अलीगढ़ में मंदिरों पर 'आई लव मोहम्मद' लिखकर तनाव फैलाने के आरोप में 4 हिंदू युवक गिरफ्तार

Written by sabrang india | Published on: November 1, 2025
नारे में वर्तनी की गलती, सीसीटीवी फुटेज, ग्रामीणों से बातचीत और अदालतों में चल रहे मामलों के रिकॉर्ड से सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने की साजिश रचने वाले अपराधियों को पकड़ने में मदद मिली: एसएसपी


साभार : सोशल मीडिया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को अलीगढ़ जिले के लोढ़ा इलाके में चार मंदिरों की दीवारों पर कथित तौर पर 'आई लव मोहम्मद' लिखकर शहर में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के आरोप में चार हिंदू युवकों को गिरफ्तार किया। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि उनका मकसद मुस्लिम समुदाय के उन लोगों को फंसाना था जिनसे उनका संपत्ति विवाद चल रहा था।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अलीगढ़ के एसएसपी नीरज कुमार जादौन ने अलीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, "नारे में वर्तनी की गलती, सीसीटीवी फुटेज, ग्रामीणों से बातचीत, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और अदालतों में चल रहे मामलों के रिकॉर्ड से उन दोषियों को पकड़ने में मदद मिली, जिनकी सांप्रदायिक भावनाएं भड़काकर अपने निहित स्वार्थों को पूरा करने और मामलों को अपने पक्ष में निपटाने की नापाक मंशा थी।"

जांच में पता चला कि अंग्रेजी में लिखे नारों में 'मोहम्मद' की स्पेलिंग गलत थी और एक जगह 'ममूद' लिखा गया था।

आरोपी हिंदू समुदाय से थे और उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों को बदनाम करने की साजिश रची थी। पुलिस ने बताया कि एक आरोपी फरार है और उसकी तलाश जारी है।

अलीगढ़ में शनिवार को लोढ़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भगवानपुर और बुलाकीगढ़ गांवों के मंदिरों की दीवारों पर 'आई लव मोहम्मद' लिखा मिलने के बाद तनाव फैल गया, जिसके बाद भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ मौके पर पहुंचे और अपराधियों की पहचान के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई।

जादौन ने बताया कि नारे मिटा दिए गए और करणी सेना की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 295 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया कृत्य) और 506(2) (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया।

और भी तथ्य सामने आने पर, चारों आरोपियों पर धारा 153A (दंगा भड़काने के लिए उकसाना), 295A (धार्मिक भावनाओं का अपमान), 182 (झूठे साक्ष्य), 120B (आपराधिक षड्यंत्र) और धारा 7 दंड विधि संशोधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। इनमें बुलाकगढ़ी गांव के जीशांत कुमार, भगवानपुर गांव के आकाश, दिलीप कुमार और अभिषेक सारस्वत शामिल थे।

अलीगढ़ के एसएसपी ने कहा, "हम ग्रामीणों के आभारी हैं कि उन्होंने शांति बनाए रखी, पुलिस पर भरोसा जताया और निष्पक्ष जांच के लिए समय दिया, जिसके परिणामस्वरूप चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि एक सह-आरोपी राहुल फरार है। हम अलीगढ़ के लोगों के भी आभारी हैं कि उन्होंने पुलिस पर भरोसा किया और शांति बनाए रखी।"

पुलिस ने बताया कि मामला दो संपत्ति विवादों से जुड़ा है। उन्होंने बताया, "पहले मामले में, राहुल का गुल मोहम्मद के परिवार के साथ लंबे समय से संपत्ति विवाद चल रहा था, जिसके कारण पिछले साल भी झगड़ा हुआ था।"

मुस्तकीम और गिरफ्तार आरोपियों में से एक जीशांत के बीच झड़प के बाद 9 सितंबर 2025 को एक और मामला दर्ज किया गया। इसमें दोनों घायल हुए थे और क्रॉस केस दर्ज कर चार्जशीट दाखिल की गई थी।

जादौन ने बताया कि राहुल, जिसके पिता का गुल मोहम्मद से विवाद था, ने जीशांत के साथ हाथ मिलाया, जो उन मंदिरों के पास रहता है जहां नारे लिखे पाए गए थे।

जांच में शामिल एसपी (शहर) मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों द्वारा मंदिरों पर नारे लिखने के लिए इस्तेमाल किया गया स्प्रे केन भी बरामद कर लिया है।

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