राजस्थान: शहीदों पर राजेश नारायण शर्मा की टिप्पणी- ऐसे तो बहुत मरते हैं, किसका शोक मनाऊं

Written by sabrang india | Published on: February 16, 2019
जयपुर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार शाम को सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमले के बाद शहीद हुए सीआरपीएफ के 44 जवानों पर सिरोही के विशेष न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश पर शहीदों पर विवादित टिप्पणी करने का बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने आरोप लगाया। आरोप है कि न्यायाधीश ने यह तक कह दिया कि ऐसे कई मरते रहते हैं किस-किस का शोक मनाऊं। न्यायधीश शर्मा की टिप्पणी की कटिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। 

इस पर बार एसोसिएशन की ओर से चीफ जस्टिस को निंदा प्रस्ताव भेजते हुए न्यायाधीश के स्थानांतरण की मांग की और कार्रवाई नहीं होने तक विशेष न्यायालय से संबंधित कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। 

दरअसल, जिला अभिभाषक संघ की ओर से पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्य न्यायालय में उपस्थिति देने का निर्णय लिया गया था। संघ के अध्यक्ष मान सिंह देवड़ा ने बताया कि विशेष न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश राजेश नारायण शर्मा को शोक सभा में आने को कहा तो वे बोले की मेरा कोई शोक नहीं है मैं नहीं आऊंगा। संघ ने कार्य स्थगित करने का प्रस्ताव लेकर न्यायालय भिजवाया। कार्यकारिणी पदाधिकारी व सदस्य विशिष्ट न्यायधीश पोक्सो राजेश नारायण शर्मा को इसकी सूचना देने गए तो उन्होंने इसे फेंकते हुए कहा कि ऐसे तो कई मरते रहते हैं, मैं किस-किस का शोक मनाऊं। 

विशिष्ट न्यायाधीश द्वारा शहीदों पर की गई टिप्पणी को लेकर वकील मंडल ने नाराजगी जताई।न्यायाधीश शर्मा की इस विवादित टिप्पणी के बाद चैंबर में ही संघ के पदाधिकारी बहस करने लगे और इसे शहीदों का अपमान बताते हुए नाराजगी जाहिर की। बाद में समझाइश कर मामला शांत करवाया। इसके बाद शहीदों को श्रद्धांजलि दे कार्य को स्थगित कर दिया। 

विशेष न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश द्वारा शहीदों पर की गई टिप्पणी के बाद बार एसोसिएशन सिरोही की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व निरीक्षण न्यायाधिपति को पत्र भेजकर इस मामले की जानकारी दी गई। साथ ही निंदा प्रस्ताव जारी किया गया। इतना ही नहीं अभिभाषक संघ ने न्यायाधीश शर्मा का स्थानांतरण नहीं होने तक विशेष कोर्ट से संबंधित कार्यों का भी बहिष्कार करने की घोषणा की। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि इसके बावजूद यदि कोई कार्य करता है तो पहली बार में 10 हजार रुपए का जुर्माना और दूसरी बार मामला सामने आने के बाद उसे एसोसिएशन से निष्कासित किया जाएगा।

इनपुट्स- दैनिक भास्कर

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