प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार अपनी उजाला योजना की तारीफों के पुल बांध रही है, लेकिन उन्हीं के दल के शासन वाले छत्तीसगढ़ में उजाला योजना बुरी तरह नाकाम हो गई है।
इस योजना के तहत जिस कंपनी ने एलईडी बल्ब बेचे हैं, उनकी तीन साल की गारंटी है और तीन साल के पहले कोई एलईडी बल्ब फ्यूज होता है तो उसे कंपनी के सेंटरों पर जाकर बदलवाया जा सकता है, लेकिन एलईडी बल्ब बेचने वाली कंपनी ईईएसएल कंपनी ने प्रदेश में एक करोड़ 36 लाख तीन हजार 474 एलईडी बल्ब बेचने के बाद अपने 99 प्रतिशत सेंटर बंद कर दिए हैं।
हालात ये हो गए हैं कि बल्ब फ्यूज होने पर लोग उन्हें वापस नहीं कर पा रहे हैं, और बल्ब वापस करने का उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है।
नईदुनिया की रिपोर्ट के मुताबिक, केन्द्र सरकार ने ही ईईएसएल (एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड कंपनी) को बल्ब वितरण का जिम्मा दिया था, लेकिन इस कंपनी ने केवल बल्ब बेचने में ही दिलचस्पी ली, और बल्बों की गारंटी देने से पल्ला झाड़ चुकी है।
एजेंसी के बल्बों की गुणवत्ता भी खराब है और बल्ब समय से पहले ही फ्यूज हो रहे हैं, लेकिन बल्ब बदलने का कोई इंतजाम नहीं है। लोग बिजली दफ्तर और नगर निगम कार्यालय जाते हैं, लेकिन उनके पास कोई जवाब है ही नहीं।
रायपुर में बिजली विभाग के बूढ़ापारा कार्यालय में कंपनी की तरफ से अब भी रोज 130 बल्ब बेचे जा रहे हैं, लेकिन अब लेने वालों से ज्यादा फ्यूज बल्ब वापस करने वाले आ रहे हैं।
यहां तक कि बिजली विभाग के मुख्यालय में भी एलईडी बल्ब का काउंटर नहीं लगा है। अधिकारियों का कहना है कि एजेंसी बल्ब नहीं बदल रही है।
केन्द्र सरकार ने जल्द से जल्द देश के हर घर में एलईडी बल्ब पहुंचाने के इरादे से अप्रैल 2016 में उजाला योजना शुरू की थी और इसके तहत सस्ती दरों पर एलईडी बल्बों का वितरण शुरू किया था। एलईडी बल्ब बाजार से 40 प्रतिशत सस्ती दरों पर दिए जा रहे हैं, और बीपीएल कार्डधारियों को तीन-तीन एलईडी बल्ब मुफ्त में बांटे गए हैं। अब ये सारे लोग अपने फ्यूज बल्ब बदलवाने के लिए परेशान हो रहे हैं।
इस योजना के तहत जिस कंपनी ने एलईडी बल्ब बेचे हैं, उनकी तीन साल की गारंटी है और तीन साल के पहले कोई एलईडी बल्ब फ्यूज होता है तो उसे कंपनी के सेंटरों पर जाकर बदलवाया जा सकता है, लेकिन एलईडी बल्ब बेचने वाली कंपनी ईईएसएल कंपनी ने प्रदेश में एक करोड़ 36 लाख तीन हजार 474 एलईडी बल्ब बेचने के बाद अपने 99 प्रतिशत सेंटर बंद कर दिए हैं।
हालात ये हो गए हैं कि बल्ब फ्यूज होने पर लोग उन्हें वापस नहीं कर पा रहे हैं, और बल्ब वापस करने का उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है।
नईदुनिया की रिपोर्ट के मुताबिक, केन्द्र सरकार ने ही ईईएसएल (एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड कंपनी) को बल्ब वितरण का जिम्मा दिया था, लेकिन इस कंपनी ने केवल बल्ब बेचने में ही दिलचस्पी ली, और बल्बों की गारंटी देने से पल्ला झाड़ चुकी है।
एजेंसी के बल्बों की गुणवत्ता भी खराब है और बल्ब समय से पहले ही फ्यूज हो रहे हैं, लेकिन बल्ब बदलने का कोई इंतजाम नहीं है। लोग बिजली दफ्तर और नगर निगम कार्यालय जाते हैं, लेकिन उनके पास कोई जवाब है ही नहीं।
रायपुर में बिजली विभाग के बूढ़ापारा कार्यालय में कंपनी की तरफ से अब भी रोज 130 बल्ब बेचे जा रहे हैं, लेकिन अब लेने वालों से ज्यादा फ्यूज बल्ब वापस करने वाले आ रहे हैं।
यहां तक कि बिजली विभाग के मुख्यालय में भी एलईडी बल्ब का काउंटर नहीं लगा है। अधिकारियों का कहना है कि एजेंसी बल्ब नहीं बदल रही है।
केन्द्र सरकार ने जल्द से जल्द देश के हर घर में एलईडी बल्ब पहुंचाने के इरादे से अप्रैल 2016 में उजाला योजना शुरू की थी और इसके तहत सस्ती दरों पर एलईडी बल्बों का वितरण शुरू किया था। एलईडी बल्ब बाजार से 40 प्रतिशत सस्ती दरों पर दिए जा रहे हैं, और बीपीएल कार्डधारियों को तीन-तीन एलईडी बल्ब मुफ्त में बांटे गए हैं। अब ये सारे लोग अपने फ्यूज बल्ब बदलवाने के लिए परेशान हो रहे हैं।