पश्चिमी UP में कृषि बिल के विरोध में हाइवे जाम, रेलवे ट्रैक पर भी बैठे किसान

Written by Navnish Kumar | Published on: September 25, 2020
- दिखने लगा कृषि बिलों के विरोध का असर
- दिल्ली-हरिद्वार हाइवे पूरी तरह से किसानों के कब्जे में
- पश्चिम उत्तर प्रदेश में हो रहा जबरदस्त विरोध



कृषि बिलों के खिलाफ किसानों के प्रदेश बंद का असर देखने को मिलने लगा है। किसानों के इस विरोध को विपक्ष के कांग्रेस सहित कई दलों का समर्थन मिल रहा है। किसान इसे काला बिल बताकर लगातार विरोध कर रहे हैं।

खास है कि कृषि विधेयक के खिलाफ शुक्रवार को किसान संगठनों ने राष्ट्रव्यापी बंद बुलाया था जिसमें भारतीय किसान यूनियन, अखिल भारतीय किसान संघ, किसान व मजदूरों के संगठन के साथ विपक्षी नेताओं का भी किसानों का लगातार समर्थन मिल रहा है।

किसान बंद के चलते पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, हापुड, बुलंदशहर, सहारनपुर आदि जिलों में राजमार्ग जाम किए गए। कई जगह पर रेलवे ट्रैक से लेकर रोड तक किसान विरोध प्रदर्शन कर बैठे हुए हैं। वहीं मेरठ में दिल्ली हरिद्वार हाइवे पूरी तरह से किसानों ने कब्जा लिया है। हाइवे पर किसानों ने सरकार की नीतियों का तानाशाहीपूर्ण, बताते हुए जमकर पराली जलाकर विरोध जताते हुए सरकार विरोधी नारेबाजी की।

बता दें कि सरकार ने हाल ही में संसद में कृषि संबंधी 3 विधेयक पास किए हैं, जिसको लेकर प्रधानमंत्री से लेकर कृषि मंत्री तक ने किसान के हित में होने की बात कही है, लेकिन लगातार किसान संगठन इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। पश्चिम उप्र में बिल का जबरदस्त विरोध देखा जा रहा है। वहीं बंद के दौरान किसानों को प्रति नरम रवैया अपनाए जाने का आदेश दिया गया है। साथ में एंबुलेंस सेवा के साथ पैरामेडिकल स्टाफ को भी तैयार रहने को कहा गया है। किसी भी दशा में प्रदर्शन के दौरान अपनी घटना होने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर सुविधा उपलब्ध कराई जाए। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस, पीएसी और आरएएफ को तैनात किया गया है।

मेरठ में भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर जटौली कट पर ट्रैक्टर खड़े करके धरना शुरू किया। भारतीय किसान यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष विनोद, जटौली युवा विंग के जिला अध्यक्ष नवाब सिंह अहलावत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम किया है। इस दौरान वाहनों को निकलने में काफी परेशानी हो रही है। वाहन जाम में फंसे हुए हैं। इसके भाकियू ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर प्रदर्शन खत्म किया। किसानों का चक्का जाम करीब सवा घंटा चला।

इसके अलावा सकौती में भारतीय किसान संगठन के पदाधिकारी हाईवे पर बैठ गए। कार्यकर्ता करीब 20 मिनट तक बैठे रहे। फिर बाद में तहसीलदार को ज्ञापन देकर वहां से लौट गए।

बिजनौर में भाकियू व राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने चक्का जाम शुरू कर दिया है। किसानों ने कई जगह सड़कों पर कब्जा कर लिया है। सड़कों पर बीच में अपने वाहन खड़े करके आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया है। सड़कों के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई है। किसान एंबुलेंस को बिल्कुल नहीं रोक रहे हैं और उन्हें तुरंत निकाल रहे हैं। वहीं दोपहिया वाहन वाले तो किसी तरह एक तरफ से निकल रहे हैं, लेकिन चौपहिया वाहन वालों को परेशानी उठानी पड़ रही है। किसानों का कहना है कि नए कानूनों से किसान तबाह हो जाएगा। वे हर हाल में अध्यादेशों को वापस कराने की मांग कर रहे हैं।

बागपत में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने बड़ौत, अग्रवाल मंडी टटीरी और नगर के राष्ट्र वंदना चौक पर जाम लगा दिया है। किसानों का कहना है कि कानून जबरदस्ती उनके ऊपर थोपा जा रहा है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कार्यकर्ता ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर हाईवे पर पहुंच गए और जाम लगाया। 

शामली में भाकियू ने कृषि विधेयकों के विरोध में पानीपत-खटीमा हाईवे पर गुरुद्वारा तिराहे पर साढ़े 11 बजे चक्का जाम शुरू कर दिया। भाकियू के प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार के नेतृत्व में कार्यकर्ता सड़क के बीचोंबीच टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए। मुजफ्फरनगर से आने वाले वाहनों को एसटी तिराहे पर रोका जा रहा है। पानीपत की और से आने वाले वाहनों को शहर से बाहर ही रोक दिया गया है। चक्का जाम का पहले से ही पता होने के कारण ट्रक चालक जगह-जगह अपने वाहन ढाबों पर रोके हुए हैं। मेरठ-करनाल हाईवे पर झिंझाना में जिलाध्यक्ष कपिल खटियान के नेतृत्व में कार्यकर्ता हाइवे पर धरने पर बैठे हैं।

मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन ने कृषि विधेयकों के विरोध में जनपद में 10 स्थानों पर चक्का जाम किया। किसानों ने फलौदा, रोहाना, लालूखेड़ी, रामपुर तिराहा, बुढ़ाना बायवाला, शाहपुर, मोरना, नावला कोठी, फुगाना और मीरापुर मोंटी तिराहे पर जाम लगाया। इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जाम लगाए जाने से राहगीरों को काफी परेशानी हो रही है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी स्थानों पर पुलिस बल तैनात है।

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