नोटबंदी के बाद बाजार में सबसे बड़ी गिरावट, निवेशकों को 5 लाख करोड़ का नुकसान

Written by Girish Malviya | Published on: September 22, 2018
शेयर बाजार में पिछले चार कारोबारी सत्रों मे हाहाकार मच गया है, कल बाजार में नोटबंदी के बाद अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है.



बाजार में गिरावट से चार दिनों में निवेशकों को 5 लाख 66 हजार 187 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ हैं सिर्फ कल यानी शुक्रवार को ही बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैपिटलाइजेशन) 2 लाख 2 हजार 433.26 करोड़ रुपये घट गया.

लेकिन मुख्य मीडिया में इस पर कोई बात नही हो रही है कि यह गिरावट क्यो हो रही है.

14 सितंबर को बीएसई पर लिस्टेड कुल कंपनियों का मार्केट कैप 1,56,37,019.15 करोड़ रुपए था। वहीं दो दिन पहले यानी 19 सितंबर को 362726.15 करोड़ रुपए घटकर 1,52,74,293 करोड़ रुपए हो गया कल यह लगभग 2 लाख करोड़ ओर घट गया हैं.

सोमवार से लेकर शुक्रवार तक के चार सत्र में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सूचकांक सेंसेक्स 1,249 अंक यानी 3.28 प्रतिशत टूट गया हैं अमेरिकी बैंक गोल्डमैन सैक्स ने भारतीय बाजार की रेटिंग घटा दी है.

कल जो गिरावट आई है वह रिएलिटी शेयरों में जोरदार गिरावट होने के कारण आयी है,दीवान हाउसिंग फाइनेंस के शेयर भारी गिरावट हुई है. शेयर इंट्राडे में 50 फीसदी तक टूट गया है और ये 2 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है, इंडियाबुल्स के शेयर 30 फीसदी तक नीचे आए हैं गृह फाइनेंस 15 फीसदी, एलआईसी फाइनेंस लिमिटेड 15 फीसदी और एलएंडटी हाउसिंग फाइनेंस लिमिलटेड के शेयर 12 फीसदी धड़ाम हुए है.

कल सुबह की पोस्ट में इंडियन एक्सप्रेस की खबर के आधार पर एलआईसी के शेयरों की बात लिखी थी बहुत से मित्रो ने इस बात के लिए आलोचना की है कि एलआईसी लिस्टेड ही नही है, जल्दबाजी में भूल वश इस तथ्य का पुनः परीक्षण नही कर पाया , पाठकों द्वारा की गयी आलोचना स्वीकार करता हूँ पर उस पोस्ट में जो मूल विषय वस्तु थी वह LIC के शेयर नही बल्कि आईएलऐंडएफएस की बिगड़ती हुई हालत थी.

कल एक्सपर्ट्स ने अचानक आई इतनी बड़ी गिरावट का जिम्मेदार अन्य कारकों के साथ आईएलऐंडएफएस में व्याप्त वित्तीय संकट को भी जिम्मेदार माना हैं अब LIC ही इस संकट का समाधान निकालेगी ओर पॉलिसी धारकों के पैसे से आईएलऐंडएफएस को सिर्फ कुछ समय के लिए उबारा जाएगा.

कल यस बैंक के शेयर मे भारी नुकसान हुआ है कारोबार के अखिरी घंटों में येस बैंक के शेयरों में 25.90 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है यस बैंक के एमडी और सीईओ राणा कपूर को बैंक के शेयरहोल्डर्स ने 3 साल का एक्सटेंशन दिया था लेकिन आरबीआई ने इसे घटा दिया इस फैसले का असर शेयर बाजार पर भी देखने को आया, आईसीआईसीआई के बाद एक्सिस ओर अब यस बैंक भी लपेटे में आ गया है.

यह बताता है कि निजी बैंक भी इस NPA के भंवर में बुरी तरह से फंसे हुए हैं.

शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अपने पूरा पैसा निकाल रहे हैं और बढ़ते हुए बाजार का भरम जल्द ही दूर हो जाएगा जिसे मोदी सरकार अपनी उपलब्धि बताती आयी है.

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