2014 के घोषणापत्र में बीजेपी ने नई शिक्षा नीति का वादा किया था। इंटरनेट पर सर्च कीजिए, वो नई शिक्षा नीति कहां है,अता-पता नहीं चलेगा। हमने अख़बारों में छपे इस संदर्भ में उनके बयानों का विश्लेषण किया है और साथ ही उनके ट्विटर हैंडल के ट्विटस और री-ट्विट्स का जिससे हम देख सकें कि प्रकाश जावड़ेकर देश की शिक्षा को लेकर कितने ट्विट करते हैं और बीजेपी को लेकर कितने। जावड़ेकर के ट्विट्स बताते हैं कि उनके पास अपने मंत्रालय के बारे में बताने के लिए बहुत कम है। वे बीजेपी के निरंतर प्रचार मंत्री के रूप में ज़्यादा काम करते हैं।
पूर्व कैबिनेट सचिव टी एस आर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी जिसने मई 2016 में अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इस कमेटी के कई सुझावों में यह भी था कि प्राथमिक शिक्षा अंग्रेज़ी में हो। मीडिया रिपोर्ट में ज़िक्र मिलता है कि कमेटी के सुझावों को लेकर स्मृति ईरानी असहज हो गईं और कभी लागू नहीं किया। जून 2017 में डॉ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक नई कमेटी बनती है। 8 अप्रैल को हिन्दुस्तान टाइम्स की नीलम पांडे ने लिखा है कि कस्तूरीरंगन कमेटी को दिसंबर 2017 तक अपनी रिपोर्ट दे देनी थी। मगर पहले उसे मार्च 2018 तक विस्तार मिला और फिर जून 2018 तक के लिए।
जून 2018 में प्रकाश जावड़ेकर कई बयान इंटरनेट पर मिलते हैं कि साल के अंत तक नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी। आज 11 नवंबर है, राष्ट्रीय शिक्षा दिवस, अपने पूरे कार्यकाल में मोदी सरकार नई शिक्षा नीति पेश नहीं कर पाई। इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस के नाम पर जियो संस्थान को कैसे मंज़ूरी दी गई यह अब सब जानते हैं।
27 सितंबर को इंडिया टुडे की वेबसाइट पर मंत्री जी का बयान है कि नई शिक्षा नीति तैयार है। तैयार है तो आज वो कहां है? 29 अप्रैल को डेक्कन क्रोनिकल, NEWS18 की वेबसाइट पर छपी ख़बर में प्रकाश जावड़ेकर का बयान है कि एक महीने में नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा और तीन महीने के भीतर नई शिक्षा नीति हम सबके लिए उपलब्ध होगी। है। जून से तीन महीना हुआ सितंबर, क्या सितंबर तक नई शिक्षा नीति आ गई ? नवंबर में आ गई?
11 सितंबर 2018 का एक वीडियो है। इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया फॉर एक्सचेंज में प्रकाश झावड़ेकर बोल रहे हैं कि एक महीने में नई शिक्षा नीति आ जाएगी और अक्तूबर महीने में वे एक या दो दिन का विशेष सम्मेलन करेंगे जिसमें जो सांसद शिक्षा पर बात करना चाहते हैं, सुझाव देना चाहते हैं, उन्हें मौका मिलेगा। क्या अक्तूबर में ऐसा कोई सम्मेलन हुआ था?
अप्रैल महीने में उज्जैल में गुरुकुल सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में बोलते हुए शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि भारत के हर बच्चे को पांच साल के लिए गुरुकुल भेजना चाहिए। गुरुकुल की शिक्षा की बच्चों का विकास कर सकती है। देशभक्त बना सकती है। मानसिक अनुशासन दे सकती है।
शिक्षा मंत्री बताए कि उन्होंने कितने गुरुकुल बनाए हैं, प्राइवेट स्कूलों को बंद करेंगे या उन्हें गुरुकुल में बदल देंगे? यह भी बताएं कि गुरुकुल के लिए ऋषिमुनी कहां से लाएंगे? जो भी है, अगर शिक्षा मंत्री को गुरुकुल ही ठीक लगता है तो फिर उसी के लिए उन्होंने क्या प्रयास किए हैं?
मार्च 2017 को लोकसभा में बयान दिया था, उसी का अता-पता नहीं है। उन्होंने कहा था कि एक साल के भीतर दिल्ली विश्वविद्यालय में 9000 पदों पर परमानेंट बहाली हो जाएगी। क्या हुई? देश के बाकी विश्वविद्यालयों की भी जानकारी दे दें तो बेहतर होगा। अदालत का बहाना बनाया जाता है मगर अदालत से कितनी बार कहने गए कि जल्दी सुनवाई करें, देश के नौजवानों की उम्र बीत रही है और वे बर्बाद हो रहे हैं। इस देश के नौजवानों की पोलिटिकल क्वालिटी थर्ड क्लास नहीं होती तो वे अपने साथ हो रहे इस तरह के धोखे को बर्दाश्त नहीं करते। पर ख़ैर अभी उन्हें हिन्दू मुस्लिम डिबेट चाहिए।
प्रकाश जावड़ेकर अगस्त महीने में कर्नाटक के चुनाव प्रभारी बने और अक्तूबर में राजस्थान के।
अगस्त से लेकर नवंबर तक वे मंत्रालय का काम संभालने के साथ-साथ चुनाव भी संभाल रहे हैं। काश कोई बता पाता कि अगस्त से लेकर 11 नवंबर तक प्रकाश जावड़ेकर मंत्रालय में कितने दिन रहे और चुनावी राज्यों में कितने दिन तो हम अंदाज़ा लगा पाते कि शिक्षा मंत्री ही शिक्षा मंत्री हैं या मंत्रालय कोई और चला रहा है।
आइये प्रकाश जावड़ेकर के ट्विटर हैंडल पर चलते हैं। 31 अक्तूबर से लेकर आज तक के उनके ट्विट और री-ट्विट का विश्लेषण करते हैं। 31 अक्तूबर को वे एकता दिवस से संबंधित पांच ट्विट करते हैं। एक ट्विट से पता चलता है कि वे सुबह एकता की दौड़ में भी शामिल हुए हैं। फिर वे बीजेपी राजस्थान का एक ट्विट री-ट्विट करते हैं और बताते हैं कि प्रधानमंत्री ने कहां कहां के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया है। ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर भारत का रैंक सुधरता है, ज़ाहिर है इस सूचना को ट्विट करेंगे ही, तो उन्होंने प्रमुखता से किया भी है।
1 नवंबर को वे मध्य प्रदेश की स्थापना दिवस पर अलग से ट्विट करते हैं जहां से राज्य सभा सांसद हैं। दूसरे ट्विट में हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक राज्य के स्थापना दिवस पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। 1 नवंबर का ही ट्विट बताता है कि 1196 केंद्रीय विद्यालयों से आए छात्रों की एकता शिविर देखने गए हैं। दूसरे ट्विट में आयोजकों को बधाई देते हैं। कई जगहों पर यह शिविर लगी थी मगर ट्विट से अंदाज़ा होता है कि मंत्री जी जयपुर के शिविर में गए हैं। 2 नवंबर को बीजेपी राजस्थान के ट्विट को री-ट्विट करते हैं कि राजस्थान के सबसे बड़े महासंपर्क अभियान में जुड़े। 2-4 नवंबर तक बूथ महासंपर्क अभियान। जन-जन में भाजपा, हर मन में भाजपा। तीसरा री-ट्विट बताता है कि वे जयपुर में हैं और बूथ अभियान की जानकारी दे रहे हैं। मंत्री जी के आटो में बैठने की तस्वीर है। इस दिन बीजेपी के कार्यक्रम से संबंधित पांच ट्विट को री-ट्विट करते हैं। उस दिन एक और ट्विट करते हैं कि प्रधानमंत्री ने MSME के लिए कार्यक्रम लांच किया है
आप इन ट्विट के ज़रिए यह देख सकते हैं कि भारत के शिक्षा मंत्री के ट्विटर हैंडल पर शिक्षा को लेकर कितनी बातें हैं और चुनावी राजनीति को लेकर कितनी। वे दिल्ली में कितने दिन हैं और जयपुर में कितने दिन। पता चलता है कि इस महीने का अधिकांश हिस्सा जयपुर में गुज़रा है तो मंत्रालय में जो काम होने हैं उनका क्या होता होगा।
3 नवंबर को MSME से संबंधित दो ट्विट हैं। फिर एक और ट्विट से पता चलता है कि वे जयपुर में ही हैं और यहां के अन्नपूर्णा रसोई में नाश्ता कर रहे हैं। राजस्थान सरकार की इस योजना की सराहना कर रहे हैं। दूसरे ट्विट में बता रहे हैं कि गुटबाज़ी कांग्रेस में होती है। राहुल गांधी में हिम्मत नहीं है कि वे सचिन पायलट को मुख्यमंत्री घोषित कर दें। तीन नवंबर को बीजेपी राजस्थान के ट्विटर हैंडल से ट्विट होता है कि चार बजे प्रकाश जावड़ेकर की प्रेस कांफ्रेंस लाइव है। उसके बाद बीजेपी राजस्थान के छह अन्य ट्विट को री-ट्विट करते हैं।
तो आपने देखा कि 31 अक्तूबर से लेकर 3 नवंबर के बीच भारत के शिक्षा मंत्री का बड़ा या पब्लिक को बताने लायक हिस्सा कहां गुज़र रहा है और किन बातों में गुज़र रहा है। 3 नवंबर को वे जयपुर में हैं लेकिन ट्विट करते हैं कि HEFA बोर्ड ने 7 नए एम्स के लिए 9403 करोड़ के फंड को मंज़ूरी दी है। एक ट्विट में बताते हैं कि बोर्ड ने इन सभी बोर्ड को 525 करोड़ का फंड तुरंत जारी करने को मंज़ूरी देते हैं। इनके ट्विट पर उत्तराखंड के छात्र लिखते हैं कि NIT उत्तराखंड को तुरंत राहत की ज़रूरत है। मंत्री जी इसे न तो री-ट्विट करते हैं न ही कोई जवाब देते हैं। अमिताभ चौहान मंत्री जी को ट्विट करते हैं कि “साहब शिक्षा प्रेरकों का रोज़गार तो आपने छीन लिया परंतु उनका बकाया मानदेय तो कम से कम दे ही दीजिए क्योंकि उन्होंने अपने परिवार की जीविका के लिए इसमें अपना पूरा वक्त बर्बाद कर दिया पर सात साल बाद हाथ आई तो बेरोज़गारी। “ मंत्री जी इसे लाइक भी नहीं करते हैं जिससे अभिताभ को पता चले कि नोटिस ले लिया है।
4 नवंबर का ट्विट बताता है कि मंत्री जी राजस्थान में ही हैं और झालना कच्ची बस्ती पहुंचे हैं। एक और ट्विट बताता है कि गांवों को साफ रखने के लिए ग्रीन रोड बनाया है। ग्रामीण मंत्रालय ने पर्यावरण अनुकूल प्रोद्योगिकी का उपयोग करके 20,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण किया । फिर एक ट्विट करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के कारण मिली अमेरिकी छूट, ईरान से तेल आयात करेगा भारत। (वैसे अमेरिका ने आठ देशों को राहत दी है) 4 नवंबर का ट्विट बताता है कि 12 नवंबर को इतिहास रचा जाएगा, जलपोत से कोलकाता से बनारस पहुंचेंगे पेप्सीको के 16 कंटेनर। प्रधानमंत्री मोदी करेंगे रिसीव। फिर प्रधानमंत्री मोदी के बयान को ट्विट करते हैं कि विपक्ष के नेता झूठ बोलने वाली मशीन हैं। शाम को ट्विट करते हैं जिसमें एक विडियो लिंक है। स्वयं। आनलाइन स्व-शिक्षा पोर्टल के बारे में सूचना है फिर इसके बाद ट्विट आता है कि मंत्री जी एक बस्ती में जो अब कच्ची से पक्की हो चुकी है और उज्जवला स्कीम की लाभार्थी के घर गए हैं। शाम का ट्विट बताता है कि दिवाली मंगल मिलन कार्यक्रम में हैं। जयपुर में ही हैं।
5 नवंबर को नमो एप पर बीजेपी को डोनेट करने की जानकारी ट्विट करते हैं और दूसरे ट्विट में बताते हैं कि उन्होंने भी डोनेट किया है। कितना किया है, नहीं बताया। फिर धनतेरस की बधाई का ट्विट है और अगला ट्विट है कि उन्होंने दिवाली पर खादी ली है। कंधे पर खादी का कपड़ा लिए हुए हैं और कह रहे हैं कि मैं 40 साल से खादी का उपयोग कर रहा हूं। दीवापली पर मैंने खादी खरीदी, आपने खरीदी? 5 नवंबर को ही बीजेपी का एक कैंपेन वीडियो है उसे री-ट्विट करते हैं। देश के शिक्षा मंत्री के पास पांच नवंबर को शिक्षा पर बताने के लिए कुछ नहीं था?
8 नवंबर को बीजेपी के 10 ट्विट को री-ट्विट करते हैं। नोटबंदी के फायदों पर अलग से एक ट्विट है। अरुण जेटली के ट्विट को री-ट्विट करते हैं।
काफी दिनों बाद 8 नवंबर को शिक्षा पर एक ट्विट करते हैं। बताते हैं कि कैबिनेट ने आंध्रप्रदेश के विजियानगरम ज़िले में सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनाने की मंज़ूरी दी गई है। इस संदर्भ में 8 ट्विट करते हैं और विस्तार से बताते हैं कि आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन एक्ट में शिक्षा को लेकर जितने भी वादे थे, उनकी सरकार ने पूरे कर दिए हैं। सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी को कैबिनेट से मंज़ूरी मिली है, मंत्री ट्विट कर रहे हैं कि 2019-20 के सत्र से यूनिवर्सिटी चालू हो जाएगी। क्या यूनिवर्सिटी का ढांचा बन चुका है, शिक्षकों की बहाली हो चुकी है, इसकी जानकारी ट्विट से नहीं मिलती है।
9 नवंबर को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लेकर ट्विट है। 10 नवंबर को 9 ट्विट री ट्विट करते हैं जिसमें या तो अखबार की खबर है, जेटली का बयान है और जगदलपुर में प्रधानमंत्री के भाषण का वीडियो है।
11 नवंबर की सुबह तीन ट्विट हैं। शिक्षा दिवस को लेकर. आचार्य कृपलानी और मौलाना आज़ाद की जयंती की बधाई देते हैं। दूसरे द्विट में बताते हैं कि उनके सम्मान में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। तीसरे ट्विट में एक पोस्टर है जिसमें एक कार्यक्रम की सूचना है। तस्वीर मौलाना आज़ाद और प्रधानमंत्री की है लेकिन इस पोस्टर में जो प्रेरक वाक्य है वो मौलाना आज़ाद का नहीं, प्रधानमंत्री मोदी का है। क्या मौलाना आज़ाद का कोई कथन नहीं मिला?
तो एक तरह से आपने देखा कि 31 अक्तूबर से लेकर 11 नवंबर के बीच भारत के शिक्षा मंत्री का कहां और किन कार्यों में व्यस्त हैं। वो जिन सूचनाओं को साझा करते हैं उनमें शिक्षा को लेकर प्राथमिकता कितनी है और अपनी पार्टी की राजनीतिक संभावनाओं को लेकर कितनी है। इसी तरह हमने प्रकाश जी के सितंबर महीने के ट्विट्स का विश्लेषण किया था। उसमें भी उनके मंत्रालय को लेकर कम ट्विट हैं। इक्का दुक्का। बाकी वे ज्यादातर प्रधानमंत्री के ट्विट्स को ही री-ट्विट्स करते रहते हैं। 16 सितंबर को प्रकाश जावड़ेकर ने प्रधानमंत्री के 43 ट्विट्स को री-ट्विट किया है।
एक तरह से आप देखेंगे कि इस सरकार के मंत्री जनता से संवाद करते हैं। बात करते हैं। मगर ध्यान से देखिए कि क्या वे अपने मंत्रालय के काम को लेकर बात करते हैं, जनता जो उनसे कहना चाहती है, क्या उस पर कुछ कहते हैं तो जवाब ना में मिलगा। जनता की शिकायतों का अंबार लगा है मगर मंत्री जी बिल्कुल नोटिस नहीं लेते हैं। और हां, शिक्षा मंत्री हैं, उनके चुनावी ट्विट में एक भी स्कूल या एक भी सरकारी कालेज के दौरे की न तो जानकारी है और न ही तस्वीर हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह आर्टिकल उनकी फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है।)
पूर्व कैबिनेट सचिव टी एस आर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी जिसने मई 2016 में अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इस कमेटी के कई सुझावों में यह भी था कि प्राथमिक शिक्षा अंग्रेज़ी में हो। मीडिया रिपोर्ट में ज़िक्र मिलता है कि कमेटी के सुझावों को लेकर स्मृति ईरानी असहज हो गईं और कभी लागू नहीं किया। जून 2017 में डॉ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक नई कमेटी बनती है। 8 अप्रैल को हिन्दुस्तान टाइम्स की नीलम पांडे ने लिखा है कि कस्तूरीरंगन कमेटी को दिसंबर 2017 तक अपनी रिपोर्ट दे देनी थी। मगर पहले उसे मार्च 2018 तक विस्तार मिला और फिर जून 2018 तक के लिए।
जून 2018 में प्रकाश जावड़ेकर कई बयान इंटरनेट पर मिलते हैं कि साल के अंत तक नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी। आज 11 नवंबर है, राष्ट्रीय शिक्षा दिवस, अपने पूरे कार्यकाल में मोदी सरकार नई शिक्षा नीति पेश नहीं कर पाई। इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस के नाम पर जियो संस्थान को कैसे मंज़ूरी दी गई यह अब सब जानते हैं।
27 सितंबर को इंडिया टुडे की वेबसाइट पर मंत्री जी का बयान है कि नई शिक्षा नीति तैयार है। तैयार है तो आज वो कहां है? 29 अप्रैल को डेक्कन क्रोनिकल, NEWS18 की वेबसाइट पर छपी ख़बर में प्रकाश जावड़ेकर का बयान है कि एक महीने में नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा और तीन महीने के भीतर नई शिक्षा नीति हम सबके लिए उपलब्ध होगी। है। जून से तीन महीना हुआ सितंबर, क्या सितंबर तक नई शिक्षा नीति आ गई ? नवंबर में आ गई?
11 सितंबर 2018 का एक वीडियो है। इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया फॉर एक्सचेंज में प्रकाश झावड़ेकर बोल रहे हैं कि एक महीने में नई शिक्षा नीति आ जाएगी और अक्तूबर महीने में वे एक या दो दिन का विशेष सम्मेलन करेंगे जिसमें जो सांसद शिक्षा पर बात करना चाहते हैं, सुझाव देना चाहते हैं, उन्हें मौका मिलेगा। क्या अक्तूबर में ऐसा कोई सम्मेलन हुआ था?
अप्रैल महीने में उज्जैल में गुरुकुल सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में बोलते हुए शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि भारत के हर बच्चे को पांच साल के लिए गुरुकुल भेजना चाहिए। गुरुकुल की शिक्षा की बच्चों का विकास कर सकती है। देशभक्त बना सकती है। मानसिक अनुशासन दे सकती है।
शिक्षा मंत्री बताए कि उन्होंने कितने गुरुकुल बनाए हैं, प्राइवेट स्कूलों को बंद करेंगे या उन्हें गुरुकुल में बदल देंगे? यह भी बताएं कि गुरुकुल के लिए ऋषिमुनी कहां से लाएंगे? जो भी है, अगर शिक्षा मंत्री को गुरुकुल ही ठीक लगता है तो फिर उसी के लिए उन्होंने क्या प्रयास किए हैं?
मार्च 2017 को लोकसभा में बयान दिया था, उसी का अता-पता नहीं है। उन्होंने कहा था कि एक साल के भीतर दिल्ली विश्वविद्यालय में 9000 पदों पर परमानेंट बहाली हो जाएगी। क्या हुई? देश के बाकी विश्वविद्यालयों की भी जानकारी दे दें तो बेहतर होगा। अदालत का बहाना बनाया जाता है मगर अदालत से कितनी बार कहने गए कि जल्दी सुनवाई करें, देश के नौजवानों की उम्र बीत रही है और वे बर्बाद हो रहे हैं। इस देश के नौजवानों की पोलिटिकल क्वालिटी थर्ड क्लास नहीं होती तो वे अपने साथ हो रहे इस तरह के धोखे को बर्दाश्त नहीं करते। पर ख़ैर अभी उन्हें हिन्दू मुस्लिम डिबेट चाहिए।
प्रकाश जावड़ेकर अगस्त महीने में कर्नाटक के चुनाव प्रभारी बने और अक्तूबर में राजस्थान के।
अगस्त से लेकर नवंबर तक वे मंत्रालय का काम संभालने के साथ-साथ चुनाव भी संभाल रहे हैं। काश कोई बता पाता कि अगस्त से लेकर 11 नवंबर तक प्रकाश जावड़ेकर मंत्रालय में कितने दिन रहे और चुनावी राज्यों में कितने दिन तो हम अंदाज़ा लगा पाते कि शिक्षा मंत्री ही शिक्षा मंत्री हैं या मंत्रालय कोई और चला रहा है।
आइये प्रकाश जावड़ेकर के ट्विटर हैंडल पर चलते हैं। 31 अक्तूबर से लेकर आज तक के उनके ट्विट और री-ट्विट का विश्लेषण करते हैं। 31 अक्तूबर को वे एकता दिवस से संबंधित पांच ट्विट करते हैं। एक ट्विट से पता चलता है कि वे सुबह एकता की दौड़ में भी शामिल हुए हैं। फिर वे बीजेपी राजस्थान का एक ट्विट री-ट्विट करते हैं और बताते हैं कि प्रधानमंत्री ने कहां कहां के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया है। ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर भारत का रैंक सुधरता है, ज़ाहिर है इस सूचना को ट्विट करेंगे ही, तो उन्होंने प्रमुखता से किया भी है।
1 नवंबर को वे मध्य प्रदेश की स्थापना दिवस पर अलग से ट्विट करते हैं जहां से राज्य सभा सांसद हैं। दूसरे ट्विट में हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक राज्य के स्थापना दिवस पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। 1 नवंबर का ही ट्विट बताता है कि 1196 केंद्रीय विद्यालयों से आए छात्रों की एकता शिविर देखने गए हैं। दूसरे ट्विट में आयोजकों को बधाई देते हैं। कई जगहों पर यह शिविर लगी थी मगर ट्विट से अंदाज़ा होता है कि मंत्री जी जयपुर के शिविर में गए हैं। 2 नवंबर को बीजेपी राजस्थान के ट्विट को री-ट्विट करते हैं कि राजस्थान के सबसे बड़े महासंपर्क अभियान में जुड़े। 2-4 नवंबर तक बूथ महासंपर्क अभियान। जन-जन में भाजपा, हर मन में भाजपा। तीसरा री-ट्विट बताता है कि वे जयपुर में हैं और बूथ अभियान की जानकारी दे रहे हैं। मंत्री जी के आटो में बैठने की तस्वीर है। इस दिन बीजेपी के कार्यक्रम से संबंधित पांच ट्विट को री-ट्विट करते हैं। उस दिन एक और ट्विट करते हैं कि प्रधानमंत्री ने MSME के लिए कार्यक्रम लांच किया है
आप इन ट्विट के ज़रिए यह देख सकते हैं कि भारत के शिक्षा मंत्री के ट्विटर हैंडल पर शिक्षा को लेकर कितनी बातें हैं और चुनावी राजनीति को लेकर कितनी। वे दिल्ली में कितने दिन हैं और जयपुर में कितने दिन। पता चलता है कि इस महीने का अधिकांश हिस्सा जयपुर में गुज़रा है तो मंत्रालय में जो काम होने हैं उनका क्या होता होगा।
3 नवंबर को MSME से संबंधित दो ट्विट हैं। फिर एक और ट्विट से पता चलता है कि वे जयपुर में ही हैं और यहां के अन्नपूर्णा रसोई में नाश्ता कर रहे हैं। राजस्थान सरकार की इस योजना की सराहना कर रहे हैं। दूसरे ट्विट में बता रहे हैं कि गुटबाज़ी कांग्रेस में होती है। राहुल गांधी में हिम्मत नहीं है कि वे सचिन पायलट को मुख्यमंत्री घोषित कर दें। तीन नवंबर को बीजेपी राजस्थान के ट्विटर हैंडल से ट्विट होता है कि चार बजे प्रकाश जावड़ेकर की प्रेस कांफ्रेंस लाइव है। उसके बाद बीजेपी राजस्थान के छह अन्य ट्विट को री-ट्विट करते हैं।
तो आपने देखा कि 31 अक्तूबर से लेकर 3 नवंबर के बीच भारत के शिक्षा मंत्री का बड़ा या पब्लिक को बताने लायक हिस्सा कहां गुज़र रहा है और किन बातों में गुज़र रहा है। 3 नवंबर को वे जयपुर में हैं लेकिन ट्विट करते हैं कि HEFA बोर्ड ने 7 नए एम्स के लिए 9403 करोड़ के फंड को मंज़ूरी दी है। एक ट्विट में बताते हैं कि बोर्ड ने इन सभी बोर्ड को 525 करोड़ का फंड तुरंत जारी करने को मंज़ूरी देते हैं। इनके ट्विट पर उत्तराखंड के छात्र लिखते हैं कि NIT उत्तराखंड को तुरंत राहत की ज़रूरत है। मंत्री जी इसे न तो री-ट्विट करते हैं न ही कोई जवाब देते हैं। अमिताभ चौहान मंत्री जी को ट्विट करते हैं कि “साहब शिक्षा प्रेरकों का रोज़गार तो आपने छीन लिया परंतु उनका बकाया मानदेय तो कम से कम दे ही दीजिए क्योंकि उन्होंने अपने परिवार की जीविका के लिए इसमें अपना पूरा वक्त बर्बाद कर दिया पर सात साल बाद हाथ आई तो बेरोज़गारी। “ मंत्री जी इसे लाइक भी नहीं करते हैं जिससे अभिताभ को पता चले कि नोटिस ले लिया है।
4 नवंबर का ट्विट बताता है कि मंत्री जी राजस्थान में ही हैं और झालना कच्ची बस्ती पहुंचे हैं। एक और ट्विट बताता है कि गांवों को साफ रखने के लिए ग्रीन रोड बनाया है। ग्रामीण मंत्रालय ने पर्यावरण अनुकूल प्रोद्योगिकी का उपयोग करके 20,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण किया । फिर एक ट्विट करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के कारण मिली अमेरिकी छूट, ईरान से तेल आयात करेगा भारत। (वैसे अमेरिका ने आठ देशों को राहत दी है) 4 नवंबर का ट्विट बताता है कि 12 नवंबर को इतिहास रचा जाएगा, जलपोत से कोलकाता से बनारस पहुंचेंगे पेप्सीको के 16 कंटेनर। प्रधानमंत्री मोदी करेंगे रिसीव। फिर प्रधानमंत्री मोदी के बयान को ट्विट करते हैं कि विपक्ष के नेता झूठ बोलने वाली मशीन हैं। शाम को ट्विट करते हैं जिसमें एक विडियो लिंक है। स्वयं। आनलाइन स्व-शिक्षा पोर्टल के बारे में सूचना है फिर इसके बाद ट्विट आता है कि मंत्री जी एक बस्ती में जो अब कच्ची से पक्की हो चुकी है और उज्जवला स्कीम की लाभार्थी के घर गए हैं। शाम का ट्विट बताता है कि दिवाली मंगल मिलन कार्यक्रम में हैं। जयपुर में ही हैं।
5 नवंबर को नमो एप पर बीजेपी को डोनेट करने की जानकारी ट्विट करते हैं और दूसरे ट्विट में बताते हैं कि उन्होंने भी डोनेट किया है। कितना किया है, नहीं बताया। फिर धनतेरस की बधाई का ट्विट है और अगला ट्विट है कि उन्होंने दिवाली पर खादी ली है। कंधे पर खादी का कपड़ा लिए हुए हैं और कह रहे हैं कि मैं 40 साल से खादी का उपयोग कर रहा हूं। दीवापली पर मैंने खादी खरीदी, आपने खरीदी? 5 नवंबर को ही बीजेपी का एक कैंपेन वीडियो है उसे री-ट्विट करते हैं। देश के शिक्षा मंत्री के पास पांच नवंबर को शिक्षा पर बताने के लिए कुछ नहीं था?
8 नवंबर को बीजेपी के 10 ट्विट को री-ट्विट करते हैं। नोटबंदी के फायदों पर अलग से एक ट्विट है। अरुण जेटली के ट्विट को री-ट्विट करते हैं।
काफी दिनों बाद 8 नवंबर को शिक्षा पर एक ट्विट करते हैं। बताते हैं कि कैबिनेट ने आंध्रप्रदेश के विजियानगरम ज़िले में सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनाने की मंज़ूरी दी गई है। इस संदर्भ में 8 ट्विट करते हैं और विस्तार से बताते हैं कि आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन एक्ट में शिक्षा को लेकर जितने भी वादे थे, उनकी सरकार ने पूरे कर दिए हैं। सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी को कैबिनेट से मंज़ूरी मिली है, मंत्री ट्विट कर रहे हैं कि 2019-20 के सत्र से यूनिवर्सिटी चालू हो जाएगी। क्या यूनिवर्सिटी का ढांचा बन चुका है, शिक्षकों की बहाली हो चुकी है, इसकी जानकारी ट्विट से नहीं मिलती है।
9 नवंबर को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लेकर ट्विट है। 10 नवंबर को 9 ट्विट री ट्विट करते हैं जिसमें या तो अखबार की खबर है, जेटली का बयान है और जगदलपुर में प्रधानमंत्री के भाषण का वीडियो है।
11 नवंबर की सुबह तीन ट्विट हैं। शिक्षा दिवस को लेकर. आचार्य कृपलानी और मौलाना आज़ाद की जयंती की बधाई देते हैं। दूसरे द्विट में बताते हैं कि उनके सम्मान में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। तीसरे ट्विट में एक पोस्टर है जिसमें एक कार्यक्रम की सूचना है। तस्वीर मौलाना आज़ाद और प्रधानमंत्री की है लेकिन इस पोस्टर में जो प्रेरक वाक्य है वो मौलाना आज़ाद का नहीं, प्रधानमंत्री मोदी का है। क्या मौलाना आज़ाद का कोई कथन नहीं मिला?
तो एक तरह से आपने देखा कि 31 अक्तूबर से लेकर 11 नवंबर के बीच भारत के शिक्षा मंत्री का कहां और किन कार्यों में व्यस्त हैं। वो जिन सूचनाओं को साझा करते हैं उनमें शिक्षा को लेकर प्राथमिकता कितनी है और अपनी पार्टी की राजनीतिक संभावनाओं को लेकर कितनी है। इसी तरह हमने प्रकाश जी के सितंबर महीने के ट्विट्स का विश्लेषण किया था। उसमें भी उनके मंत्रालय को लेकर कम ट्विट हैं। इक्का दुक्का। बाकी वे ज्यादातर प्रधानमंत्री के ट्विट्स को ही री-ट्विट्स करते रहते हैं। 16 सितंबर को प्रकाश जावड़ेकर ने प्रधानमंत्री के 43 ट्विट्स को री-ट्विट किया है।
एक तरह से आप देखेंगे कि इस सरकार के मंत्री जनता से संवाद करते हैं। बात करते हैं। मगर ध्यान से देखिए कि क्या वे अपने मंत्रालय के काम को लेकर बात करते हैं, जनता जो उनसे कहना चाहती है, क्या उस पर कुछ कहते हैं तो जवाब ना में मिलगा। जनता की शिकायतों का अंबार लगा है मगर मंत्री जी बिल्कुल नोटिस नहीं लेते हैं। और हां, शिक्षा मंत्री हैं, उनके चुनावी ट्विट में एक भी स्कूल या एक भी सरकारी कालेज के दौरे की न तो जानकारी है और न ही तस्वीर हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह आर्टिकल उनकी फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है।)