र में दो सीटें कांग्रेस गठबंधन द्वारा जीती जा सकती हैं।
सर्वे के मुताबिक, बीजेपी को 115 सीटों पर जीत हासिल होगी, जो जादुई आंकड़े से 33 कम है। बीजेपी को पिछले विधानसभा चुनाव में केवल 3 सीट मिली थी, जिसमें इस बार 112 सीटों का इजाफा होने की उम्मीद है। एग्जिट पोल बताते हैं कि जमीनी स्तर पर पकड़ ढिली होने के बावजूद टीएमसी अभी भी 158 सीट जीतने में कामयाब हो सकती है, जो 148 के जादुई आंकड़े से 10 अधिक है। दो सीटों पर उम्मीदवारों की मौत के बाद बंगाल विधानसभा की 292 सीटों के लिए ही चुनाव परिणाम आएंगे।
एग्जिट पोल से पता चलता है कि लेफ्ट, जिसने तीन दशक से अधिक समय तक राज्य पर शासन किया था, कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन होने के बावजूद, एक मामूली खिलाड़ी साबित होगी। सर्वे के अनुसार कांग्रेस, वाम और आईएसएफ को पिछले चुनावों में 59 सीटें हासिल हुई थीं, वहीं इस बार केवल 19 सीटें जीतने का अनुमान है।
एग्जिट पोल में सत्तारूढ़ टीएमसी को 152 से 164 तक, बीजेपी के लिए 109 से 121 और वाम, कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगियों को 14 से 25 सीटों पर जीत का अनुमान लगाया गया है। एग्जिट पोल से पता चलता है कि टीएमसी को बंगाल में कुल वोटों में से 42.1 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है। 2016 के विधानसभा चुनावों में बनर्जी की पार्टी को 44.9 फीसदी वोट मिले थे, इस साल के चुनाव में उसके वोट शेयर में 2.8 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है।
वहीं, बीजेपी का वोट शेयर सत्तारूढ़ टीएमसी के लिए मुख्य चुनौती के रूप में उभरा है। बीजेपी को 2016 में 10.2 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार इसमें 29.0 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। बीजेपी को 39 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। एग्जिट पोल से पता चलता है कि लेफ्ट और कांग्रेस का वोट शेयर संयुक्त रूप से 2016 में 38.6 प्रतिशत था, जोकि अब घटकर 22.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
आंकड़ों से पता चलता है कि बीजेपी ने राज्यों के सभी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। डेल्टा क्षेत्र में 26 सीटों में से बीजेपी 12 और टीएमसी 14 सीटों पर जीत रही है। वहीं टीएमसी के गढ़, ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र में बीजेपी 56 में से 17 सीटें जीत सकती है। एग्जिट पोल के अनुसार टीएमसी यहां 38 सीट जीत सकती है। कांग्रेस और उसके गठबंधन के सहयोगी ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र में एक सीट जीतते दिख रहे हैं।
हाइलैंड क्षेत्र की 53 सीटों में से बीजेपी को 24, टीएमसी को 26 और कांग्रेस गठबंधन तीन सीट जीत सकती है। एग्जिट पोल से पता चलता है कि उत्तरी सीमा की 63 सीटों में सत्तारूढ़ टीएमसी के 30 सीट जीतने की संभावना है, जबकि बीजेपी के 21 सीटें जीतने का अनुमान है। कांग्रेस गठबंधन की 12 सीटों पर जीत की उम्मीद है।
इसी तरह उत्तरी पहाड़ियों में, 28 सीटों में से बीजेपी 15 सीट जीत सकती है। ममता बनर्जी की टीएमसी के यहां 12 सीटें जीतने की उम्मीद है। कांग्रेस और उसके गठबंधन के सहयोगियों को केवल एक सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, दक्षिणी मैदान की 66 सीटों में, टीएमसी के 38 सीटें जीतने की संभावना है, जबकि भाजपा को 26 सीटें जीतने का अनुमान है। क्षेत्र में दो सीटें कांग्रेस गठबंधन द्वारा जीती जा सकती हैं।