फिर असफल हुई मोदी सरकार की विदेश नीति, UN में चीन ने फिर मसूद अजहर को बचाया

Written by Girish Malviya | Published on: March 14, 2019
एक बार फिर विदेशों में मोदी जी का डंका बजा ओर ऐसा बजा कि नगाड़ा ही फूट गया .......जरा याद कीजिए कि पिछली बार साबरमती के तट पर चीनी राष्ट्रपति को कैसे झूला झुलाया जा रहा था आज जिंग पिंग की बारी थी इस बार उन्होंने भी झूला दे दिया.



आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को एक बार फिर UN में वैश्विक आतंकी घोषित नहीं किया जा सका क्योकि चीन ने फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा मसूद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाए गए प्रस्ताव के खिलाफ बुधवार को वीटो लगा दिया.......

मोदी सरकार की UN में यह लगातार तीसरी नाकामी हैं सरकार ने सबसे पहले 2016 में मसूद को वैश्विक आतंकी मानने का प्रस्ताव रखा चीन ने पहले मार्च 2016 ओर फिर अक्तूबर 2016 में भारत की कोशिशों को नाकाम कर दिया। 2017 में एक बार फिर अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस की मदद से प्रस्ताव रखा लेकिन इस में चीन ने वीटो लगा दिया।

मोदी चार साल में चीन के चार चक्कर लगा चुके हैं तो आखिरकार क्या यह पूछा नही जाना चाहिए कि मोदी जब बार बार चीन दौरे करते हैं उसका क्या फायदा हुआ? चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अति महत्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट रोड इनिशिएटिव पर हमने क्या कड़े कदम उठाए हैं?

चीनी कम्पनियों को जो हर तरह की सुविधा दी जा रही हैं वह क्यो दी जा रही हैं? आज मोबाइल का मार्केट पूरी तरह से चीन के कब्जे में जा चुका है जहाँ देखिए वहाँ बाज़ार ओप्पो वीवो।जैसे चाइनीज ब्रांड का माल मिलता है लावा माइक्रोमैक्स सरीखी कंपनियां बंद जैसी ही हो गयी हैं आज यही से पैसा जाता है और बदले में चीन हमे आँखे लाल कर के दिखाता है........

अब मोदीजी चीन के लिए ऑटोमोबाइल सेक्टर भी खोल रहे है, चीन से आयात रिकार्ड हाई पर पुहंच गया है और निर्यात कम होता जा रहा है चीन के साथ व्यापार घाटा देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत भारी पड़ रहा है, उसके बावजूद भारत चीन पर प्रेशर नही डाल पा रहा है तो यह मोदीजी की विदेश नीति की असफलता क्यो नही मानी जाए?

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