राजस्थान: पानी बिना क्या होगा किसान का

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: November 20, 2018
राजस्थान में जल संकट किसानों को बर्बादी के कगार पर ले आया है। सरकार के प्रयास इस तरह के औपचारिकता वाले रहे कि उनका कोई फायदा नहीं हुआ और खर्चा अलग से काफी हो गया।

Farmers

उदयपुर में कमलवाले तालाब में इस बार बरसात में भी पानी नहीं आया है जिससे किसान परेशान हो गए हैं। नगर पालिका ने 30 लाख रुपए खर्च करके तालाब में बरसात के पानी को पहुंचाने की कोशिश की लेकिन ये प्रयास एकदम नाकाम साबित हुआ।

पानी की कमी से मजबूर स्थानीय किसान दूसरों के खेतों में मजदूरी करने को मजबूर हैं। हालात इस तरह खराब हो गए हैं कि तालाब में पानी की कम आवक और जल स्तर कम होने के कारण समीपवर्ती कुओं में अभी से पानी सूखने लगा है।

गर्मी से पहले कुओं की सूखी स्थिति ने अफीम के पट्टाधारी किसानों को पानी वाले इलाके के खेतों की ओर सोचने पर मजबूर कर दिया है।

पत्रिका के अनुसार, तालाब में पानी की आवक को बढ़ाने के लिए कस्बे के तुलसी द्वार से तालाब तक नाला प्रस्तावित है, लेकिन ये नाला अधूरा पड़ा है। करीब 30 लाख की लागत वाले नाले के मनमाने निर्माण पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं।

लोगों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग ने ये निर्माण बहुत घटिया किया है। इस बात को लेकर विभाग में शिकायत भी की गई जिसके बाद विभाग ने काम तो रुकवा दिया लेकिन सुधार कुछ नहीं किया।

मामला शांत करने के लिए ठेका एजेंसी ने घटिया निर्माण को छिपाते हुए नाले को ढंककर छोड़ दिया, जिसके बाद ये नाला लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

इस नाले के कारण नालियों में जमा गंदगी की निकासी भी नहीं हो पा रही है। इससे स्थानीय लोग परेशान हैं। अब लोगों ने पीडब्ल्यूडी से नाले को सुधारने, बाल मंदिर के पास नाले की चौड़ाई बढ़ाने का अनुरोध किया है, लेकिन उन्हें किसी तरह का कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल सका है।


 

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