एक तरफ भारी बारिश और बाढ़ के कारण देश के कई हिस्से तबाह हो रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी के शासन वाले राजस्थान में कई जगह पीने का पानी का संकट बना हुआ है। करौली जिले में तो एक दर्जन से ज्यादा गांवों में पीने का साफ पानी नहीं मिल पा रहा है और पानी को लेकर लोगों के बीच गोलियां चलने की नौबत आ चुकी है।
पत्रिका के अनुसार, टोडाभीम के तिघरिया (मोहन का पुरा) में दो पक्षों में पानी को बंद करने को लेकर झगड़ा हो गया। इसके बाद पथराव और फिर फायरिंग त हो गई। रास्ते से निकलने वाले पानी के इस झगड़े में 2 लोग घायल होकर अस्पताल में भर्ती हैं।
(स्त्रोत: पत्रिका)
दरअसल गांव के आम रास्ते से घरों से निकलने वाला गंदा पानी जाता है। इसको गांव के एक व्यक्ति ने बंद कर दिया जिसके बाद रविवार सुबह उसकी दूसरे पक्ष से बहस हो गई। शाम को रास्ता बंद करने वाला व्यक्ति अपने परिजनों के साथ हथियार लेकर गजराज के घर पहुंच गया और पथराव करते हुए उस पर हमला कर दिया। इस दौरान दो आरोपियों ने बंदूक से फायर भी किए। इसमें गजराज सिंह और पप्पूराम घायल हो गए। दोनों घायलों का अस्पताल में उपचार चल रहा है।
पानी का संकट सांकरवाड़ा में भी बना हुआ है। टोडाभीम उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत सांकरवाड़ा की बैरवा बस्ती में पेयजल समस्या को लेकर महिलाओं ने खाली बर्तन लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता कार्यालय पर हंगामा किया।
महिलाओं ने चेतावनी दी कि दो दिन में पेयजल समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे सहायक अभियंता कार्यालय का घेराव करेंगी। महिलाओं का कहना है कि पीने के पानी के लिए उन्हें दूसरे मोहल्ले जाना पड़ता गहै। पूर्व पंचायत समिति सदस्य हरकेश मीना ने कहा कि माली मोहल्ले, बस स्टैण्ड, मुख्य बाजार, झंडा चौराहा, न्यू कॉलोनी आदि में गत पांच दिनों से नलों में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो रही है। इससे लोगों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। कस्बे में ज्यादातर हैण्डपंप खराब हैं।
यही हाल ढहरिया पंचायत के उजिरना गांव का है जहां लोग गंदा पानी पीकर बीमार पड़ रहे हैं। जलदाय विभाग की करीब 3 करोड़ रुपए की पेयजल योजना भी लोगों को राहत नहीं पहुंचा पा रही है। लोग खाज, खुजली, पेट दर्द सहित अन्य चर्म रोगों के शिकार हो रहे हैं।
पत्रिका के अनुसार, टोडाभीम के तिघरिया (मोहन का पुरा) में दो पक्षों में पानी को बंद करने को लेकर झगड़ा हो गया। इसके बाद पथराव और फिर फायरिंग त हो गई। रास्ते से निकलने वाले पानी के इस झगड़े में 2 लोग घायल होकर अस्पताल में भर्ती हैं।
(स्त्रोत: पत्रिका)
दरअसल गांव के आम रास्ते से घरों से निकलने वाला गंदा पानी जाता है। इसको गांव के एक व्यक्ति ने बंद कर दिया जिसके बाद रविवार सुबह उसकी दूसरे पक्ष से बहस हो गई। शाम को रास्ता बंद करने वाला व्यक्ति अपने परिजनों के साथ हथियार लेकर गजराज के घर पहुंच गया और पथराव करते हुए उस पर हमला कर दिया। इस दौरान दो आरोपियों ने बंदूक से फायर भी किए। इसमें गजराज सिंह और पप्पूराम घायल हो गए। दोनों घायलों का अस्पताल में उपचार चल रहा है।
पानी का संकट सांकरवाड़ा में भी बना हुआ है। टोडाभीम उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत सांकरवाड़ा की बैरवा बस्ती में पेयजल समस्या को लेकर महिलाओं ने खाली बर्तन लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता कार्यालय पर हंगामा किया।
महिलाओं ने चेतावनी दी कि दो दिन में पेयजल समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे सहायक अभियंता कार्यालय का घेराव करेंगी। महिलाओं का कहना है कि पीने के पानी के लिए उन्हें दूसरे मोहल्ले जाना पड़ता गहै। पूर्व पंचायत समिति सदस्य हरकेश मीना ने कहा कि माली मोहल्ले, बस स्टैण्ड, मुख्य बाजार, झंडा चौराहा, न्यू कॉलोनी आदि में गत पांच दिनों से नलों में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो रही है। इससे लोगों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। कस्बे में ज्यादातर हैण्डपंप खराब हैं।
यही हाल ढहरिया पंचायत के उजिरना गांव का है जहां लोग गंदा पानी पीकर बीमार पड़ रहे हैं। जलदाय विभाग की करीब 3 करोड़ रुपए की पेयजल योजना भी लोगों को राहत नहीं पहुंचा पा रही है। लोग खाज, खुजली, पेट दर्द सहित अन्य चर्म रोगों के शिकार हो रहे हैं।