छत्तीसगढ़ की विकास गाथा की पोल उस वक्त खुल गई जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर के गृह जिले धमतरी के जिला अस्पताल में सर्जन न होने से एक व्यक्ति का ऑपरेशन नहीं हो सका और उसकी मौत हो गई।
धमतरी के सिविल सर्जन डॉ पीसी ठाकुर ने माना है कि अस्पताल में एक भी सर्जन नहीं है और जरूरतमंद मरीजों का समय पर ऑपरेशन नहीं हो पाता। सर्जन के लिए शासन को पत्र लिखा गया है, लेकिन अब तक एक भी सर्जन की पदस्थापना नहीं की जा रही है।
जिस मरीज की ऑपरेशन न होने के कारण मौत हुई वह अल्सर से पीड़ित था। उसके पास का स्मार्ट कार्ड भी नहीं चल सका, इसलिए निजी अस्पताल ने भी उससे 50 हजार रुपए मांगे थे और जब वह इतनी रकम नहीं दे पाया तो उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गगया था।
मृतक दरियाव राम साहू बालोद जिले के ग्राम गुरूर ब्लाक के ग्राम दुपचेरा का निवासी था। उसके पेट में अल्सर हो गया था। जिस पर उसे जिला अस्पताल धमतरी में भर्ती कराया था, लेकिन सर्जन के अभाव में उसे शहर के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना लांच होने के कारण निजी अस्पताल में स्मार्ट कार्ड भी नहीं चला, क्योंकि साफ्टवेयर अपडेट किया जा रहा था।
डॉक्टरों ने उसके ऑपरेशन के लिए 50 हजार रुपये की मांग की। रुपये के अभाव में दरियावराम साहू का आपरेशन नहीं हो सका। निजी अस्पताल के सामान्य वार्ड में उपचार के नाम पर एक दिन के लिए 8 हजार 500 रुपये नकद लिए और इसके बाद उसे 19 सितंबर की रात उसे रेफर कर दिया गया।
नईदुनिया की खबर के मुताबिक, दरिवाय को काफी मशक्कत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बिस्तर न होने के कारण उसे स्ट्रेचर पर ही रखा गया था। लेकिन जिला अस्पताल में एक भी सर्जन डॉक्टर नहीं होने से उसका समय पर ऑपरेशन नहीं हो पाया, और उसकी मौत हो गई।
धमतरी के सिविल सर्जन डॉ पीसी ठाकुर ने माना है कि अस्पताल में एक भी सर्जन नहीं है और जरूरतमंद मरीजों का समय पर ऑपरेशन नहीं हो पाता। सर्जन के लिए शासन को पत्र लिखा गया है, लेकिन अब तक एक भी सर्जन की पदस्थापना नहीं की जा रही है।
जिस मरीज की ऑपरेशन न होने के कारण मौत हुई वह अल्सर से पीड़ित था। उसके पास का स्मार्ट कार्ड भी नहीं चल सका, इसलिए निजी अस्पताल ने भी उससे 50 हजार रुपए मांगे थे और जब वह इतनी रकम नहीं दे पाया तो उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गगया था।
मृतक दरियाव राम साहू बालोद जिले के ग्राम गुरूर ब्लाक के ग्राम दुपचेरा का निवासी था। उसके पेट में अल्सर हो गया था। जिस पर उसे जिला अस्पताल धमतरी में भर्ती कराया था, लेकिन सर्जन के अभाव में उसे शहर के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना लांच होने के कारण निजी अस्पताल में स्मार्ट कार्ड भी नहीं चला, क्योंकि साफ्टवेयर अपडेट किया जा रहा था।
डॉक्टरों ने उसके ऑपरेशन के लिए 50 हजार रुपये की मांग की। रुपये के अभाव में दरियावराम साहू का आपरेशन नहीं हो सका। निजी अस्पताल के सामान्य वार्ड में उपचार के नाम पर एक दिन के लिए 8 हजार 500 रुपये नकद लिए और इसके बाद उसे 19 सितंबर की रात उसे रेफर कर दिया गया।
नईदुनिया की खबर के मुताबिक, दरिवाय को काफी मशक्कत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बिस्तर न होने के कारण उसे स्ट्रेचर पर ही रखा गया था। लेकिन जिला अस्पताल में एक भी सर्जन डॉक्टर नहीं होने से उसका समय पर ऑपरेशन नहीं हो पाया, और उसकी मौत हो गई।