राज्य के बाढ़ प्रभावित सभी 23 जिलों के 2050 गांवों में कुल 3,87,898 व्यक्ति बेघर हो गए हैं जबकि 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य के कई जिलों में अब तक कुल 1,76,980.05 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। बाढ़ के कारण अब तक 48 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि जिला पठानकोट से तीन व्यक्ति लापता हैं।

पंजाब में बाढ़ के कारण भीषण तबाही जैसी हालत है। कई गांव तबाह हो गए हैं, फसलें पानी में डूब गई हैं और मवेशी बह गए हैं। हजारों परिवार बेघर हो गए हैं। इस संकट के मद्देनज़र, आम आदमी पार्टी (AAP) के ओखला विधायक अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली में एक बड़े राहत अभियान की शुरुआत की है।
खान ने जामिया नगर और आसपास के इलाकों के लोगों से अपील की है कि वे इस मानवीय मिशन में एकजुट होकर भाग लें। उन्होंने ओखला के कई स्थानों पर राहत शिविर स्थापित करने की घोषणा की है, जिनमें जाकिर नगर जामा मस्जिद, बाटला हाउस चौक (सरकारी स्कूल के पास), जामिया मेट्रो स्टेशन (स्वतंत्रता सेनानी फव्वारे के पास) और हाई टेंशन खंभा नंबर 1 शामिल हैं।
खान ने कहा “ये शिविर सहायता सामग्री इकट्ठा करने के केंद्र के रूप में काम करेंगे।” उन्होंने कहा कि, “हम हर घर से अपील करते हैं कि वे मदद करें, ताकि पंजाब के लोग यह महसूस कर सकें कि इस कठिन समय में पूरा देश उनके साथ खड़ा है।”
सोशल मीडिया पर खान ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब की हमेशा से यह परंपरा रही है कि जब भी देश में कोई आपदा आई, उन्होंने सबसे पहले मदद के लिए हाथ बढ़ाया। उन्होंने याद दिलाया कि किस तरह मुश्किल वक्त में पंजाबी समुदाय ने ओखला और दिल्ली के अन्य हिस्सों के लोगों की मदद की थी।
खान ने लिखा, "इस वक्त पंजाब बाढ़ की मार झेल रहा है।" उन्होंने कहा, "जब भी देश में कहीं कोई आपदा आई, पंजाब के लोग सबसे पहले मदद के लिए आगे आए। आज पंजाब को हमारी जरूरत है। मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि इस कठिन समय में पंजाब का साथ दें।"
खान ने नागरिकों को देश के पहले के संघर्षों में पंजाब के योगदान की भी याद दिलाई। उन्होंने एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग आंदोलन के दौरान सिख और पंजाबी संगठनों की भूमिका का जिक्र किया, जब उन्होंने लंगर सेवा के जरिए खाने की व्यवस्था की थी।
उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली दंगों के दौरान किस तरह पंजाबी समुदाय ने आगे बढ़कर पीड़ित परिवारों की मदद की, बिना किसी धर्म का भेदभाव किए।
खान ने कहा, “शाहीन बाग आंदोलन के दौरान पंजाब की संस्थाओं ने केवल नैतिक समर्थन ही नहीं दिया, बल्कि प्रदर्शनकारियों के लिए लंगर की व्यवस्था भी की।” उन्होंने आगे कहा, “दिल्ली दंगों के समय उनकी मदद सभी समुदायों के पीड़ितों तक पहुंची। आज हमें उसी इंसानियत की भावना से प्रेरित होना चाहिए।”
ओखला विधायक ने जामिया नगर के लोगों, विशेषकर मुसलमानों से अपील की है कि वे इस समय एकजुटता दिखाएं जब पंजाब संकट में है। उन्होंने इसे एक नैतिक और मानवीय कर्तव्य बताया कि हम दुख में पड़े लोगों का मदद करें। खान ने कहा, “पंजाब के लोग हमेशा हमारे साथ रहे हैं। आज उनकी जरूरत है। अब हमारी बारी है उनके साथ खड़े होने की।”
ओखला के स्थानीय लोग भी इस मदद में पुरजोर तरीके से शामिल हो रहे हैं। बाटला हाउस के दुकानदार अब्दुल रशीद ने कहा, “हमें याद है कि प्रदर्शन के दौरान पंजाबी भाइयों ने हमारे लिए लंगर भेजा था। अब हम जरूर उनकी मदद के लिए अपनी तरफ से जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे।”
एक अन्य निवासी शबाना बेगम ने कहा, “यह वक्त है साबित करने का कि इंसानियत सबसे ऊपर है। अमानतुल्लाह साहब बिल्कुल सही हैं; अब पंजाब का मदद करना हमारा कर्तव्य है।” राहत शिविर लगाए जाने के साथ ही ओखला के लोग खाद्य सामग्री, कपड़े और दवाइयों जैसी जरूरी चीजें दान करने की उम्मीद कर रहे हैं। खान ने जोर देकर कहा कि कोई भी मदद छोटा नहीं होता और नागरिकों से इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल होने की अपील की।
खान ने आगे कहा, “जब हम एक साथ खड़े होते हैं, तो कोई भी आपदा हमें हरा नहीं सकती।”
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के बाढ़ प्रभावित सभी 23 जिलों के 2050 गांवों में कुल 3,87,898 व्यक्ति बेघर हो गए हैं जबकि 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य के कई जिलों में अब तक कुल 1,76,980.05 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। बाढ़ के कारण अब तक 48 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि जिला पठानकोट से तीन व्यक्ति लापता हैं।
उधर, अमृतसर में बाढ़ से सीमावर्ती क्षेत्र के 175 सरकारी स्कूलों की इमारतों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचा है। कई स्कूलों की दीवारें गिरने से अंदर पड़ा सारा सामान खराब हो गया।
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पंजाब में बाढ़ के कारण भीषण तबाही जैसी हालत है। कई गांव तबाह हो गए हैं, फसलें पानी में डूब गई हैं और मवेशी बह गए हैं। हजारों परिवार बेघर हो गए हैं। इस संकट के मद्देनज़र, आम आदमी पार्टी (AAP) के ओखला विधायक अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली में एक बड़े राहत अभियान की शुरुआत की है।
खान ने जामिया नगर और आसपास के इलाकों के लोगों से अपील की है कि वे इस मानवीय मिशन में एकजुट होकर भाग लें। उन्होंने ओखला के कई स्थानों पर राहत शिविर स्थापित करने की घोषणा की है, जिनमें जाकिर नगर जामा मस्जिद, बाटला हाउस चौक (सरकारी स्कूल के पास), जामिया मेट्रो स्टेशन (स्वतंत्रता सेनानी फव्वारे के पास) और हाई टेंशन खंभा नंबर 1 शामिल हैं।
खान ने कहा “ये शिविर सहायता सामग्री इकट्ठा करने के केंद्र के रूप में काम करेंगे।” उन्होंने कहा कि, “हम हर घर से अपील करते हैं कि वे मदद करें, ताकि पंजाब के लोग यह महसूस कर सकें कि इस कठिन समय में पूरा देश उनके साथ खड़ा है।”
सोशल मीडिया पर खान ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब की हमेशा से यह परंपरा रही है कि जब भी देश में कोई आपदा आई, उन्होंने सबसे पहले मदद के लिए हाथ बढ़ाया। उन्होंने याद दिलाया कि किस तरह मुश्किल वक्त में पंजाबी समुदाय ने ओखला और दिल्ली के अन्य हिस्सों के लोगों की मदद की थी।
खान ने लिखा, "इस वक्त पंजाब बाढ़ की मार झेल रहा है।" उन्होंने कहा, "जब भी देश में कहीं कोई आपदा आई, पंजाब के लोग सबसे पहले मदद के लिए आगे आए। आज पंजाब को हमारी जरूरत है। मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि इस कठिन समय में पंजाब का साथ दें।"
खान ने नागरिकों को देश के पहले के संघर्षों में पंजाब के योगदान की भी याद दिलाई। उन्होंने एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग आंदोलन के दौरान सिख और पंजाबी संगठनों की भूमिका का जिक्र किया, जब उन्होंने लंगर सेवा के जरिए खाने की व्यवस्था की थी।
उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली दंगों के दौरान किस तरह पंजाबी समुदाय ने आगे बढ़कर पीड़ित परिवारों की मदद की, बिना किसी धर्म का भेदभाव किए।
खान ने कहा, “शाहीन बाग आंदोलन के दौरान पंजाब की संस्थाओं ने केवल नैतिक समर्थन ही नहीं दिया, बल्कि प्रदर्शनकारियों के लिए लंगर की व्यवस्था भी की।” उन्होंने आगे कहा, “दिल्ली दंगों के समय उनकी मदद सभी समुदायों के पीड़ितों तक पहुंची। आज हमें उसी इंसानियत की भावना से प्रेरित होना चाहिए।”
ओखला विधायक ने जामिया नगर के लोगों, विशेषकर मुसलमानों से अपील की है कि वे इस समय एकजुटता दिखाएं जब पंजाब संकट में है। उन्होंने इसे एक नैतिक और मानवीय कर्तव्य बताया कि हम दुख में पड़े लोगों का मदद करें। खान ने कहा, “पंजाब के लोग हमेशा हमारे साथ रहे हैं। आज उनकी जरूरत है। अब हमारी बारी है उनके साथ खड़े होने की।”
ओखला के स्थानीय लोग भी इस मदद में पुरजोर तरीके से शामिल हो रहे हैं। बाटला हाउस के दुकानदार अब्दुल रशीद ने कहा, “हमें याद है कि प्रदर्शन के दौरान पंजाबी भाइयों ने हमारे लिए लंगर भेजा था। अब हम जरूर उनकी मदद के लिए अपनी तरफ से जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे।”
एक अन्य निवासी शबाना बेगम ने कहा, “यह वक्त है साबित करने का कि इंसानियत सबसे ऊपर है। अमानतुल्लाह साहब बिल्कुल सही हैं; अब पंजाब का मदद करना हमारा कर्तव्य है।” राहत शिविर लगाए जाने के साथ ही ओखला के लोग खाद्य सामग्री, कपड़े और दवाइयों जैसी जरूरी चीजें दान करने की उम्मीद कर रहे हैं। खान ने जोर देकर कहा कि कोई भी मदद छोटा नहीं होता और नागरिकों से इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल होने की अपील की।
खान ने आगे कहा, “जब हम एक साथ खड़े होते हैं, तो कोई भी आपदा हमें हरा नहीं सकती।”
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के बाढ़ प्रभावित सभी 23 जिलों के 2050 गांवों में कुल 3,87,898 व्यक्ति बेघर हो गए हैं जबकि 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य के कई जिलों में अब तक कुल 1,76,980.05 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। बाढ़ के कारण अब तक 48 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि जिला पठानकोट से तीन व्यक्ति लापता हैं।
उधर, अमृतसर में बाढ़ से सीमावर्ती क्षेत्र के 175 सरकारी स्कूलों की इमारतों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचा है। कई स्कूलों की दीवारें गिरने से अंदर पड़ा सारा सामान खराब हो गया।
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