मध्य प्रदेश : काम करने से इंकार करने पर दलित युवक पर हमला, मवेशियों की झोपड़ियों को आग के हवाले किया

Written by sabrang india | Published on: August 14, 2025
काम करने से इंकार करने पर दलित युवक पर हमला किया गया, हथियारों से लैश लोगों ने धमकी दी और मवेशियों की झोपड़ियों में आगजनी की।



मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में एक दलित युवक को बिना मजदूरी काम करने से इनकार करना भारी पड़ गया। युवक के काम करने से मना करने पर कुछ लोगों ने उसके साथ मारपीट की और उसकी मवेशियों की झोपड़ियों में आग लगा दी। यह घटना सोमवार शाम अंबाह थाना क्षेत्र के मलबसाई गांव में घटी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित रिंकू साखबार ने आरोप लगाया है कि आरोपी रवि गुर्जर, उसके पिता पंजाब गुर्जर और चाचा श्रीकृष्ण उर्फ बंटी पहलवान पिछले कई महीनों से उनके परिवार पर बिना मजदूरी के जबरन काम करवाने का दबाव बना रहे थे। रिंकू का कहना है कि जब उनके परिवार ने लगातार इसका विरोध किया, तो उन्हें लगातार धमकियां मिलनी शुरू हो गईं।

घटना वाली रात रिंकू की बहन और बुआ रक्षाबंधन के मौके पर मिलने आई थीं। रिंकू ने बताया कि आरोपी, कुछ अन्य लोगों के साथ देशी कट्टे जैसे अवैध हथियार लेकर आए, धमकियां दीं और विरोध करने पर उसकी पिटाई की।

कुछ ही देर बाद पास में बने मवेशियों के बाड़े में आग लग गई। रिंकू के परिवार का कहना है कि ये झोपड़ियां मुख्य रूप से मवेशियों को रखने के लिए बनाई गई थीं। आग लगने से वे पूरी तरह जलकर खाक हो गईं, जिससे परिवार को भारी नुकसान और काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

अंबाह के एसडीओपी रवि भदौरिया ने साखबार और गुर्जर परिवारों के बीच चल रहे विवाद की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आग मवेशियों को बांधने की जगह पर लगी थी लेकिन यह आग कैसे लगी, इसका पता लगाया जा रहा है। उनके अनुसार, "पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है और जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।"

यह घटना फिर से मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में जातिगत हिंसा और बंधुआ मजदूरी जैसी चिंताजनक प्रथाओं को उजागर करती है।

ज्ञात हो कि छोटी छोटी बातों को लकेर दलितों पर ऊंची जातियों द्वारा हमला करने का यह कोई नया मामला नहीं है। इसी महीने की शुरूआत में राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के देलवास गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई। इस घटना ने मेघवाल समुदाय में गहरी नाराजगी पैदा कर दी। कलकीपूरा रोड पर किराने की दुकान चलाने वाले दलित व्यवसायी शिवलाल मेघवाल पर उधार नहीं देने को लेकर तीन लोगों ने चाकू और लाठी से हमला कर दिया। इस हमले में शिवलाल गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि उनकी पत्नी के साथ भी छेड़छाड़ करने का प्रयास किया गया। इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया और मेघवाल समाज ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

मीडिया को समुदाय के एक सदस्य से मिली जानकारी के अनुसार 28 जुलाई को देलवास निवासी शिवलाल मेघवाल अपनी किराने की दुकान पर बैठे थे। इस दौरान गणपत लाल मोगिया दुकान पर आया और उसने बीड़ी, माचिस और तानसेन (गुटखा) उधार मांगा। शिवलाल ने उधार देने से मना कर दिया, जिसके बाद गणपत ने जातिगत अपमानजनक शब्द जैसे "चमा..." और "ढेड़्.." का इस्तेमाल करते हुए शिवलाल को धमकी दी कि "तेरी यह औकात कि तू उधार नहीं देगा, तुझे कल देख लूंगा।"

रिपोर्ट के अनुसार, अगले दिन शाम करीब 6 बजे, गणपत लाल मोगिया, रामलाल और रामलाल की पत्नी एक साथ आए और शिवलाल की दुकान पर कथित तौर पर हमला कर दिया। इस दौरान शिवलाल की पत्नी कुसुम और उनकी सास भी दुकान पर ही थीं। गणपत के हाथ में चाकू था, जबकि रामलाल और उसकी पत्नी लाठी लिए हुए थे। हमलावरों ने शिवलाल को कथित तौर पर "चमा...टा" और "मे..र" जैसे जातिगत अपमानजनक शब्द कहे और गणपत ने शिवलाल के सीने में चाकू से हमला कर दिया, जिससे वह लहूलुहान होकर गिर पड़ा और बेहोश हो गया। इसके बाद रामलाल और उसकी पत्नी ने शिवलाल की पीठ पर लाठियों से हमला कर दिया। 

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