पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुदुचेरी समेत पांच राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आएंगे। 822 विधानसभा सीटों पर पड़े मतों की गणना आठ बजे से शुरू हो गई है। पांचों सूबों में कुल 2,364 केन्द्रों में मतगणना हो रही है। साल 2016 में मतगणना केन्द्रों की कुल संख्या 1,002 थी। इस दौरान कोविड-19 नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। कोरोना वायरस की वजह से चुनाव आयोग द्वारा सोशल डिस्टेंशिंग के पालन के चलते केंद्रों में इजाफा किया गया है। कोरोना महामारी में बुरी तरह जकड़े भारत के बीच, नतीजों पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं।
राज्यवार बात करें तो पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच मतदान हुआ। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी ने राज्य में बहुत ही आक्रामक चुनावी कैंपेन चलाए तो ममता बनर्जी तीसरी बार सत्ता में पहुँचने के लिए पूरे दमखम के साथ लगी रहीं। 29 अप्रैल को आख़िरी चरण के मतदान ख़त्म होने के बाद जारी एग्ज़िट पोल के नतीजों में अनुमान लगाया गया है कि ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बन सकती हैं। एग्ज़िट पोल के अनुसार वाम-कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट गठबंधन मामूली सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रहेगा। बीजेपी को 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 294 में से महज़ तीन सीटों पर जीत मिली थी।
पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने के लिए कुल 294 विधानसभा सीटों में से आधी से ज़्यादा यानी 147 सीटों से ज़्यादा सीटों पर जीत ज़रूरी होगी। हालांकि मतगणना 292 सीटों पर ही होगी। मुर्शिदाबाद की दो सीटों पर दो उम्मीदवारों की कोरोना से मृत्यु के कारण मतदान रोकना पड़ा था।
तमिलनाडु में एग्ज़िट पोल के अनुमान के मुताबिक़ विपक्षी डीएमके को जबर्दस्त जीत मिल सकती है। करुणानिधि की मौत के बाद 62 साल के स्टालिन डीएमके के सबसे बड़े नेता के तौर पर उभरे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली एआईएडीएमके को एग्ज़िट पोल में पिछड़ने का अनुमान लगाया गया है। तमिलनाडु में पहली बार वहां के दोनों दिग्गज नेता करुणानिधि और जयललिता के बिना चुनाव हो हुआ है। तमिलनाडु की 234 सीटों वाली विधानसभा के लिए कुल 4,218 उम्मीदवारों की किस्मत का फ़ैसला होना है। तमिलनाडु में इस बार अभिनेता से नेता बने कमल हासन की पार्टी भी चुनावी मैदान में हैं।
केरल में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के नेतृत्व वाला लेफ़्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी एलडीएफ़ के सत्ता में बने रहने की बात कही जा रही है। ऐसा तब है जब केरल में दशकों से हर पाँच साल के बाद सरकार बदलती रही है। हालांकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ़्रंट भी पूरे आत्मविश्वास के साथ जीत का दावा कर रही है। केरल में पिछले 40 सालों से हर पाँच साल पर सरकार बदलती रही है।
असम में कई एग्ज़िट पोल के अनुमान के मुताबिक़ बीजेपी सत्ता में बनी रह सकती है। असम में कुल 126 सीटों पर कांग्रेस बड़े गठबंधन के साथ उतरी है लेकिन एग्ज़िट पोल में जीत का अनुमान बीजेपी के पक्ष में है। बीजेपी नेता हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि उनकी पार्टी को 100 सीटों पर जीत मिलेगी। वहीं कांग्रेस नेता गौरव गोगोई दावा कर रहे हैं कि एग्ज़िट पोल सच नहीं होगा। कांग्रेस की सरकार आएगी। पुद्दुचेरी में भी 30 सीटों के लिए मतगणना होगी। यहाँ एनआर कांग्रेस के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस की जीत की बात कही जा रही है। सत्ताधारी कांग्रेस की हार का अनुमान लगाया गया है।
बंगाल में मतदान आठ चरणों, असम में तीन चरणों और केरल, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी में एक दिन में ही मतदान संपन्न कराए गए थे। निर्वाचन आयोग का कहना है कि इस बार पाँचों राज्यों में लगभग दोगुने मतगणना केंद्र बनाए गए हैं ताकि कोरोना को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके।
राज्यवार बात करें तो पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच मतदान हुआ। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी ने राज्य में बहुत ही आक्रामक चुनावी कैंपेन चलाए तो ममता बनर्जी तीसरी बार सत्ता में पहुँचने के लिए पूरे दमखम के साथ लगी रहीं। 29 अप्रैल को आख़िरी चरण के मतदान ख़त्म होने के बाद जारी एग्ज़िट पोल के नतीजों में अनुमान लगाया गया है कि ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बन सकती हैं। एग्ज़िट पोल के अनुसार वाम-कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट गठबंधन मामूली सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रहेगा। बीजेपी को 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 294 में से महज़ तीन सीटों पर जीत मिली थी।
पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने के लिए कुल 294 विधानसभा सीटों में से आधी से ज़्यादा यानी 147 सीटों से ज़्यादा सीटों पर जीत ज़रूरी होगी। हालांकि मतगणना 292 सीटों पर ही होगी। मुर्शिदाबाद की दो सीटों पर दो उम्मीदवारों की कोरोना से मृत्यु के कारण मतदान रोकना पड़ा था।
तमिलनाडु में एग्ज़िट पोल के अनुमान के मुताबिक़ विपक्षी डीएमके को जबर्दस्त जीत मिल सकती है। करुणानिधि की मौत के बाद 62 साल के स्टालिन डीएमके के सबसे बड़े नेता के तौर पर उभरे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली एआईएडीएमके को एग्ज़िट पोल में पिछड़ने का अनुमान लगाया गया है। तमिलनाडु में पहली बार वहां के दोनों दिग्गज नेता करुणानिधि और जयललिता के बिना चुनाव हो हुआ है। तमिलनाडु की 234 सीटों वाली विधानसभा के लिए कुल 4,218 उम्मीदवारों की किस्मत का फ़ैसला होना है। तमिलनाडु में इस बार अभिनेता से नेता बने कमल हासन की पार्टी भी चुनावी मैदान में हैं।
केरल में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के नेतृत्व वाला लेफ़्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी एलडीएफ़ के सत्ता में बने रहने की बात कही जा रही है। ऐसा तब है जब केरल में दशकों से हर पाँच साल के बाद सरकार बदलती रही है। हालांकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ़्रंट भी पूरे आत्मविश्वास के साथ जीत का दावा कर रही है। केरल में पिछले 40 सालों से हर पाँच साल पर सरकार बदलती रही है।
असम में कई एग्ज़िट पोल के अनुमान के मुताबिक़ बीजेपी सत्ता में बनी रह सकती है। असम में कुल 126 सीटों पर कांग्रेस बड़े गठबंधन के साथ उतरी है लेकिन एग्ज़िट पोल में जीत का अनुमान बीजेपी के पक्ष में है। बीजेपी नेता हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि उनकी पार्टी को 100 सीटों पर जीत मिलेगी। वहीं कांग्रेस नेता गौरव गोगोई दावा कर रहे हैं कि एग्ज़िट पोल सच नहीं होगा। कांग्रेस की सरकार आएगी। पुद्दुचेरी में भी 30 सीटों के लिए मतगणना होगी। यहाँ एनआर कांग्रेस के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस की जीत की बात कही जा रही है। सत्ताधारी कांग्रेस की हार का अनुमान लगाया गया है।
बंगाल में मतदान आठ चरणों, असम में तीन चरणों और केरल, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी में एक दिन में ही मतदान संपन्न कराए गए थे। निर्वाचन आयोग का कहना है कि इस बार पाँचों राज्यों में लगभग दोगुने मतगणना केंद्र बनाए गए हैं ताकि कोरोना को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके।