उत्तर प्रदेश: "डीएम साहब... हमारे स्कूल में लाइब्रेरी, कम्प्यूटर, ब्लैकबोर्ड नहीं हैं"- छात्राओं का पत्र वायरल

Written by SATYA PRAKASH BHARTI | Published on: January 12, 2024
छात्राओं का लिखा यह पत्र अलीगढ़ जिले के राजकीय हाई स्कूल, रायतपुर की दयनीय स्थिति को उजागर करता है।


 
अलीगढ- द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, अलीगढ में राजकीय उच्च विद्यालय रायतपुर, इगलास की एक दर्जन से अधिक छात्राओं ने जिला कलेक्टर को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उनके स्कूल की खस्ता हालत को उजागर किया गया है। इस अनोखे विरोध पत्र में छात्राओं ने न केवल अपने स्कूल में बुनियादी सुविधाओं की कमी का वर्णन किया है, बल्कि अधिकारियों से स्कूल के प्रबंधन की निष्पक्ष जांच की भी अपील की है।

छात्राओं का कहना है कि स्कूल में बैठने के लिए मेज और कुर्सी के अलावा कुछ भी नहीं है, जबकि पास के ही विद्यालय में अच्छी सुविधाएँ दी गई हैं। हमारे स्कूल में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है, यदि उन्हें यह सब सुविधाएँ मिलेंगी तो उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा।वहीं इस मामले में द मूकनायक ने जिलाधिकारी अलीगढ़ और बेसिक शिक्षा अधिकारी को फोन किया। खबर लिखने तक उक्त अधिकारियों से कोई स्पष्ट जवाब न मिल सका।

दरअसल, यूपी के अलीगढ़ जिले के इग्लास के राजकीय हाईस्कूल रायतपुर की छात्राओं द्वारा लिखित दो पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इस पत्र को एक दर्जन से भी ज्यादा छात्राओं ने हस्ताक्षर करते हुए लिखा है। छात्राओं ने यह पत्र जिलाधिकारी को सम्बोधित करते हुए लिखा है, "इगलास (अलीगढ़) को खुले लगभग 10-12 साल हो गए हैं,लेकिन आज भी स्कूल मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सरकार स्कूलों में काफी पैसा दे रही है,लेकिन इस स्कूल में कोई काम नहीं हुआ। स्कूल में छात्रों के फर्नीचर के अतिरिक्त कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, यहाँ तक की छात्रों को पढ़ाने के लिए ब्लैकबोर्ड तक नहीं है, जबकि राजकीय हाईस्कूल जवार में काफी इंफ्रास्ट्रक्चर है।"
  
इस संचार में छात्रों ने यह भी बताया कि प्रिंसिपल सप्ताह में एक बार केवल दो घंटे के लिए स्कूल आते हैं और इस दौरान कोई पढ़ाई नहीं कराते हैं। इसके अतिरिक्त, वे साफ़-सफ़ाई और साफ़ पीने के पानी की कमी को भी उजागर करते हैं, जिससे हैंडपंप से रेतीला पानी निकलने के कारण उन्हें पास के जूनियर स्कूल से पानी लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
 
छात्राओं ने अपने पत्र में लिखा है कि स्कूल की बदहाल स्थिति के कारण ही अन्य छात्र स्कूल में एडमिशन नहीं लेते हैं। यहाँ के प्रधान को पिछले वर्ष स्कूल की लड़कियों ने एक पत्र भी लिख कर दिया था, जिसमें वह स्पोर्ट्स किट की मांग कर रही है, जिसके लिए प्रिंसिपल से कहा भी गया था, फिर भी वह आज तक स्पोर्ट्स किट लेकर नहीं आए। पूछने पर मास्टर भी कुछ बताते नहीं है, कहते हैं प्रिंसिपल से बात करिए। प्रिंसिपल को फोन किया तो उन्होंने भी गोलमोल जबाव दिया।
 
छात्राओं ने जिलाधिकारी को पत्र लिखते हुए कहा है कि स्कूल के बजट कि जांच होनी चाहिए। जिसके बाद स्कूल में आने वाले बजट का ठीक उपयोग हो रहा है इसकी जानकारी हो सकेगी। छात्राओं ने प्रिंसिपल की जांच कराकर कार्यवाही करने की मांग की है।
 
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