श्रीनगर। पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरियों को दी जा रही धमकियों की खबरों के मद्देनजर श्रीनगर स्थित सीआरपीएफ हेल्पलाइन ने शनिवार को उनसे कहा कि वे किसी भी तरह के उत्पीड़न के मामले में उनसे संपर्क करें। सीआरपीएफ ने कहा है कि वह प्रदेश के लोगों की हरसंभव मदद को पूरी तरह तैयार हैं।
सीआरपीएफ 'मददगार' हेल्पलाइन ने इस सिलसिले में एक ट्वीट कर कहा है कि इस समय राज्य से बाहर कश्मीरी छात्र और आम लोग उसके ट्विटर हैंडल @CRPFmadadgaar पर संपर्क कर सकते हैं। किसी भी कठिनाई या उत्पीड़न का सामना करने में शीघ्र सहायता के लिए वे 24 घंटे टोल फ्री नंबर 14411 या 7082814411 पर एसएमएस कर सकते हैं।
आपको बता दें कि 16 जून 2017 को सीआरपीएफ की तरफ से मददगार हेल्पलाइन की शुरुआत की गई थी। इस हेल्पलाइन के माध्यम से शुरुआती दौर में जम्मू-कश्मीर में रहने वाले लोगों की मदद शुरू की गई थी। चाहे पानी की समस्या हो या फिर बिजली की, घरेलू हिंसा की समस्या हो या फिर मेडिकल संबंधी कोई दिक्कत, दहेज प्रताड़ना हो या किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा, 'मददगार' के जरिए हर तरह के मामलों में सीआरपीएफ जवान मदद करने पहुंच जाते हैं।
गौरतलब है कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद देश के अलग-अलग हिस्से में रह रहे कश्मीरी छात्रों-नागरिकों को आम लोगों के रोष का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को ऐसा ही एक मामला अंबाला के मुलाना गांव से सामने आया था, जहां महर्षि मारकंडेश्वर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों को 24 घंटे में गांव छोड़ने की चेतावनी दी गई थी। गांव के सरपंच का आरोप है कि इन छात्रों के तार आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा भी कई जगह से ऐसे मामले सामने आए थे, जहां कश्मीरियों को डराया-धमकाया जा रहा है। वहीं बिहार में भी कश्मीरियों को धमकाने का मामला सामने आया था।
इसके साथ ही सीआरपीएफ ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों से सावधान रहने की सलाह दी है। सीआरपीएफ ने ट्वीट किया है....
सीआरपीएफ 'मददगार' हेल्पलाइन ने इस सिलसिले में एक ट्वीट कर कहा है कि इस समय राज्य से बाहर कश्मीरी छात्र और आम लोग उसके ट्विटर हैंडल @CRPFmadadgaar पर संपर्क कर सकते हैं। किसी भी कठिनाई या उत्पीड़न का सामना करने में शीघ्र सहायता के लिए वे 24 घंटे टोल फ्री नंबर 14411 या 7082814411 पर एसएमएस कर सकते हैं।
आपको बता दें कि 16 जून 2017 को सीआरपीएफ की तरफ से मददगार हेल्पलाइन की शुरुआत की गई थी। इस हेल्पलाइन के माध्यम से शुरुआती दौर में जम्मू-कश्मीर में रहने वाले लोगों की मदद शुरू की गई थी। चाहे पानी की समस्या हो या फिर बिजली की, घरेलू हिंसा की समस्या हो या फिर मेडिकल संबंधी कोई दिक्कत, दहेज प्रताड़ना हो या किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा, 'मददगार' के जरिए हर तरह के मामलों में सीआरपीएफ जवान मदद करने पहुंच जाते हैं।
गौरतलब है कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद देश के अलग-अलग हिस्से में रह रहे कश्मीरी छात्रों-नागरिकों को आम लोगों के रोष का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को ऐसा ही एक मामला अंबाला के मुलाना गांव से सामने आया था, जहां महर्षि मारकंडेश्वर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों को 24 घंटे में गांव छोड़ने की चेतावनी दी गई थी। गांव के सरपंच का आरोप है कि इन छात्रों के तार आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा भी कई जगह से ऐसे मामले सामने आए थे, जहां कश्मीरियों को डराया-धमकाया जा रहा है। वहीं बिहार में भी कश्मीरियों को धमकाने का मामला सामने आया था।
इसके साथ ही सीआरपीएफ ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों से सावधान रहने की सलाह दी है। सीआरपीएफ ने ट्वीट किया है....