बेटी नहीं बच पाई शिवराज !

Published on: August 21, 2018
ज़रा सोचिए, उस मां पर क्या बीत रही होगी जिसकी बच्ची की मौत उसको गोद में लिए अस्पताल में लाइन में लगे हुए ही हो जाए। शिवराज के मध्यप्रदेश में यही हो रहा है जहां इलाज के अभाव में एक बच्ची नहीं बच पाई।

मध्यप्रदेश के सतना जिले की बदहाल अस्पताल व्यवस्था में ये घटना सचमुच हो चुकी है। चार दिन से बुखार में पीड़ित अपनी दस माह की बच्ची को लिए एक महिला को अस्पताल में पर्ची कटाने के लिए ही घंटों खड़ा रहना पड़ गया और लाइन में लगे-लगे ही उसकी बच्ची की उसकी गोद में ही मौत हो गई।

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(स्त्रोत: नईदुनिया)



खाम्हाखूजा गांव की रीना शुक्ला सोमवार को जब अपनी 10 माह की बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंची तो वहां जमा भारी भीड़ के कारण उसे पर्ची कटाने के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ा और जब तक उसका नंबर आ पाता तब तक उसकी बच्ची दम तोड़ चुकी थी।

नईदुनिया की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला सुबह 9 बजे से 10 बजे तक लाइन में ही लगी रही और इसी दौरान उसकी बच्ची की मौत हो गई। काफी देर तक को महिला अपनी मृत बच्ची को लिए ही लाइन में लगी रही और जब उसने बच्ची को हिलाकर देखा तो पाया कि वह हरकत करना बंद चुकी है।

बदहवास महिला बच्ची को लेकर डॉक्टरों के पास भागी भागी पहुंची और तब डॉक्टर उसे इमरजेंसी वॉर्ड में ले गए। वहां जांच करने पर पता चला कि बच्ची तो दम तोड़ चुकी है।

बच्ची की मौत के बाद कुछ लोगों ने मोबाइल पर संपर्क करके उसके परिजनों को घटना की जानकारी दी। इसके बाद परिचित अस्पताल पहुंचे और बच्ची के शव को घर ले गए। महिला का पति एक मामले में जेल में है। घर में अन्य कोई सदस्य नहीं है। इस कारण वह अकेली ही घर में रहती है।

जिला अस्पताल में ओपीडी में भीड़ बहुत ज्यादा रहती है और बदइंतजामी के कारण हालात और भी मुश्किल हो जाते हैं। वैसे तो महिलाओं और पुरुषों के लिए चार-चार काउंटर हैं, लेकिन बदइंतजामी के कारण महिलाओं के काउंटर पर भी पुरुष खड़े रहते हैं। इस वजह से भी रीना शुक्ला को लाइन में ज्यादा देर तक लगना पड़ा, जिस कारण उसकी बच्ची बिना इलाज के ही मर गई।
 

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