"2014-15 से 2023-24 तक के बीते एक दशक में सरकारी स्कूलों की संख्या में 8% की कमी आई है, लेकिन निजी स्कूलों की संख्या में 14.9% की वृद्धि हुई है। 2014-15 में देश में 11,07,101 में से 2023-24 में 89,441 सरकारी स्कूल घटकर 10,17,660 रह गए हैं और इसी अवधि में निजी स्कूलों की संख्या 2,88,164 से 42,944 बढ़कर 3,31,108 तक हो गई है।"
प्रतीकात्मक तस्वीर; साभार :पीटीआई
"पिछले एक दशक में सरकारी स्कूलों की संख्या में मध्य प्रदेश में 29,410 और उत्तर प्रदेश में 25,126 की कमी आई जो देश में बंद हुए सरकारी स्कूलों की कुल संख्या 89,441 का 60.9% है। दूसरी ओर, निजी स्कूल 14.9% बढ़े हैं। अकेले यूपी में 19,305 निजी स्कूलों की वृद्धि हुई, जो देश में बढ़े निजी स्कूलों की कुल संख्या 42,944 का 44.9% है।"
सरकार ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि 2014-15 से 2023-24 तक के बीते एक दशक में सरकारी स्कूलों की संख्या में 8% की कमी आई है, लेकिन निजी स्कूलों की संख्या में 14.9% की वृद्धि हुई है। 2014-15 में देश में 11,07,101 में से 2023-24 में 89,441 सरकारी स्कूल घटकर 10,17,660 रह गए हैं और इसी अवधि में निजी स्कूलों की संख्या 2,88,164 से 42,944 बढ़कर 3,31,108 तक हो गई है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में 29,410 और उत्तर प्रदेश में 25,126 की कमी आई है जो कुल मिलाकर सरकारी स्कूलों की संख्या में हुई 89,441 की कमी का 60.9% है। जबकि अकेले उत्तर प्रदेश में 19,305 निजी स्कूलों की वृद्धि हुई, जो देश में निजी स्कूलों की संख्या में हुई कुल 42,944 की वृद्धि का 44.9% है।
मध्य प्रदेश, 2014-15 में 1,21,849 में से 2023-24 में 92,439 तक की 24.1% की गिरावट के साथ उन 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में सबसे ऊपर है, जिन्होंने सरकारी स्कूलों में गिरावट के राष्ट्रीय प्रतिशत को पार कर लिया है। यह जानकारी शिक्षा राज्य मंत्री (MoS) जयंत चौधरी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चलती है, जो उन्होंने पश्चिम बंगाल के हुगली से लोकसभा सांसद रचना बनर्जी द्वारा पूछे गए स्कूलों के बंद होने और विलय से संबंधित सवालों के जवाब में दी है।
मध्य प्रदेश के बाद जम्मू-कश्मीर का स्थान है, जहां सरकारी स्कूलों की संख्या 2014-15 में 23,874 से 21.4% घटकर 2023-24 में 18,758 रह गई है। इसी अवधि में, ओडिशा के सरकारी स्कूलों की संख्या 58,697 से 17.1% घटकर 48,671 रह गई है। अरुणाचल प्रदेश के स्कूलों की संख्या 3,408 से 16.4% घटकर 2,847, उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की संख्या 1,62,228 से 15.5% घटकर 1,37,102 पर, झारखंड में 41,322 से 13.4% घटकर 35,795 रह गई है। नागालैंड में 2,279 से 1,952 पर 14.4% की गिरावट देखी गई; गोवा में स्कूलों की संख्या 12.9% घटकर 906 में से 789 रह गई है जबकि उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों की संख्या 8.7% घटकर 17,753 में से 16,201 रह गई। इस बीच अच्छी खबर बिहार से है जहां सरकारी स्कूलों की संख्या 2014-15 में 74,291 से 5% बढ़कर 2023-24 में 78,120 हो गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि मंत्री ने सरकारी स्कूलों की संख्या में गिरावट का कारण नहीं बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची में है और "स्कूलों को खोलना, बंद करना और युक्तिसंगत बनाना संबंधित राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में है।" उन्होंने कहा, "बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम- 2009 बच्चों को निर्धारित क्षेत्र या पड़ोस की सीमाओं के भीतर प्राथमिक विद्यालयों तक पहुंच प्रदान करता है। आरटीई अधिनियम की धारा 6 के अनुसरण में, सभी राज्यों ने अपने पड़ोस के मानदंडों के क्षेत्र या सीमाओं को अधिसूचित किया है।" शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 6 के अनुसार सरकार और स्थानीय प्राधिकारियों को बच्चों के घरों से एक निश्चित दूरी के भीतर स्कूल स्थापित करना आवश्यक है। इससे पहले नवंबर 2023 में नीति आयोग ने एक रिपोर्ट में स्कूलों के विलय, शिक्षकों की संख्या में वृद्धि और शिक्षक शिक्षा में सुधार को सीखने के परिणामों को बढ़ाने के लिए आवश्यक उपायों के तौर पर रेखांकित किया था।
निजी स्कूलों की बात करें तो 10 राज्यों ने निजी स्कूलों की संख्या में राष्ट्रीय वृद्धि के 14.9% प्रतिशत को पार कर लिया है, जिसमें बिहार सबसे आगे है, जहां 2014-15 में निजी स्कूलों की संख्या 3,284 से बढ़कर 2023-24 में 9,167 हो गई है, जो 179.14% है। इसी अवधि में, ओडिशा के निजी स्कूलों की संख्या 3,350 से बढ़कर 6,042 हो गई, जो 80.36% की वृद्धि है। उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों की संख्या 77,330 से बढ़कर 96,635 हो गई है, जो 24.96% की वृद्धि है।
इस बीच, तीन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में निजी स्कूलों की संख्या में कमी आई है, जिनमें सबसे अधिक 5.36% की गिरावट मेघालय में आई है, जो 2,274 से घटकर 2,152 हो गई है; दिल्ली में 2.88% की गिरावट के साथ निजी स्कूलों की संख्या 2,641 से घटकर 2,565 हो गई है, तथा हिमाचल प्रदेश में 0.27% की गिरावट के साथ निजी स्कूलों की संख्या 2,614 से घटकर 2,607 हो गई है।
प्रतीकात्मक तस्वीर; साभार :पीटीआई
"पिछले एक दशक में सरकारी स्कूलों की संख्या में मध्य प्रदेश में 29,410 और उत्तर प्रदेश में 25,126 की कमी आई जो देश में बंद हुए सरकारी स्कूलों की कुल संख्या 89,441 का 60.9% है। दूसरी ओर, निजी स्कूल 14.9% बढ़े हैं। अकेले यूपी में 19,305 निजी स्कूलों की वृद्धि हुई, जो देश में बढ़े निजी स्कूलों की कुल संख्या 42,944 का 44.9% है।"
सरकार ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि 2014-15 से 2023-24 तक के बीते एक दशक में सरकारी स्कूलों की संख्या में 8% की कमी आई है, लेकिन निजी स्कूलों की संख्या में 14.9% की वृद्धि हुई है। 2014-15 में देश में 11,07,101 में से 2023-24 में 89,441 सरकारी स्कूल घटकर 10,17,660 रह गए हैं और इसी अवधि में निजी स्कूलों की संख्या 2,88,164 से 42,944 बढ़कर 3,31,108 तक हो गई है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में 29,410 और उत्तर प्रदेश में 25,126 की कमी आई है जो कुल मिलाकर सरकारी स्कूलों की संख्या में हुई 89,441 की कमी का 60.9% है। जबकि अकेले उत्तर प्रदेश में 19,305 निजी स्कूलों की वृद्धि हुई, जो देश में निजी स्कूलों की संख्या में हुई कुल 42,944 की वृद्धि का 44.9% है।
मध्य प्रदेश, 2014-15 में 1,21,849 में से 2023-24 में 92,439 तक की 24.1% की गिरावट के साथ उन 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में सबसे ऊपर है, जिन्होंने सरकारी स्कूलों में गिरावट के राष्ट्रीय प्रतिशत को पार कर लिया है। यह जानकारी शिक्षा राज्य मंत्री (MoS) जयंत चौधरी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चलती है, जो उन्होंने पश्चिम बंगाल के हुगली से लोकसभा सांसद रचना बनर्जी द्वारा पूछे गए स्कूलों के बंद होने और विलय से संबंधित सवालों के जवाब में दी है।
मध्य प्रदेश के बाद जम्मू-कश्मीर का स्थान है, जहां सरकारी स्कूलों की संख्या 2014-15 में 23,874 से 21.4% घटकर 2023-24 में 18,758 रह गई है। इसी अवधि में, ओडिशा के सरकारी स्कूलों की संख्या 58,697 से 17.1% घटकर 48,671 रह गई है। अरुणाचल प्रदेश के स्कूलों की संख्या 3,408 से 16.4% घटकर 2,847, उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की संख्या 1,62,228 से 15.5% घटकर 1,37,102 पर, झारखंड में 41,322 से 13.4% घटकर 35,795 रह गई है। नागालैंड में 2,279 से 1,952 पर 14.4% की गिरावट देखी गई; गोवा में स्कूलों की संख्या 12.9% घटकर 906 में से 789 रह गई है जबकि उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों की संख्या 8.7% घटकर 17,753 में से 16,201 रह गई। इस बीच अच्छी खबर बिहार से है जहां सरकारी स्कूलों की संख्या 2014-15 में 74,291 से 5% बढ़कर 2023-24 में 78,120 हो गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि मंत्री ने सरकारी स्कूलों की संख्या में गिरावट का कारण नहीं बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची में है और "स्कूलों को खोलना, बंद करना और युक्तिसंगत बनाना संबंधित राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में है।" उन्होंने कहा, "बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम- 2009 बच्चों को निर्धारित क्षेत्र या पड़ोस की सीमाओं के भीतर प्राथमिक विद्यालयों तक पहुंच प्रदान करता है। आरटीई अधिनियम की धारा 6 के अनुसरण में, सभी राज्यों ने अपने पड़ोस के मानदंडों के क्षेत्र या सीमाओं को अधिसूचित किया है।" शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 6 के अनुसार सरकार और स्थानीय प्राधिकारियों को बच्चों के घरों से एक निश्चित दूरी के भीतर स्कूल स्थापित करना आवश्यक है। इससे पहले नवंबर 2023 में नीति आयोग ने एक रिपोर्ट में स्कूलों के विलय, शिक्षकों की संख्या में वृद्धि और शिक्षक शिक्षा में सुधार को सीखने के परिणामों को बढ़ाने के लिए आवश्यक उपायों के तौर पर रेखांकित किया था।
निजी स्कूलों की बात करें तो 10 राज्यों ने निजी स्कूलों की संख्या में राष्ट्रीय वृद्धि के 14.9% प्रतिशत को पार कर लिया है, जिसमें बिहार सबसे आगे है, जहां 2014-15 में निजी स्कूलों की संख्या 3,284 से बढ़कर 2023-24 में 9,167 हो गई है, जो 179.14% है। इसी अवधि में, ओडिशा के निजी स्कूलों की संख्या 3,350 से बढ़कर 6,042 हो गई, जो 80.36% की वृद्धि है। उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों की संख्या 77,330 से बढ़कर 96,635 हो गई है, जो 24.96% की वृद्धि है।
इस बीच, तीन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में निजी स्कूलों की संख्या में कमी आई है, जिनमें सबसे अधिक 5.36% की गिरावट मेघालय में आई है, जो 2,274 से घटकर 2,152 हो गई है; दिल्ली में 2.88% की गिरावट के साथ निजी स्कूलों की संख्या 2,641 से घटकर 2,565 हो गई है, तथा हिमाचल प्रदेश में 0.27% की गिरावट के साथ निजी स्कूलों की संख्या 2,614 से घटकर 2,607 हो गई है।