मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, राज्य के स्थानीय स्वशासन मंत्री एम. बी. राजेश ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के उस व्यक्ति पर “बांग्लादेशी होने का आरोप लगाकर हमला किया गया।”

केरल की वामपंथी सरकार ने सोमवार, 22 दिसंबर को आरोप लगाया कि 17 दिसंबर को पलक्कड़ में जिस छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर की पीट-पीटकर हत्या की गई थी, वह “संघ परिवार की नफरत की राजनीति का शिकार” था। द इंडियन एक्सप्रेस ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की।
31 वर्षीय रामनारायण बघेल छत्तीसगढ़ के चंपा जिले का रहने वाला था और 13 दिसंबर को केरल आया था। चोरी के संदेह में अट्टापल्लम गांव में उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल घटना के एक वीडियो में हमलावरों को बघेल से यह पूछते हुए सुना जा सकता है, “क्या तुम बांग्लादेशी हो?”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केरल के स्थानीय स्वशासन मंत्री एम. बी. राजेश ने कहा कि बघेल पर “बांग्लादेशी होने का आरोप लगाकर हमला किया गया।” पलक्कड़ से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के नेता राजेश ने आरोप लगाया कि हमलावरों में RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के कार्यकर्ता शामिल थे, जिन पर अन्य मामलों में भी आपराधिक आरोप हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केरल में RSS की बड़ी संख्या में शाखाएं हैं और हाल के दिनों में उसके राजनीतिक संगठन, भारतीय जनता पार्टी (BJP), ने स्थानीय चुनावों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है—यहां तक कि तिरुवनंतपुरम में भी जीत दर्ज की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, राजेश ने कहा, “नौकरी की तलाश में आए एक प्रवासी मजदूर को परेशान किया गया और उस पर हमला किया गया। उस पर बांग्लादेशी होने का आरोप लगाया गया। वह देश में संघ परिवार द्वारा फैलाई जा रही नस्लीय नफरत का शिकार है।”
अखबार के अनुसार, इस हत्या के बाद पिछले गुरुवार को केरल पुलिस ने मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया और उन पर हत्या का आरोप लगाया। इस बीच, द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित बघेल के परिवार ने रविवार को त्रिशूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शव लेने से इनकार कर दिया। परिवार ने 25 लाख रुपये के मुआवजे और राज्य सरकार से शव को उनके गांव तक पहुंचाने का खर्च उठाने की मांग की। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को केरल सरकार ने परिवार को कम से कम 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आश्वासन दिया।
पलक्कड़ के पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार ने बताया कि मामले की जांच के लिए उप-पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधान भी लागू किए जाएंगे।
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31 वर्षीय रामनारायण बघेल छत्तीसगढ़ के चंपा जिले का रहने वाला था और 13 दिसंबर को केरल आया था। चोरी के संदेह में अट्टापल्लम गांव में उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल घटना के एक वीडियो में हमलावरों को बघेल से यह पूछते हुए सुना जा सकता है, “क्या तुम बांग्लादेशी हो?”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केरल के स्थानीय स्वशासन मंत्री एम. बी. राजेश ने कहा कि बघेल पर “बांग्लादेशी होने का आरोप लगाकर हमला किया गया।” पलक्कड़ से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के नेता राजेश ने आरोप लगाया कि हमलावरों में RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के कार्यकर्ता शामिल थे, जिन पर अन्य मामलों में भी आपराधिक आरोप हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केरल में RSS की बड़ी संख्या में शाखाएं हैं और हाल के दिनों में उसके राजनीतिक संगठन, भारतीय जनता पार्टी (BJP), ने स्थानीय चुनावों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है—यहां तक कि तिरुवनंतपुरम में भी जीत दर्ज की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, राजेश ने कहा, “नौकरी की तलाश में आए एक प्रवासी मजदूर को परेशान किया गया और उस पर हमला किया गया। उस पर बांग्लादेशी होने का आरोप लगाया गया। वह देश में संघ परिवार द्वारा फैलाई जा रही नस्लीय नफरत का शिकार है।”
अखबार के अनुसार, इस हत्या के बाद पिछले गुरुवार को केरल पुलिस ने मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया और उन पर हत्या का आरोप लगाया। इस बीच, द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित बघेल के परिवार ने रविवार को त्रिशूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शव लेने से इनकार कर दिया। परिवार ने 25 लाख रुपये के मुआवजे और राज्य सरकार से शव को उनके गांव तक पहुंचाने का खर्च उठाने की मांग की। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को केरल सरकार ने परिवार को कम से कम 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आश्वासन दिया।
पलक्कड़ के पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार ने बताया कि मामले की जांच के लिए उप-पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधान भी लागू किए जाएंगे।
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