राजस्थान: बाड़मेर में पानी का घड़ा छूने पर 8 साल के दलित लड़के को बुरी तरह पीटा गया

Written by sabrang india | Published on: September 3, 2025
"प्रथम दृष्टया जांच और मेडिकल जांच से पुष्टि होती है कि लड़के को बेरहमी से पीटा गया और उल्टा लटका दिया गया। हालांकि, पानी के बर्तन को छूने के कारण हमले का आरोप की अभी जांच जारी है।"



राजस्थान के बाड़मेर जिले में आठ वर्षीय एक दलित बच्चे को कथित रूप से पानी के घड़े को छूने के कारण पीटा गया और उसे पेड़ से उल्टा लटका दिया गया। पुलिस ने बताया कि इस हमले के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और दो अन्य को हिरासत में लिया गया है।

लड़के की मां पुरी देवी के हवाले से द ऑब्जर्वर पोस्ट ने लिखा, बच्चा शुक्रवार को उनके गांव भाखरपुरा में खेल रहा था, तभी दो लोगों -नरनाराम प्रजापत और डेमाराम प्रजापत - ने उसे बाथरूम साफ करने और कचरा उठाने को कहा। काम पूरा करने के बाद, बच्चे ने पानी मांगा और उनका घड़ा छू लिया, जिससे कथित तौर पर यह बर्बर हमला हुआ।

पुरी देवी ने बताया, “वे उसे नरनाराम के घर ले गए, उसे एक पेड़ से उल्टा बांध दिया और पीटते रहे।” उन्होंने आगे बताया कि जब उन्होंने और उनकी सास ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो आरोपी उनके घर में घुस आए और उन पर भी हमला कर दिया।

हमला तब थमा जब लड़के के एक रिश्तेदार ने अपने फोन पर घटना की रिकॉर्डिंग शुरू कर दी।

सर्किल ऑफिसर सुखराम बिश्नोई ने हिंसा की पुष्टि की। उन्होंने कहा, "प्रथम दृष्टया जांच और मेडिकल जांच से पुष्टि होती है कि लड़के को बेरहमी से पीटा गया और उल्टा लटका दिया गया। हालांकि, पानी के बर्तन को छूने के कारण हमले का आरोप की अभी जांच जारी है।"

पुलिस ने 30 अगस्त को गांव के तीन लोगों - नरणाराम, देमाराम और रूपाराम प्रजापत - के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। उन पर भारतीय न्याय संहिता के तहत चोट पहुंचाने, गलत तरीके से बंधक बनाने और अपहरण के साथ-साथ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

ज्ञात हो कि दलित समाज के लोगों के साथ भेदभाव या उनके साथ दुर्व्यवहार का यह कोई नया मामला नहीं है। बीते महीने गुजरात के जूनागढ़ में एक दलित युवक के साथ मारपीट, लूटपाट और जान से मारने की धमकी की गंभीर घटना सामने आई थी। यह पिछले 21 दिनों में दलितों के खिलाफ सामने आया तीसरा जातिगत हमला था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जो यह दिखाता है कि स्वतंत्रता के दशकों बाद भी समाज में जातिवाद की गहरी जड़ें अब भी मौजूद हैं।

यह घटना 16 अगस्त की दोपहर को उस समय हुई जब पीड़ित दलित युवक अपने एक दोस्त से मिलने गया था। उसी दौरान एक लड़का उसके पास आया और मदद की गुहार लगाई, यह कहते हुए कि उसके भाई को कहीं ले जाया जा रहा है। पीड़ित युवक और उसका मित्र उसकी सहायता के इरादे से लड़के के पीछे-पीछे स्वामी विवेकानंद स्कूल के मैदान तक पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्हें एहसास हुआ कि यह पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश थी और उन्हें फंसाया गया।

मैदान में तीन ऊंची जाति के युवकों ने दलित युवक को घेर लिया और उसके बारे में पूछताछ शुरू कर दी। जब उस युवक ने बताया कि वह कड़ियावाड़ का है, तो हितेश नाम के युवक और उसके दो और साथी उसे जातिवादी गालियां देने लगे और बेल्ट और डंडों से बुरी तरह पीटा, जिससे युवक को गंभीर चोटें आईं।

हमलावरों ने युवक का मोबाइल फोन भी छीन लिया और पुलिस को शिकायत करने पर जान लेने की धमकी दी।

इसी साल अप्रैल महीने में शिक्षक के बोतल से दलित छात्र द्वारा पानी पीने को लेकर उसके साथ मार पीट की गई। घटना उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की थी। शिक्षक ने गुस्से में छात्र को बुरी तरह पीट दिया। पिटाई से उसके हाथ की उंगलियां टूट गईं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने शिकायत मिलने पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप था कि टीचर ने दलित छात्र को स्कूल में कमरे में बंद कर पीटा। उसे जातिसूचक गालियां दी गईं। पीड़ित छात्र के परिजनों के मुताबिक, टीचर की पिटाई से उसके हाथ की दो उंगलियां टूट गईं।

आरोपी टीचर के खिलाफ कार्रवाई के लिए पीड़ित छात्र के परिजन एसपी के पास पहुंचे और उन्हें घटना के संबंध में जानकारी दी। एसपी के निर्देश पर पुलिस ने आरोपी टीचर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। ये मामला मैनपुरी जिले के किशनी थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव हरीपुर स्थित नरेंद्र प्रताप सिंह मेमोरियल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का था। 

Related

यूपी: कॉलेज में ‘जय भीम’ बोलने पर दलित छात्रों की कथित पिटाई, प्रिंसिपल पर जातिसूचक गाली देने का आरोप

गुजरात : दलित व्यक्ति पर गौरक्षकों ने चाकू-डंडों से कथित तौर पर हमला किया

बाकी ख़बरें