दिलचस्प बात यह है कि AltNews द्वारा पालघर में सुषमा गुप्ता की एक से ज्यादा स्थान पर नाम दर्ज होने को उजागर करने के बाद CHRI द्वारा मतदाता सूची की समीक्षा करने पर हैरानी हुई कि सभी स्थानों पर जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) गोविंद बोंबड़े, चुनाव पंजीकरण अधिकारी (ERO) शेखर घाटगे और बूथ स्तर अधिकारी (BLO) सुश्री पल्लवी सावत का नाम सभी इन प्रविष्टियों के साथ दर्ज है।

नागरिक समूह और कार्यकर्ता वर्षों से निरंकुश चुनाव आयोग (ECI) के मुद्दे पर काम कर रहे हैं, लेकिन 7 अगस्त को राहुल गांधी की धमाकेदार प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बाद ही डिजिटल मीडिया पर नागरिक पत्रकारों की बाढ़ इस मुद्दे पर सक्रिय हुई।
उदाहरण के लिए 39 वर्षीय सुषमा गुप्ता का नाम वोटर लिस्ट में छह जगह होने का मामला Alt News के पत्रकार अभिषेक कुमार द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया गया। इस मामले की पुष्टि का काम कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (CHRI) द्वारा किया गया और इसे इसके निदेशक वेंकटेश नायक ने सार्वजनिक किया। महाराष्ट्र के पालघर जिले के नालासोपारा विधानसभा क्षेत्र की निवासी 39 वर्षीय सुषमा गुप्ता का नाम चुनावी सूची में छह बार दर्ज पाया गया और हर बार उनके नाम के साथ एक अलग EPIC (मतदाता पहचान पत्र) नंबर दर्ज था जैसा कि मंगलवार, 12 अगस्त को एक्स पर बताया गया।
इसके बाद, Alt News के संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने एक ट्वीट शेयर किया, जिसमें उन्होंने हजारों लोगों को यह बताया कि निर्वाचन आयोग की अपठनीय मतदाता सूचियों को पढ़ने योग्य सॉफ्टवेयर में कैसे बदला जा सकता है।
जल्द ही, 12 अगस्त 2025 को शाम 5 बजे से 6:30 बजे के बीच, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (CHRI) ने निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार की गई सार्वजनिक रूप से उपलब्ध मतदाता सूची डेटाबेस और "सर्च इन इलेक्टोरल रोल" का इस्तेमाल करते हुए अपनी स्वतंत्र क्रॉस-वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू की।
उन्होंने जांच कैसे की?
उपरोक्त मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुषमा गुप्ता नाम की एक ही महिला का नाम नालासोपारा विधानसभा क्षेत्र की नाइलमोर बस्ती की मतदाता सूची में पांच बार और तुलिंज बस्ती की सूची में एक बार दर्ज पाया गया। इस दावे की पुष्टि के लिए CHRI ने दो स्तरों पर इसकी क्रॉस-वेरिफिकेशन करने का फैसला किया:
1. मीडिया रिपोर्ट में दिखाए गए मतदाता सूची के तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए, CHRI के कार्यकर्ताओं ने सुषमा गुप्ता के नाम के सामने दर्शाए गए EPIC नंबरों (मतदाता पहचान संख्या) को निर्वाचन आयोग के वोटर लिस्ट पोर्टल पर डाला, ताकि यह देखा जा सके कि पोर्टल उन नंबरों के आधार पर कोई जानकारी देता है या नहीं; और…
2. इसके बाद उन्होंने नाइलमोर क्षेत्र की पूरी मतदाता सूची को उसी पोर्टल से डाउनलोड किया, ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि एक ही व्यक्ति का नाम कई बार दर्ज होने का दावा सही है या नहीं। यह मतदाता सूची, जो आयोग के पोर्टल से डाउनलोड की गई, पर यह जिक्र है कि इसे 29/10/2024 को अंतिम रूप से अपडेट किया गया था। संभवतः यह सूची 20 नवंबर 2024 को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण के बाद तैयार की गई थी।
चेतावनी (Caveat): उपरोक्त मीडिया रिपोर्ट में दिखाए गए मतदाता सूची के तस्वीर में मतदाताओं की फोटोग्राफ़्स भी शामिल हैं। इसलिए संभवतः यह तस्वीर उन मतदाता सूचियों की हो सकती है जो मतदान के दिन मतदान एजेंटों को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराई जाती हैं। CHRI यह स्पष्ट करने में असमर्थ रहा कि यह फोटोग्राफ वाली सूची 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान इस्तेमाल की गई थी या फिर बाद में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए। ऐसा इसलिए क्योंकि CHRI कार्यकर्ताओं ने जो मतदाता सूची ECI के पोर्टल से डाउनलोड की है, उसमें भारत निर्वाचन आयोग की गोपनीयता नीति के अनुसार कोई भी फोटो शामिल नहीं है।
निष्कर्ष:
1. मिस सुषमा गुप्ता (सुषामा गुप्ता नहीं जैसा कि ऊपर मीडिया रिपोर्ट में जिक्र है) का नाम 286- नाइलमोर मतदान केंद्र की संलग्न मतदाता सूची में कई बार दर्ज है। यह मतदान केंद्र सेंट मैरीज हाई स्कूल, ग्राउंड फ्लोर, नॉर्थ साइड, कमरा संख्या 9, नाइलमोर में स्थित है। (पूरी मतदाता सूची भी संगठन द्वारा उपलब्ध कराई गई है)।
2. मिस सुषमा गुप्ता (Ms. Sushama Gupta) का नाम मतदाता सूची में पृष्ठ संख्या 26 पर पांच बार और पृष्ठ संख्या 44 पर एक बार दर्ज है। पृष्ठ संख्या 26 पर पांच में से केवल एक प्रविष्टि पर आज की तारीख में “DELETED” वाटरमार्क लगा हुआ है। यह प्रविष्टि 390-तुलिन्ज़ क्षेत्र से संबंधित है, जो ऊपर बताई गई मीडिया स्टोरी में प्रकाशित तस्वीर में दिखाई गई है। सभी छह प्रविष्टियों के अलग-अलग EPIC नंबर हैं और नाइलमोर क्षेत्र की सभी पांच प्रविष्टियां दिख रही हैं।
3) इन छह प्रविष्टियों में से पांच में, सुश्री सुषमा गुप्ता को 39 वर्षीया महिला के रूप में दिखाया गया है, जिनके पति का नाम संजय गुप्ता है, और उनका पता 'माता जीवदानी चॉल' दर्शाया गया है।
4) इन पांच प्रविष्टियों में से एक में, व्यक्ति का नाम केवल "गुप्ता गुप्ता" (ईपीआईसी: WEH8746877) के रूप में दर्शाया गया है, लेकिन उम्र, पति का नाम और घर का नंबर वही है। यह काफी चौंकाने वाला है कि पहले नाम और उपनाम एक जैसे कैसे दर्ज किए गए।
5) उपरोक्त मीडिया रिपोर्ट में दिखाए गए मतदाता सूची की तस्वीर, ईसीआई के पोर्टल से डाउनलोड की गई मतदाता सूची से एक मामले में मेल नहीं खाती है। क्रम संख्या (Serial Nos.) मेल नहीं खाते। मीडिया रिपोर्ट में दिखाई गई तस्वीर में, इस मतदाता के लिए क्रम संख्या 1316, 1319, 1320, 1321, 1322 और 1323 दिखाए गए हैं। जबकि ईसीआई पोर्टल से डाउनलोड की गई मतदाता सूची में इस मतदाता के नाम के सामने क्रम संख्या 712, 715, 716, 717 (हटाई गई प्रविष्टि), 718 और 1235 हैं। यह भी एक दिलचस्प विसंगति है। एक संभावित स्पष्टीकरण यह हो सकता है कि उपरोक्त मीडिया रिपोर्ट में दिखाई गई छवि शायद अप्रैल-मई 2024 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान प्रयुक्त मतदाता सूची से ली गई हो।
6. जब CHRI के कार्यकर्ताओं ने “Search in Electoral Roll” का इस्तेमाल करके ECI के डेटाबेस में सभी छह EPIC नंबर डालकर खोज की, तो उन्हें आज भी वही नाम छह बार मिला, जिसमें ऊपर बताई गई उन्हीं महिला की जानकारी थी (खोजे गए नाम के स्क्रीनशॉट नीचे दूसरी संलग्न फाइल में हैं)। मतदाता सूची में जिसे DELETED दिखाया गया था, उस प्रविष्टि में इस डेटाबेस में ऐसा कोई नोट नहीं था।
7. आखिरी लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब उन्होंने हर एक प्रविष्टि के सामने दिए गए “View Details” लिंक पर क्लिक किया, तो पाया कि सभी प्रविष्टियों के खिलाफ एक ही जिला निर्वाचन अधिकारी (श्री गोविंद बोंबड़े), एक ही चुनाव पंजीकरण अधिकारी (श्री शेखर घाटगे) और एक ही बूथ स्तर अधिकारी (सुश्री पल्लवी सावत) नाम दर्ज थे (दूसरे संलग्नक में प्रत्येक प्रविष्टि के खोज परिणाम पृष्ठ के बाद मतदाता विवरण पृष्ठ का स्क्रीनशॉट दिया गया है)। चुनाव पंजीकरण अधिकारी और बूथ लेवल अधिकारी के मोबाइल नंबर भी दिए गए हैं। यह चौंकाने वाली बात है कि इन अधिकारियों में से किसी ने भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दो चरणों के लिए मतदाता सूची अंतिम रूप देने के समय कई प्रविष्टियों का पता नहीं लगाया।
यह मीडिया द्वारा रिपोर्ट किए गए गड़बड़ी की केवल एक ही क्लेम है, जिसे CHRI ने अपनी सीमित मानव संसाधनों के बावजूद पड़ताल किया है। उम्मीद है कि अन्य चुनाव सुधार के समर्थक मतदाता सूची में अन्य गड़बड़ी के क्लेम की जांच करेंगे और अपने परिणाम प्रकाशित करेंगे।
स्पष्ट रूप से, चुनाव पंजीकरण अधिकारी (ERO), जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO), महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और चुनाव आयोग (ECI) को नागरिकों के प्रति काफी जवाबदेह होना पड़ेगा।
Related
वोट फॉर डेमोक्रेसी (VFD): बिहार की विवादित SIR प्रक्रिया में सांख्यिकीय, कानूनी और प्रक्रिया संबंधी अनियमितताएं पाई गईं
"वोट चोर, गद्दी छोड़" के नारों के साथ देश भर में अभियान चलाएगी कांग्रेस!

नागरिक समूह और कार्यकर्ता वर्षों से निरंकुश चुनाव आयोग (ECI) के मुद्दे पर काम कर रहे हैं, लेकिन 7 अगस्त को राहुल गांधी की धमाकेदार प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बाद ही डिजिटल मीडिया पर नागरिक पत्रकारों की बाढ़ इस मुद्दे पर सक्रिय हुई।
उदाहरण के लिए 39 वर्षीय सुषमा गुप्ता का नाम वोटर लिस्ट में छह जगह होने का मामला Alt News के पत्रकार अभिषेक कुमार द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया गया। इस मामले की पुष्टि का काम कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (CHRI) द्वारा किया गया और इसे इसके निदेशक वेंकटेश नायक ने सार्वजनिक किया। महाराष्ट्र के पालघर जिले के नालासोपारा विधानसभा क्षेत्र की निवासी 39 वर्षीय सुषमा गुप्ता का नाम चुनावी सूची में छह बार दर्ज पाया गया और हर बार उनके नाम के साथ एक अलग EPIC (मतदाता पहचान पत्र) नंबर दर्ज था जैसा कि मंगलवार, 12 अगस्त को एक्स पर बताया गया।
इसके बाद, Alt News के संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने एक ट्वीट शेयर किया, जिसमें उन्होंने हजारों लोगों को यह बताया कि निर्वाचन आयोग की अपठनीय मतदाता सूचियों को पढ़ने योग्य सॉफ्टवेयर में कैसे बदला जा सकता है।
जल्द ही, 12 अगस्त 2025 को शाम 5 बजे से 6:30 बजे के बीच, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (CHRI) ने निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार की गई सार्वजनिक रूप से उपलब्ध मतदाता सूची डेटाबेस और "सर्च इन इलेक्टोरल रोल" का इस्तेमाल करते हुए अपनी स्वतंत्र क्रॉस-वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू की।
उन्होंने जांच कैसे की?
उपरोक्त मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुषमा गुप्ता नाम की एक ही महिला का नाम नालासोपारा विधानसभा क्षेत्र की नाइलमोर बस्ती की मतदाता सूची में पांच बार और तुलिंज बस्ती की सूची में एक बार दर्ज पाया गया। इस दावे की पुष्टि के लिए CHRI ने दो स्तरों पर इसकी क्रॉस-वेरिफिकेशन करने का फैसला किया:
1. मीडिया रिपोर्ट में दिखाए गए मतदाता सूची के तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए, CHRI के कार्यकर्ताओं ने सुषमा गुप्ता के नाम के सामने दर्शाए गए EPIC नंबरों (मतदाता पहचान संख्या) को निर्वाचन आयोग के वोटर लिस्ट पोर्टल पर डाला, ताकि यह देखा जा सके कि पोर्टल उन नंबरों के आधार पर कोई जानकारी देता है या नहीं; और…
2. इसके बाद उन्होंने नाइलमोर क्षेत्र की पूरी मतदाता सूची को उसी पोर्टल से डाउनलोड किया, ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि एक ही व्यक्ति का नाम कई बार दर्ज होने का दावा सही है या नहीं। यह मतदाता सूची, जो आयोग के पोर्टल से डाउनलोड की गई, पर यह जिक्र है कि इसे 29/10/2024 को अंतिम रूप से अपडेट किया गया था। संभवतः यह सूची 20 नवंबर 2024 को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण के बाद तैयार की गई थी।
चेतावनी (Caveat): उपरोक्त मीडिया रिपोर्ट में दिखाए गए मतदाता सूची के तस्वीर में मतदाताओं की फोटोग्राफ़्स भी शामिल हैं। इसलिए संभवतः यह तस्वीर उन मतदाता सूचियों की हो सकती है जो मतदान के दिन मतदान एजेंटों को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराई जाती हैं। CHRI यह स्पष्ट करने में असमर्थ रहा कि यह फोटोग्राफ वाली सूची 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान इस्तेमाल की गई थी या फिर बाद में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए। ऐसा इसलिए क्योंकि CHRI कार्यकर्ताओं ने जो मतदाता सूची ECI के पोर्टल से डाउनलोड की है, उसमें भारत निर्वाचन आयोग की गोपनीयता नीति के अनुसार कोई भी फोटो शामिल नहीं है।
निष्कर्ष:
1. मिस सुषमा गुप्ता (सुषामा गुप्ता नहीं जैसा कि ऊपर मीडिया रिपोर्ट में जिक्र है) का नाम 286- नाइलमोर मतदान केंद्र की संलग्न मतदाता सूची में कई बार दर्ज है। यह मतदान केंद्र सेंट मैरीज हाई स्कूल, ग्राउंड फ्लोर, नॉर्थ साइड, कमरा संख्या 9, नाइलमोर में स्थित है। (पूरी मतदाता सूची भी संगठन द्वारा उपलब्ध कराई गई है)।
2. मिस सुषमा गुप्ता (Ms. Sushama Gupta) का नाम मतदाता सूची में पृष्ठ संख्या 26 पर पांच बार और पृष्ठ संख्या 44 पर एक बार दर्ज है। पृष्ठ संख्या 26 पर पांच में से केवल एक प्रविष्टि पर आज की तारीख में “DELETED” वाटरमार्क लगा हुआ है। यह प्रविष्टि 390-तुलिन्ज़ क्षेत्र से संबंधित है, जो ऊपर बताई गई मीडिया स्टोरी में प्रकाशित तस्वीर में दिखाई गई है। सभी छह प्रविष्टियों के अलग-अलग EPIC नंबर हैं और नाइलमोर क्षेत्र की सभी पांच प्रविष्टियां दिख रही हैं।
3) इन छह प्रविष्टियों में से पांच में, सुश्री सुषमा गुप्ता को 39 वर्षीया महिला के रूप में दिखाया गया है, जिनके पति का नाम संजय गुप्ता है, और उनका पता 'माता जीवदानी चॉल' दर्शाया गया है।
4) इन पांच प्रविष्टियों में से एक में, व्यक्ति का नाम केवल "गुप्ता गुप्ता" (ईपीआईसी: WEH8746877) के रूप में दर्शाया गया है, लेकिन उम्र, पति का नाम और घर का नंबर वही है। यह काफी चौंकाने वाला है कि पहले नाम और उपनाम एक जैसे कैसे दर्ज किए गए।
5) उपरोक्त मीडिया रिपोर्ट में दिखाए गए मतदाता सूची की तस्वीर, ईसीआई के पोर्टल से डाउनलोड की गई मतदाता सूची से एक मामले में मेल नहीं खाती है। क्रम संख्या (Serial Nos.) मेल नहीं खाते। मीडिया रिपोर्ट में दिखाई गई तस्वीर में, इस मतदाता के लिए क्रम संख्या 1316, 1319, 1320, 1321, 1322 और 1323 दिखाए गए हैं। जबकि ईसीआई पोर्टल से डाउनलोड की गई मतदाता सूची में इस मतदाता के नाम के सामने क्रम संख्या 712, 715, 716, 717 (हटाई गई प्रविष्टि), 718 और 1235 हैं। यह भी एक दिलचस्प विसंगति है। एक संभावित स्पष्टीकरण यह हो सकता है कि उपरोक्त मीडिया रिपोर्ट में दिखाई गई छवि शायद अप्रैल-मई 2024 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान प्रयुक्त मतदाता सूची से ली गई हो।
6. जब CHRI के कार्यकर्ताओं ने “Search in Electoral Roll” का इस्तेमाल करके ECI के डेटाबेस में सभी छह EPIC नंबर डालकर खोज की, तो उन्हें आज भी वही नाम छह बार मिला, जिसमें ऊपर बताई गई उन्हीं महिला की जानकारी थी (खोजे गए नाम के स्क्रीनशॉट नीचे दूसरी संलग्न फाइल में हैं)। मतदाता सूची में जिसे DELETED दिखाया गया था, उस प्रविष्टि में इस डेटाबेस में ऐसा कोई नोट नहीं था।
7. आखिरी लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब उन्होंने हर एक प्रविष्टि के सामने दिए गए “View Details” लिंक पर क्लिक किया, तो पाया कि सभी प्रविष्टियों के खिलाफ एक ही जिला निर्वाचन अधिकारी (श्री गोविंद बोंबड़े), एक ही चुनाव पंजीकरण अधिकारी (श्री शेखर घाटगे) और एक ही बूथ स्तर अधिकारी (सुश्री पल्लवी सावत) नाम दर्ज थे (दूसरे संलग्नक में प्रत्येक प्रविष्टि के खोज परिणाम पृष्ठ के बाद मतदाता विवरण पृष्ठ का स्क्रीनशॉट दिया गया है)। चुनाव पंजीकरण अधिकारी और बूथ लेवल अधिकारी के मोबाइल नंबर भी दिए गए हैं। यह चौंकाने वाली बात है कि इन अधिकारियों में से किसी ने भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दो चरणों के लिए मतदाता सूची अंतिम रूप देने के समय कई प्रविष्टियों का पता नहीं लगाया।
यह मीडिया द्वारा रिपोर्ट किए गए गड़बड़ी की केवल एक ही क्लेम है, जिसे CHRI ने अपनी सीमित मानव संसाधनों के बावजूद पड़ताल किया है। उम्मीद है कि अन्य चुनाव सुधार के समर्थक मतदाता सूची में अन्य गड़बड़ी के क्लेम की जांच करेंगे और अपने परिणाम प्रकाशित करेंगे।
स्पष्ट रूप से, चुनाव पंजीकरण अधिकारी (ERO), जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO), महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और चुनाव आयोग (ECI) को नागरिकों के प्रति काफी जवाबदेह होना पड़ेगा।
Related
वोट फॉर डेमोक्रेसी (VFD): बिहार की विवादित SIR प्रक्रिया में सांख्यिकीय, कानूनी और प्रक्रिया संबंधी अनियमितताएं पाई गईं
"वोट चोर, गद्दी छोड़" के नारों के साथ देश भर में अभियान चलाएगी कांग्रेस!