स्वास्थ्य मंत्री के जिले में अस्पताल हुए बदहाल

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: September 26, 2018
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पताल की बदहाली इसी बात से समझी जा सकती है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर के गृह जिले धमतरी के सबसे बड़े जिला अस्पताल में एक भी सर्जन नहीं है। इसी कारण पेट में अल्सर से पीड़ित व्यक्ति की ऑपरेशन नहीं होने से मौत तक हो गई है।


 
निजी अस्पताल में ऑपरेशन के लिए स्मार्ट कार्ड नहीं चलने और डॉक्टरों की 50 हजार रुपए की मांग पूरी न करने पर वृद्ध को जिला अस्पताल रेफर किया गया था।
 
बालोद जिले के ग्राम गुरूर ब्लाक के ग्राम दुपचेरा निवासी दरियाव राम साहू के पेट में अल्सर हो गया था। उनका बेटे होमराज साहू ने उन्हें जिला अस्पताल धमतरी में भर्ती कराया था, लेकिन सर्जन न होने के कारण उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना भी स्वास्थ्य मंत्री के जिले में नाकाम साबित हुई। निजी अस्पताल में स्मार्ट कार्ड ही नहीं चला, क्योंकि साफ्टवेयर अपडेट नहीं हुआ था।
 
स्मार्ट कार्ड न चलने के बाद डॉक्टरों ने उपचार और ऑपरेशन के लिए 50 हजार रुपये मांगे और इतने रुपए दरियाव राम साहू के पास थे नहीं, इसलिए ऑपरेशन टलता रहा। अस्पताल के सामान्य वार्ड में उपचार के नाम पर एक दिन के लिए 8 हजार 500 रुपये नगद लिए गए और इसके बाद 19 सितंबर की रात 10.30 बजे उन्हें रेफर कर दिया गया।
 
इसके बाद उन्हें उसी रात जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन बिस्तर खाली न होने के कारण उन्हें स्ट्रेचर पर ही रखकर उनका इलाज किया गया। बहुत कठिनाई से उन्हें वार्ड में बिस्तर मिला लेकिन जिला अस्पताल में एक भी सर्जन डॉक्टर न होने से वृद्ध का समय पर ऑपरेशन नहीं हो पाया।
 
डॉक्टर सामान्य उपचार करते रहे जबकि ऑपरेशन उनकी जान बचाने के लिए जरूरी था। समय पर ऑपरेशन नहीं होने के कारण 22 सितंबर शनिवार की रात करीब 9.30 बजे दरियाव राम साहू की मौत हो गई।
 
होमराज साहू ने नईदुनिया को बताया कि जिला अस्पताल में सर्जन नहीं होने से उनके पिता के अल्सर का समय पर ऑपरेशन नहीं हुआ, जिससे उनकी मौत हो गई। राज्य सरकार जिस स्मार्ट कार्ड को लोगों के लिए जीवनदायिनी बताता है, उससे उपचार नहीं हो पाया। निजी अस्पताल में स्मार्ट कार्ड से उपचार करने से अस्पताल संचालक ने स्पष्ट मना कर दिया।
 
चिंता की बात ये है कि सीएमएचओ को स्मार्ट कार्ड से उपचार नहीं होने की जानकारी भी दी गई थी, लेकिन उन्होंने भी कोई कदम नहीं उठाया।

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