वाराणसी: मोहल्ला बैठक में लोगों ने मंदिर-मस्जिद के बजाय जताई रोजी रोटी की चिंता

Written by CJP Team | Published on: May 22, 2022
वाराणासी में ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियो सर्वे के बाद से लगातार एक पक्ष को निशाना बनाया जा रहा है लेकिन शहर के शांतिप्रिय व सामाजिक सरोकारों से जुड़े नागरिक लगातार इन कोशिशों में जुटे हैं कि किसी भी तरह का सांप्रदायिक विवाद पैदा न हो। इसी को लेकर मोहल्ला बैठक में जनता से संवाद के तहत 19 मई को राज घाट स्तिथ किला कोहना मोहल्ले में सभी धर्म की महिलाओं की बैठक हुई जिसमें सभी महिलाओं ने बारी बारी से अपनी बात रखी।



इस बैठक में मौजूद मालती देवी ने कहा कि हमें मन्दिर मस्ज़िद से पहले अपने बच्चों की भूख दिखती है। जिस दिन हम काम पर नहीं जाते उस दिन हमारे घर खाना ही नहीं बनता। 
हमारे लिए तो मन्दिर मस्जिद रोटी है और हमें इसपर बात करनी है।



गोविन्द लाल साहनी ने कहा कि हम लोगों को सरकार द्वारा गंगा में नित नए क़ानून लगा कर हमारी नाव को चलने से रोका जाता है और बड़ी बड़ी कम्पनी के जहाज़ों को गंगा में चलाया जा रहा है। हम लोगों के सामने रोज़ी रोटी का संकट बना हुआ है पर सरकार इसपर ध्यान ना देकर मन्दिर मस्जिद की आड़ में हम हिन्दू मुस्लिमों को आपस में लड़ाने का काम कर रही है। बैठक में मौजूद 
रशीदा ने कहा कि हमारे शौहर दिन रात काम करते हैं फिर भी महंगाई की वजह से हमारा परिवार ठीक से नही चल पाता। इस वजह से मुझे लोगों के घरों में काम करना पड़ता है। इधर जब से मन्दिर मस्ज़िद का मुद्दा उठा है, मेरे शौहर का काम ठप हो गया है। इस मुद्दे की वजह से हमें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 



सुनीता रावत ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हम बचपन से इस मुहल्ले में रहते आ रहे हैं लेकिन अब, वाराणासी जिला प्रशासन हम लोगों को यहां से हटने के लिए बार बार धमकी दे रहा है और इस जगह को हमसे छीन रहा है जबकि हमारे पास यहां के नाम से आधार कार्ड, राशनकार्ड और पहचान पत्र भी है पर हमारी कोई सुनवाई नही हो रही है। यहां लगभग 100 परिवार हैं जिसमें हिन्दू मुस्लिम सभी हैं जिन्हें प्रशासन सरकार के इशारे पर उजाड़ना चाहता है। उन्होंने कहा कि बनारस में हिन्दू मुस्लिम हमेशा से मिल जुल कर रहते आए हैं। हमें ना मन्दिर ना ही मस्जिद से कोई बैर है और ना ही इन मुद्दों से हमें मतलब है। हमें उजड़ने से कैसे बचना है इस पर सोचना है, मन्दिर-मस्जिद पर नहीं। 

इसी तरह सभी लोगों ने बारी बारी से अपनी बात रखी और एक स्वर में कहा कि हमारी रोज़ी रोटी खतरे में है। महंगाई की वजह से हम भुखमरी के हालात पर पहुँच गए हैं मंदिर मस्ज़िद राजनीतिक लोगों का खेला है। हम इस लफड़े में पड़ कर अपना भाईचारा नहीं खराब करेंगे।



इसके अलावा समाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक बैठक वाराणासी कचहरी स्तिथ विश्व ज्योति जन संचार केंद्र पर हुई। बैठक में सभी समाजिक संगठन के लोगो ने वाराणासी सिविल कोर्ट के द्वारा दूसरे पक्ष को सुने बगैर ज्ञानवापी मस्जिद के वज़ू खाने को सील करने की कर्रवाई की निन्दा की।

यहां मौजूद लोगों ने अपनी अपनी बातों को रखा और सभी लोगों ने एक सुर से हिंसा को नकारते हुए कहा कि हर हाल में हिंसा रुकनी चाहिए और बनारस में अमन चैन कायम रहना चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि बनारस का माहौल खराब करने में गोदी मीडिया का बहुत बड़ा हाथ है बनारस एकदम शांत माहौल में है और कानूनी प्रतिक्रियाओं का पूरी तरह पालन हो रहा है और सारी चीजें संविधान के अनुसार ही करने का प्रयास किया जा रहा है।



इस सम्बंध में वाराणासी के पुलिस कमिश्नर जिला अधिकारी से जल्द ही समाजिक संगठनों का एक प्रतिनिधि मंडल मिलेगा, और सभी लोगों ने एक साथ अपील जारी करते हुए पर्चा निकालने पर सहमति जताई। 

इस अपील के साथ यह बैठक समाप्त हुई...
''बनारस के नौजवान साथियों इस वक्त आपको संयम बरतने की जरूरत है और देश में न्याय व्यवस्था है उस पर भरोसा रखिए और कोई ऐसा कदम ना उठाएं जिसे बनारस की आबोहवा खराब हो और अफवाहों पर ध्यान ना दें। सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट सभी जगह लोग पहुंच चुके हैं और इसका पुरजोर विरोध हो रहा है। अदालत पर भरोसा जब तक कायम रहेगा तब तक देश बचा बचा रहेगा और जिस दिन न्याय व्यवस्था पर जनता का विश्वास उठ गया उस दिन देश को बचाना मुश्किल हो जाएगा। नौजवान साथियों वह किसी भी धर्म और जात के हैं संयम बरतें देश की न्याय व्यवस्था पर अभी आस्था रखें। यह सिर्फ जनता को डाइवर्ट करने के लिए किया जा रहा है ताकि जनता का ध्यान महंगाई और बेरोजगारी से भटकाया जा सके। असंवैधानिक तरीके से जो सत्ता का इस्तेमाल हो रहा है, यह उससे ध्यान भटकाने का एक नया तरीका है।''



मोहल्ला बैठक में अपने विचार रखते मनीष शर्मा

बैठक में मुनीज़ा खान प्रवाल सिंह प्रमिता मनीष शर्मा गोविन्द लाल माया देवी मालती देवी रशीदा ललई सुनीता रावत गुड़िया आदि लोगों ने भी अपनी बात रखी।

समाजसेवी व चिंतकों ने सांप्रदायिक सद्भाव कायम रखने की की दिशा में 21 मई को सारनाथ में विद्या आश्रम में लोकविद्या जन आंदोलन के अगुवा लोगों से मुलाकात की। यहां..आम स्वर यही था कि मस्जिद को मस्ज़िद और मंदिर को मंदिर रहने दो, गड़े मुर्दे मत उखाड़ो, पुजा स्थल अधिनियम 1991 को कड़ाई से लागू करो और रोज़ी-रोटी-पड़ाई-लिखाई पर बात करो।

इसी क्रम में सोमवार 23 मई को शाम 6 बजे, सिगरा स्थित चाइल्ड लाइन (बाटा शो रूम के बगल में) दफ्तर में शहर के राजनैतिक नेतृत्व व प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। यह अपील नागरिक पहल, वाराणसी की तरफ से जारी की गई है। 

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