भोपाल के सबसे बड़े अस्पतालों की बदहाली

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: November 24, 2018
भोपाल के सबसे बड़े अस्पतालों की बदहाली का आलम यह है कि इनमें अगर ऑपरेशन कराना हो तो जांचें बाहर से कराकर लानी पड़ती हैं। हमीदिया अस्पताल में तो करीब महीने भर से एक दर्जन ज़रूरी जांचें नहीं हो पा रही हैं। जो मरीज ओपीडी में आते हैं, उन्हें भी बिना जांच के लौट जाना पड़ता है, क्योंकि अस्पताल के पास जांच किटें मंगाने के लिए बजट ही नहीं है।

Hamidiya Hospital

ऐसी स्थिति कोई पहली बार नहीं बनी है। दो महीने पहले भी ऐसा हुआ था जिसके बाद कुछ दिनों के लिए जांच किटें आ गई थीं। अब फिर से वही हाल हो गए हैं।

एक जांच पर डेढ़ सौ रुपए से लेकर साढ़े 4 सौ रुपए तक का खर्चा होता है जो मरीजों को ही वहन करना पड़ रहा है।

नईदुनिया की खबर के अनुसार, हमीदिया अस्पताल की सेंट्रल पैथोलॉजी लैब में हमीदिया-सुल्तानिया अस्पताल के मरीजों की जांच की जाती है। करीब ढाई सौ मरीजों की हर दिन 1500 से 1800 जांचें की जाती हैं। मेडिकल कॉलेज होने के बाद भी यहां कई जरूरी जांचें नहीं हो पा रही हैं।

डॉक्टर निजी लैब से जांच कराने की सलाह देते हैं और मरीजों को उनकी बात माननी पड़ती है। तमाम डॉक्टर हर दिन करीब 40 मरीजों को विटामिन डी और विटामि बी-12 की जांच कराने की सलाह देते हैं। प्रोस्टेट कैंसर का पता करने के लिए पीएसए, किडनी की बीमारी पता करने के लिए माइक्रो एल्बुमिन साधारण जांचें हैं, जो हमीदिया में नहीं हो रही हैं।
 
 
 
 

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