सरकारी अफसरों के जांच पैनल का खुलासा, रमन सिंह के दामाद ने किया 50 करोड़ का गबन

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 25, 2019
छत्तीसगढ़ में विधानसभा में करारी हार मिलने के बाद से भाजपा को प्रदेश में कड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। नई भूपेश बघेल सरकार ने अब पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रमन सिंह दामाद पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है।



द इंडियान एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ सरकार की तीन सदस्यीय पैनल ने रायपुर के दाऊ कल्याण सिंह सरकारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में वित्तीय अनियमितता, बिना आधिकारिक अनुमोदन, ओवरस्पीडिंग और झूठी ऑडिट रिपोर्ट पेश कर करोड़ों के व्यय का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट पेश की गई है।  

18 पेज की यह रिपोर्ट उस रिपोर्ट पर आधारित है जिसमें छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले सप्ताह  रमन सिंह के दामाद डॉ पुनीत गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुनीत गुप्ता जनवरी 2016 से जनवरी 2019 तक डीकेएस हॉस्पिटल के अक्षीक्षक के रूप में किया। हालांकि कांग्रेस ने जब उन्हें बाहर किया तो बाद में उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। 

बता दें कि पुलिस ने 16 मार्च को गुप्ता पर 50 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता (गबन) का आरोप लगाया और उनके खिलाफ आपराधिक साजिश, जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया। केस नए डीकेएस अक्षीक्षक डॉक्टर केके सहारे द्वारा पुलिस में दी शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया, जिन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया है।

जानना चाहिए कि डॉक्टर सहारे की शिकायत विस्तार से जांच रिपोर्ट का हवाला देती है और कहती है कि यह 8 मार्च को समिति द्वारा जांच करने और अस्पताल में निविदा प्रक्रिया में शामिल लोगों से बात करने के बाद प्रस्तुत की गई थी। 

शिकायत में आरोप लगाया कि पूर्व हॉस्पिटल अक्षीक्षक डॉक्टर पुनीत गुप्ता ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। जनता के पचास करोड़ रुपए संग धोखाधड़ी करने क लिए उन्होंने अपनी पहुंच का इस्तेमाल किया। खुद और दूसरे लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए जाली दस्तावेज और एक नकली ऑडिट रिपोर्ट तैयार की। डॉक्टर गुप्ता ने सरकारी नियमों का उल्लंघन किया। उन्होंने अयोग्य लोगों को नियुक्त किया और वित्तीय साक्ष्य भी छिपाए।

वहीं रायपुर के एसएसपी आरिफ शेख ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि मामले में जांच चल रही है। इसके अलावा जांच कमेटी में शामिल संयुक्त सचिव प्रियंका शुक्ला से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया, हमने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इसके अलावा मैं अन्य मामले में टिप्पणी नहीं करना चाहूंगीं। 

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