रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने फॉरेस्ट एक्ट का ड्राफ्ट वापस ले लिया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने साफ कर दिया कि केंद्र सरकार ट्राइबल के अधिकार से कोई छेड़-छाड़ नहीं करने जा रही है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस मसले पर एक बैठक के बाद कहा कि फाॅरेस्ट एक्ट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। इसलिए इसके तहत तैयार ड्राफ्ट को केंद्र सरकार वापस ले रही है।
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झारखंड चुनाव से पहले मोदी सरकार ने फॉरेस्ट एक्ट-1927 में बदलाव के लिए बने ड्राफ्ट को वापस लेने का एलान किया है। शुक्रवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने महान आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर ड्राफ्ट वापसी की घोषणा की।
उन्होंने कहा यह जीरो ड्राफ्ट था सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं था। मोदी सरकार लोकसभा से लेकर हर मंच से कह चुकी है कि हमारा पुराने कानून में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसके बावजूद आदिवासियों में इसे लेकर भ्रांतियां फैलाई जा रही थीं।
जावड़ेकर ने कहा वनवासी कल्याण आश्रम और अर्जुन मुंडा से इस मसले पर कई दिनों की चर्चा के बाद मंत्रालय ने इसे वापस लिया है। अर्जुन मुंडा ने कहा फैसला स्वागत योग्य है। इससे आदिवासियों में जो अनिश्चितता का माहौल था वह खत्म होगा। जो भ्रांतियां फैल रही थी वह अब नहीं फैलेगी। इस फैसले से हम कह सकते हैं जनजातियों और वन क्षेत्र को इसका लाभ मिलेगा।
जावड़ेकर ने कहा कि मोदी सरकार का आदिवासियों के संरक्षण के लिए बने कानूनों को बदलने का कोई इरादा नहीं है। सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है कि आदिवासियों के अधिकारों पर अतिक्रमण हो। उल्टे उन्हें सशक्त करने के लिए सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार कई योजनाएं चला रही है।
पर्यावरण पर सबको मिलकर प्रयास करना होगा
प्रकाश जावड़ेकर ने वायु प्रदूषण पर कहा कि यह समस्या सिर्फ दिल्ली की नहीं है। सभी एजेंसियों को मिलकर लड़ना होगा। राजधानी समेत पूरे एनसीआर की आबोहवा बिगड़ रही है। पर्यावरण को लेकर नई चुनौतियां आती हैं। आबादी बढ़ रही है। गाड़ियां बढ़ रही हैं। उद्योग बढ़ रहे हैं।
इसके बावजूद प्रदूषण को लेकर कई कदम उठाए हैं। सीपीसीबी की टीम अलर्ट है। प्रदूषण पर पांचों प्रभावित राज्यों को मिलकर काम करना चाहिए। प्रदूषण पर सबको मिलकर काम करना चाहिए, ताकि जनता को राहत मिल सके। राजनीति की जरूरत नहीं है।
इस मौके पर मौजूद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बिरसा मुंडा के जन्मदिवस पर ड्राफ्ट को वापस लेने की घोषणा सराहनीय है। जो अफवाह फैला रहे थे, उनको अब आगे मौका नहीं मिलेगा।
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झारखंड चुनाव से पहले मोदी सरकार ने फॉरेस्ट एक्ट-1927 में बदलाव के लिए बने ड्राफ्ट को वापस लेने का एलान किया है। शुक्रवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने महान आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर ड्राफ्ट वापसी की घोषणा की।
उन्होंने कहा यह जीरो ड्राफ्ट था सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं था। मोदी सरकार लोकसभा से लेकर हर मंच से कह चुकी है कि हमारा पुराने कानून में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसके बावजूद आदिवासियों में इसे लेकर भ्रांतियां फैलाई जा रही थीं।
जावड़ेकर ने कहा वनवासी कल्याण आश्रम और अर्जुन मुंडा से इस मसले पर कई दिनों की चर्चा के बाद मंत्रालय ने इसे वापस लिया है। अर्जुन मुंडा ने कहा फैसला स्वागत योग्य है। इससे आदिवासियों में जो अनिश्चितता का माहौल था वह खत्म होगा। जो भ्रांतियां फैल रही थी वह अब नहीं फैलेगी। इस फैसले से हम कह सकते हैं जनजातियों और वन क्षेत्र को इसका लाभ मिलेगा।
जावड़ेकर ने कहा कि मोदी सरकार का आदिवासियों के संरक्षण के लिए बने कानूनों को बदलने का कोई इरादा नहीं है। सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है कि आदिवासियों के अधिकारों पर अतिक्रमण हो। उल्टे उन्हें सशक्त करने के लिए सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार कई योजनाएं चला रही है।
पर्यावरण पर सबको मिलकर प्रयास करना होगा
प्रकाश जावड़ेकर ने वायु प्रदूषण पर कहा कि यह समस्या सिर्फ दिल्ली की नहीं है। सभी एजेंसियों को मिलकर लड़ना होगा। राजधानी समेत पूरे एनसीआर की आबोहवा बिगड़ रही है। पर्यावरण को लेकर नई चुनौतियां आती हैं। आबादी बढ़ रही है। गाड़ियां बढ़ रही हैं। उद्योग बढ़ रहे हैं।
इसके बावजूद प्रदूषण को लेकर कई कदम उठाए हैं। सीपीसीबी की टीम अलर्ट है। प्रदूषण पर पांचों प्रभावित राज्यों को मिलकर काम करना चाहिए। प्रदूषण पर सबको मिलकर काम करना चाहिए, ताकि जनता को राहत मिल सके। राजनीति की जरूरत नहीं है।
इस मौके पर मौजूद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बिरसा मुंडा के जन्मदिवस पर ड्राफ्ट को वापस लेने की घोषणा सराहनीय है। जो अफवाह फैला रहे थे, उनको अब आगे मौका नहीं मिलेगा।