अलीगढ़ में RTI एक्टिविस्ट की हत्या, प्रधान के गुंडों ने किया था हमला

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 1, 2022


अलीगढ़: यूपी के अलीगढ़ में ग्राम प्रधान और उसके बेटे से सवाल पूछना आरटीआई एक्टिविस्‍ट को महंगा पड़ गया। प्रधान ने आठ लोगों के साथ मिलकर उसे इतना मारा कि उसकी मौत हो गई। इस घटना में एक्टिविस्‍ट का भाई भी गंभीर रूप से घायल हो गया। आरोप है कि आरटीआई एक्टिविस्‍ट ने इलाके में चल रही सार्वजनिक परियोजनाओं की गुणवत्‍ता पर सवाल उठाया था जिससे ग्राम प्रधान नाराज था। 

परिवार की शिकायत के मुताबिक देवजीत सिंह अपने खेत पर छोटे भाई सुरेंद्र के साथ काम कर रहे थे। तभी शाम करीब 6 बजे ग्राम प्रधान देवेंद्र और उनके बेटे सहित आठ लोगों ने हमला कर दिया। लोगों ने हमलावरों को आते और जाते दोनों ही समय देखने का दावा किया है। परिवार ने कहा, “मैंने हमलावरों को अपने दोपहिया वाहनों पर निकलते देखा। उन्होंने मेरे बेटों पर लाठियों और दूसरे हथियारों से हमला किया … देवजीत तब तक जीवित रहा जब तक कि वह एक कांस्टेबल को नहीं बता पाया कि क्या हुआ था और फिर उसकी मौत हो गई। सुरेंद्र अभी भी अस्पताल में है। उसका हाथ टूट गया है और पसली में चोटें आई हैं।



विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि, देवजीत सिंह के घरवालों ने अपनी शिकायत में प्रधान देवेंद्र सिंह, उनके बेटे कार्तिक और छह अन्‍य लोगों पर हत्‍या का आरोप लगाया है। पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है। फिलहाल सभी आरोपी फरार हैं। देवजीत के पिता महेंद्र सिंह का कहना है कि उनके बेटे ने दो महीने पहले ग्राम प्रधान के कराए गए विकास कार्यों की गुणवत्‍ता जानने के लिए एक आरटीआई दायर की थी। उसने अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई थी कि निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का इस्‍तेमाल किया गया है। उसी समय से उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही थी। हमने ग्राम प्रधान देवेंद्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

सिर पर आईं गंभीर चोटें, मौके पर ही मौत
देवजीत सिंह के चाचा रामवीर सिंह ने बताया कि ग्राम प्रधान और उसके रिश्‍तेदारों ने मेरे भतीजों पर लाठियों और धारदार हथियारों से हमला किया। जब तक हम लोग मौके पर पहुंचते, वे लोग भाग गए। देवजीत के सिर में गंभीर चोटें आई थीं। उसकी मौके पर ही मौत हो गई जबकि दूसरे भाई सुरेंद्र की हालत गंभीर है। गांव वालों ने बताया कि देवजीत सिंह गांव में एक कंप्‍यूटर सेंटर चलाते थे। उनके परिवार में पत्‍नी और दो छोटे बच्‍चे हैं।

मृतक देवजीत सिंह की मौत के बाद उनकी पत्नी निशा, दो साल की बेटी और तीन साल का बेटा मुश्किलों से घिर गए हैं। सुरेंद्र अभी अस्पताल में है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आठ आरोपियों में से एक हरवीर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उन पर दंगा, आपराधिक धमकी, गंभीर चोट, हत्या, हत्या के प्रयास और कई आरोपों के लिए संगीन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है।

अलीगढ़ के अमरपुर दहाना गांव में मंगलवार को देवजीत के फोटो के पास शोक में डूबे परिवार के सदस्य और रिश्तेदारों ने इंडियन एक्सप्रेस के सामने दावा किया कि देवजीत ने सरकारी जमीन को कथित रूप से हड़पने को लेकर अपना हालिया आरटीआई आवेदन दायर किया था। देवजीत के चचेरे भाई सुनील ने आरोप लगाया, ”यह भ्रष्टाचार लंबे समय से चल रहा है। मैं एक ग्राम सभा सहायक हूं, और आखिरी आरटीआई के जवाब में मेरे हस्ताक्षर जाली थे।”

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