वाराणसी परिक्षेत्र में 392 महिला परिचालकों की संविदा भर्ती में सिर्फ 47 आवेदन आए। आरएम ऑफिस में सुबह 11 बजे से मेले में शाम 5 बजे तक 47 महिलाओं ने आवेदन किए।

उत्तर प्रदेश के रोडवेज बसों में महिला कंडक्टर संविदा भर्ती मेले में उच्च डिग्रीधारी महिलाएं भी पहुंचीं। बीएड, एमकॉम व एमएससी, बीएससी, बीकॉम की डिग्रीधारी महिलाओं ने इंटर पास कंडक्टर भर्ती मेला में आवेदन किया। सिर्फ इंटर पास का ही सर्टिफिकेट मांगा गया।
ज्ञात हो कि वाराणसी परिक्षेत्र में 392 महिला परिचालकों की संविदा भर्ती में सिर्फ 47 आवेदन आए।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी परिक्षेत्र में 392 महिला परिचालकों की संविदा भर्ती में सिर्फ 47 आवेदन आए। आरएम ऑफिस में सुबह 11 बजे से मेले में शाम 5 बजे तक 47 महिलाओं ने आवेदन किए। इंटरमीडिएट पास और ट्रिपल सी सर्टिफिकेट, 18 से 40 वर्ष, अनुसूचित जाति/जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा में छूट है।
एनसीसी-बी प्रमाण पत्र, भारत स्काउट एवं गाइड, संस्था के राज्य पुरस्कार व राष्ट्रपति पुरस्कार प्रमाण पत्र धारक महिला अभ्यर्थी को इंटरमीडिएट में प्राप्त प्राप्तांकों पर 5 प्रतिशत वेटेज देते हुए मेरिट का निर्धारण किया गया है। हालांकि, इस तरह की कोई महिला अभ्यर्थी नहीं पहुंची। पांच सदस्यीय अधिकारियों की टीम ने आवेदकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच की।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब चतुर्थ श्रेणी की भर्ती के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त आवेदकों ने आवेदन दिया है।
ज्ञात हो कि पिछले साल दिसंबर महीने में हिमाचल प्रदेश में एमए पास युवाओं ने भी भी चपरासी बनने के लिए आवेदन दिया। राज्य लोक सेवा आयोग में चतुर्थ श्रेणी के चार पदों के लिए आवेदन मांगे गए। इन पदों पर भर्ती के लिए चार हजार से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए। इसमें दसवीं कक्षा में 80 से 85 फीसदी से ज्यादा नंबर वाले भी आवेदक रहे। जबकि उनमें से कई आवेदकों की शैक्षणिक योग्यता तो एमए भी थी और इनके इस परीक्षा में भी अच्छे अंक थे।
आवेदकों से आठवीं के प्रमाणपत्रों को भी अपलोड करने को कहा गया था। साथ ही उनसे दसवीं के प्रमाणपत्रों को भी मांगा गया। दसवीं के प्रमाणपत्रों को जहां आयु प्रमाणपत्र के रूप में पेश किया जाना था, वहीं इनसे मेरिट का भी हिसाब गया।
आयोग ने इसके लिए सात दिसंबर को आवेदन मांगे थे। इनमें से एक अनारक्षित वर्ग, एक अनुसूचित वर्ग, एक अन्य ओबीसी और एक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए रखा गया। यह नियुक्ति अनुबंध आधार पर की जानी थी। इसके लिए पे-बैंड का स्तर भी 8000-56900 के बीच का था। चपरासी के इन पदों को भरने के लिए राज्य भर से आवेदन आए। भर्ती के लिए आवेदन तीन जनवरी तक मांगे गए थे। राज्य लोक सेवा आयोग की सचिव निवेदिता नेगी ने मीडिया से कहा था कि चपरासी के चार पदों के लिए आवेदन आए।
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ज्ञात हो कि वाराणसी परिक्षेत्र में 392 महिला परिचालकों की संविदा भर्ती में सिर्फ 47 आवेदन आए।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी परिक्षेत्र में 392 महिला परिचालकों की संविदा भर्ती में सिर्फ 47 आवेदन आए। आरएम ऑफिस में सुबह 11 बजे से मेले में शाम 5 बजे तक 47 महिलाओं ने आवेदन किए। इंटरमीडिएट पास और ट्रिपल सी सर्टिफिकेट, 18 से 40 वर्ष, अनुसूचित जाति/जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा में छूट है।
एनसीसी-बी प्रमाण पत्र, भारत स्काउट एवं गाइड, संस्था के राज्य पुरस्कार व राष्ट्रपति पुरस्कार प्रमाण पत्र धारक महिला अभ्यर्थी को इंटरमीडिएट में प्राप्त प्राप्तांकों पर 5 प्रतिशत वेटेज देते हुए मेरिट का निर्धारण किया गया है। हालांकि, इस तरह की कोई महिला अभ्यर्थी नहीं पहुंची। पांच सदस्यीय अधिकारियों की टीम ने आवेदकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच की।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब चतुर्थ श्रेणी की भर्ती के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त आवेदकों ने आवेदन दिया है।
ज्ञात हो कि पिछले साल दिसंबर महीने में हिमाचल प्रदेश में एमए पास युवाओं ने भी भी चपरासी बनने के लिए आवेदन दिया। राज्य लोक सेवा आयोग में चतुर्थ श्रेणी के चार पदों के लिए आवेदन मांगे गए। इन पदों पर भर्ती के लिए चार हजार से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए। इसमें दसवीं कक्षा में 80 से 85 फीसदी से ज्यादा नंबर वाले भी आवेदक रहे। जबकि उनमें से कई आवेदकों की शैक्षणिक योग्यता तो एमए भी थी और इनके इस परीक्षा में भी अच्छे अंक थे।
आवेदकों से आठवीं के प्रमाणपत्रों को भी अपलोड करने को कहा गया था। साथ ही उनसे दसवीं के प्रमाणपत्रों को भी मांगा गया। दसवीं के प्रमाणपत्रों को जहां आयु प्रमाणपत्र के रूप में पेश किया जाना था, वहीं इनसे मेरिट का भी हिसाब गया।
आयोग ने इसके लिए सात दिसंबर को आवेदन मांगे थे। इनमें से एक अनारक्षित वर्ग, एक अनुसूचित वर्ग, एक अन्य ओबीसी और एक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए रखा गया। यह नियुक्ति अनुबंध आधार पर की जानी थी। इसके लिए पे-बैंड का स्तर भी 8000-56900 के बीच का था। चपरासी के इन पदों को भरने के लिए राज्य भर से आवेदन आए। भर्ती के लिए आवेदन तीन जनवरी तक मांगे गए थे। राज्य लोक सेवा आयोग की सचिव निवेदिता नेगी ने मीडिया से कहा था कि चपरासी के चार पदों के लिए आवेदन आए।
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