राजस्थान : झुंझुनू में जातिवादियों की धमकियों के बाद दलित दूल्हे की बारात को 60 पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा दी

Written by sabrang india | Published on: February 17, 2025
"हमें शिकायत मिली थी कि राकेश को बारात में घोड़ी पर बैठने को लेकर धमकी दी गई थी।" उन्होंने आगे कहा, "हमने कई लोगों को हिरासत में लिया और तय किया कि बारात शांतिपूर्ण तरीके से निकले।"



स्थानीय लोगों की धमकियों के बाद झुंझुनू जिले के गोविंददासपुर गांव में दलित दूल्हे की बारात कड़ी सुरक्षा के बीच निकाली गई। पुलिस ने ये जानकारी मीडिया को दी।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, दूल्हे राकेश ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर थामे घोड़ी पर सवार होकर बारात निकाली जबकि क्विक रिएक्शन टीम और स्थानीय पुलिस के 60 से ज्यादा कर्मियों ने बारात की सुरक्षा की।

मेहरा पुलिस थाने के प्रभारी भजनराम ने बताया, "हमें शिकायत मिली थी कि राकेश को बारात में घोड़ी पर बैठने को लेकर धमकी दी गई थी।" उन्होंने आगे कहा, "हमने कई लोगों को हिरासत में लिया और तय किया कि बारात शांतिपूर्ण तरीके से निकले।"

राकेश के परिवार ने बताया कि कुछ ऊंची जाति के युवकों ने उन्हें धमकाया और राकेश को घोड़ी पर न बैठने की धमकी दी। परिवार द्वारा पुलिस को जानकारी दिए जाने के बाद, सुरक्षा के लिए मेहरा, खेतड़ी, खेतड़ी नगर और बाबई पुलिस थानों के अधिकारियों को तैनात किया गया। भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष विकास आल्हा और राज्य सचिव रवि मरोदिया भी परिवार का मदद करने के लिए मौजूद थे।

राकेश ने कहा, "मैं डरा हुआ था, लेकिन मैं गर्व के साथ अपनी बारात ले जाने के लिए दृढ़ संकल्प था।"

यह घटना पिछले दिसंबर में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई एक ऐसी ही घटना की याद दिलाती है, जब एक दलित दूल्हे रॉबिन सिंह को उसकी घोड़ी से जबरन उतार दिया गया था और ऊंची जाति के लोगों ने उनकी बारात पर पत्थर फेंके थे।

भीम आर्मी के रवि मरोदिया ने कहा, "ऐसी घटनाएं दिखाती हैं कि दलित अभी भी अपनी गरिमा के लिए लड़ रहे हैं।"

ज्ञात हो कि हाल ही में तमिलनाडु के सिवागंगा जिले के मेलापिडावुर गांव में 21 वर्षीय दलित छात्र पर जातिवादियों द्वारा मोटरसाइकिल चलाने को लेकर हमला किया गया। पीड़ित आर. अय्यासामी को दोनों हाथों में गंभीर चोटें आई।

पुलिस के हवाले से द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, अय्यासामी अपनी मोटरसाइकिल से घर लौट रहे थे, तभी उसी गांव के तीन युवकों ने उन्हें रोक लिया और धारदार हथियारों से हमला कर दिया। आरोपी युवक के रूप आर. विनोदकुमार (21), ए. अतीश्वरन (22) और एम. वल्लारासु (21) की पहचान की गई।

घायल छात्र के रिश्तेदार मुनियासामी ने मीडिया को बताया कि हमलावरों ने अय्यासामी के हाथों पर हमला करते हुए कहा, “सिर्फ ऊंची जाति के युवक ही महंगी बाइक्स चला सकते हैं; दलितों को ऐसा करने की इजाज़त नहीं।” उन्होंने जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया। मुनियासामी ने कहा कि अय्यासामी ने किसी तरह वहां से भागकर अपनी जान बचाई।

रिपोर्ट के अनुसार, हमले के बाद एक समूह ने अय्यासामी के परिवार के घर पर हमला कर दिया। मुनियासामी ने कहा कि गांव में जातिगत भेदभाव लंबे समय से चला आ रहा है और उन्होंने पुलिस सुरक्षा की मांग की। अय्यासामी के पिता भूमिनाथन के अनुसार, हमलावर उनके बेटे के बुलेट मोटरसाइकिल चलाने से नाराज थे। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले भी हमलावरों ने बाइक को नुकसान पहुंचाया था।

वहीं पिछले महीने मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के हीरानगर गांव में दलित बंसाकर समुदाय के ग्रामीणों ने स्थानीय नाइयों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिन्होंने उनका बाल काटने से इनकार कर दिया था।

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