यूपी: फतेहपुर में मामूली कहासुनी पर दलित लड़के की पिटाई, जातिसूचक गालियां दीं

Written by sabrang india | Published on: September 8, 2025
पीड़ित युवक आदित्य कुमार ने मी़डिया को बताया कि वह मंगलवार को अपनी साइकिल से जा रहा था जब उसकी साइकिल गलती से बैरागी पुरवा निवासी कृष्णा पटेल की बाइक से छू गई।



फतेहपुर जिले के खागा नगर में नवीन बस स्टॉप के पास एक मामूली कहासुनी के बाद एक दलित युवक के साथ कथित रूप से मारपीट की गई। पीड़ित युवक आदित्य कुमार ने मी़डिया को बताया कि वह मंगलवार को अपनी साइकिल से जा रहा था जब उसकी साइकिल गलती से बैरागी पुरवा निवासी कृष्णा पटेल की बाइक से छू गई।

आदित्य के अनुसार, पटेल और उसके साथियों ने उसे रोका और हिंसक हमला कर दिया। पीड़त युवक ने अपनी शिकायत में कहा, "उन्होंने मुझे बुरी तरह पीटा, मेरे सिर पर मारा, जिससे मेरा खून बहुत ज्यादा बह गया। उन्होंने मुझे जाति-आधारित गालियां भी दीं।"

आदित्य को हरदो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, खागा कोतवाली प्रभारी निरीक्षक आर.के. सिंह ने घटना की पुष्टि की। सिंह ने कहा, "मामला दर्ज कर लिया गया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित को न्याय मिलेगा और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वाले किसी भी व्यक्ति को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

बता दें कि दलित समाज के लोगों के साथ भेदभाव या उनके साथ दुर्व्यवहार का यह कोई नया मामला नहीं है। हाल ही में राजस्थान के बाड़मेर जिले में आठ वर्षीय एक दलित बच्चे को कथित रूप से पानी के घड़े को छूने के कारण बुरी तरह पीटा गया और उसे पेड़ से उल्टा लटका दिया गया।

लड़के की मां पुरी देवी के हवाले से द ऑब्जर्वर पोस्ट ने लिखा, बच्चा शुक्रवार को उनके गांव भाखरपुरा में खेल रहा था, तभी दो लोगों -नरनाराम प्रजापत और डेमाराम प्रजापत - ने उसे बाथरूम साफ करने और कचरा उठाने को कहा। काम पूरा करने के बाद, बच्चे ने पानी मांगा और उनका घड़ा छू लिया, जिससे कथित तौर पर यह बर्बर हमला हुआ।

पिछले महीने गुजरात के जूनागढ़ में एक दलित युवक के साथ मारपीट, लूटपाट और जान से मारने की धमकी की गंभीर घटना सामने आई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जो यह दिखाता है कि स्वतंत्रता के दशकों बाद भी समाज में जातिवाद की गहरी जड़ें अब भी मौजूद हैं।

यह घटना 16 अगस्त की दोपहर को उस समय हुई जब पीड़ित दलित युवक अपने एक दोस्त से मिलने गया था। उसी दौरान एक लड़का उसके पास आया और मदद की गुहार लगाई, यह कहते हुए कि उसके भाई को कहीं ले जाया जा रहा है। पीड़ित युवक और उसका मित्र उसकी सहायता के इरादे से लड़के के पीछे-पीछे स्वामी विवेकानंद स्कूल के मैदान तक पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्हें एहसास हुआ कि यह पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश थी और उन्हें फंसाया गया।

मैदान में तीन ऊंची जाति के युवकों ने दलित युवक को घेर लिया और उसके बारे में पूछताछ शुरू कर दी। जब उस युवक ने बताया कि वह कड़ियावाड़ का है, तो हितेश नाम के युवक और उसके दो और साथी उसे जातिवादी गालियां देने लगे और बेल्ट और डंडों से बुरी तरह पीटा, जिससे युवक को गंभीर चोटें आईं।

हमलावरों ने युवक का मोबाइल फोन भी छीन लिया और पुलिस को शिकायत करने पर जान लेने की धमकी दी।

गत अप्रैल महीने में शिक्षक के बोतल से दलित छात्र द्वारा पानी पीने को लेकर उसके साथ मार पीट की गई। घटना उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की थी। शिक्षक ने गुस्से में छात्र को बुरी तरह पीट दिया। पिटाई से उसके हाथ की उंगलियां टूट गईं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने शिकायत मिलने पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप था कि टीचर ने दलित छात्र को स्कूल में कमरे में बंद कर पीटा। उसे जातिसूचक गालियां दी गईं। पीड़ित छात्र के परिजनों के मुताबिक, टीचर की पिटाई से उसके हाथ की दो उंगलियां टूट गईं।

आरोपी टीचर के खिलाफ कार्रवाई के लिए पीड़ित छात्र के परिजन एसपी के पास पहुंचे और उन्हें घटना के संबंध में जानकारी दी। एसपी के निर्देश पर पुलिस ने आरोपी टीचर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। ये मामला मैनपुरी जिले के किशनी थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव हरीपुर स्थित नरेंद्र प्रताप सिंह मेमोरियल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का था।

सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अत्याचार के लगभग 97.7% मामले 13 राज्यों में दर्ज किए गए, जिनमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में ऐसे अपराधों की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई।

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के खिलाफ अत्याचार के ज्यादातर मामले भी 13 राज्यों में केंद्रित थे, जहां 2022 में कुल मामलों का 98.91% दर्ज किया गया।

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